यौन शोषण मामला: कोठी में बच्चियों को ले जाने वाली महिलाओं का नहीं मिला सुराग, जांच पर उठे सवाल
पुलिस ने विमल चंद की रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी डाली थी, जिसपर सुनवाई करते हुए अदालत ने कारागार में विमल चंद के बयान दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

मेरठ, एबीपी गंगा। जागृति विहार में कोठी के अंदर बच्चियों के साथ यौन शोषण मामले में पुलिस को अबतक बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। जागृति विहार के नीरजा आनंद भवन में बच्चियों से यौन शोषण के पुलिस की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है। अभी तक बच्चियों को कोठी में भेजने वाली महिलाओं को पुलिस पकड़ नहीं सकी है। बता दें कि, पुलिस ने विमल चंद की रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी डाली थी, जिसपर सुनवाई करते हुए अदालत ने कारागार में विमल चंद के बयान दर्ज करने के आदेश दिए।
ऐसे सामने आया सच
उन्नाव का रहने वाला रिटायर्ड एलआइसी अफसर विमल चंद कुरील जागृति विहार स्थित आवास के अंदर बच्चियों का शोषण करता था। गत वर्ष नवंबर में विमल ने कोठी को सीसीटीवी से कवर्ड कराया था। कैमरों में कोठी के अंदर होने वाली हैवानियत रिकॉर्ड हो गई। सीसीटीवी कैमरे लगाने वाले तुषार राणा और आशु कन्नौजिया ने वीडियो हासिल कर विमल को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। विमल चंद ने दोनों ब्लैकमेलर को रकम नहीं दी,जिस पर उन्होंने अश्लील फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया।

विमल चंद को रिमांड में लेने के लिए अर्जी
पीड़िताओं के अदालत में बयान दर्ज कराए चुके हैं लेकिन बच्चियों को कोठी में ले जाने वाली महिलाओं की धरपकड़ अब तक नहीं हो सकी है। उधर,सरकारी अधिवक्ता रियासत हुसैन ने बताया कि विमल चंद को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने अर्जी डाली थी, जिसपर सुनवाई करते हुए अदालत ने पुलिस को आदेश दिए कि विमल चंद के जिला कारागार में पहुंच ही बयान दर्ज करें। जसपुर के दिव्यांशी राज 98.04 प्रतिशत के साथ 12वीं के टॉपर थे। वहीं, खटिमा के 98.04 फीसदी के काजल प्रजापति ने टॉप किया था।
Source: IOCL





















