रुद्राक्ष की माला, SUV कार की चाभी और स्टाइलिश अंदाज, महाकुंभ में सबसे अलग है Time बाबा का रूप
Maha Kumbh 2025: बाबा का दावा है कि इनमें से कोई भी घड़ी उन्होंने खुद नहीं खरीदी. भक्त लोग जो देते हैं उसे ग्रहण कर लेते हैं. कोई भक्त निराश ना हो, इसलिए हाथ, पैर और गले में भी घड़ी लटकाए रहते हैं.

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में घड़ी वाले बाबा लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. बाबा एक-दो नहीं बल्कि पचीस से तीस घड़ियां पहनते हैं. दोनों हाथ की कलाइयों पर छह सात घड़ियां बांधते हैं. हाथ के अलावा पैरों में भी कई घड़ी बांधते हैं. इनमें ज्यादातर स्मार्ट वॉच होती हैं. हाथ और पैर के अलावा शरीर के कुछ अन्य हिस्सों पर भी घड़ियां लटकती रहती हैं.
रुद्राक्ष की माला और एसयूवी कार की चाभी के साथ ही तीन-चार घड़ियां तो बाबा के गले की शोभा बढ़ाती है. घड़ियों से लदा होने की वजह से ही कोई उन्हें घड़ी वाला बाबा कहता है तो कोई उन्हें टाइम बाबा के नाम से पुकारता है. बाबा की पहचान सिर्फ इतनी ही नहीं है. कोई उन्हें बड़के बाबा कहता है तो कोई गाड़ी वाले बाबा. कोई एसयूवी वाले बाबा बोलता है तो कोई बोनट वाले बाबा. महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े यह संन्यासी बड़े आकार का स्टाइलिश रंगीन चश्मा भी पहने रहते हैं, इसलिए कुछ लोग उन्हें स्टाइलिश बाबा भी बोलते हैं.
महाकुंभ में जो लोग बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद हासिल करने के लिए आते हैं, बाबा उन्हें मोर पंख के जरिए आशीर्वाद देते हैं. मोर पंख की झाड़ू लोगों के सर पर मारते हैं, इसलिए लोग उन्हें मोर पंख वाले बाबा और झाड़ू वाले बाबा के नाम से भी पुकारते हैं. कहा जा सकता है कि विलक्षण प्रतिभा के धनी यह बड़के बाबा सन्यासियों के समागम में ऑलराउंडर की तरह है. इसी वजह से कहा जा सकता है कि बाबा तो एक है लेकिन उनका रूप-नाम और पहचान अनेक है.
महानिर्वाणी अखाड़े के यह नागा बाबा लोगों को अपना असली नाम नहीं बताते हैं. उनके मुताबिक अब बड़के बाबा ही उनकी पहचान बना हुआ है. अखाड़े के शिविर के बाहर वह अपनी एसयूवी कार के बोनट पर बैठकर स्टाइलिश अंदाज में लोगों को दर्शन व आशीर्वाद देते हैं. बाबा के शरीर पर बंधी घड़ियों को देखकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं.
भगवान शिव के ही भजन गुनगुनाते हैं बाबा
बाबा का दावा है कि इनमें से कोई भी घड़ी उन्होंने खुद नहीं खरीदी. भक्त लोग जो देते हैं उसे ग्रहण कर लेते हैं. कोई भक्त निराश और दुखी ना हो, इसलिए हाथ के साथ ही पैर और गले में भी घड़ी लटकाए रहते हैं. बाबा का कहना है कि वह लोगों के सिर पर मोर पंख मार कर उनका वक्त अच्छा होने की कामना करते हैं. यह अनूठे बाबा भजन भी बहुत मधुर आवाज में सुनाते हैं. खुद को भोले का भक्त बताने वाले यह बाबा भगवान शिव के ही भजन गुनगुनाते हैं. श्रद्धालुओं को भी भगवान भोलेनाथ और प्रभु राम के नाम के जयकारे लगवाते हैं.
योगी सरकार की व्यवस्थाओं से बेहद खुश हैं बाबा
बाबा महाकुंभ में यूपी की योगी सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से बेहद खुश हैं, इसके लिए सीएम योगी का आभार जताते हैं. उनका कहना है की तीसरे शाही स्नान के बाद वह महाकुंभ से निकलकर नेपाल के लिए रवाना हो जाएंगे. कुछ दिन नेपाल में बिताकर वहीं धूनी रमाएंगे. बहरहाल प्रयागराज महाकुंभ में बाबा लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
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