बिजली के निजीकरण का विरोध तेज, लखनऊ में 9 अप्रैल को बड़ा प्रदर्शन, देशभर से कर्मचारी होंगे शामिल
Electricity Privatisation: बिजली कर्मचारी लंबे समय से निजीकरण की प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं. इसे लेकर रविवार को चेन्नई में समन्वय समिति की बैठक हुई, 9 अप्रैल को लखनऊ में बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा.

Electricity Privatisation: बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया के विरोध में बिजली विभाग के कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. बिजली राज्य कर्मचारियों न अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने अब इसे लेकर उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से बिजली निजीकरण के लिए बनाई गई सलाहकार चयन की प्रकिया को निरस्त करने की मांग की है. समिति ने कहा कि इस प्रक्रिया को असंवैधानिक तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है.
बिजली कर्मचारी लंबे समय से निजीकरण की प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं. इसे लेकर रविवार को चेन्नई में समन्वय समिति की बैठक हुई, जिसमें 9 अप्रैल को लखनऊ में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया है. इस विरोध प्रदर्शन में देश भर से सभी प्रांतों के बिजली इंजीनियर और कर्मचारियों शामिल होंगे.
लखनऊ में 9 अप्रैल को होगा बड़ा प्रदर्शन
इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि जिस तरह से सलाहकार के चयन में हितों के टकराव के प्रावधान को हटाया गया है. उससे ऐसा लग रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया के पीछे कोई बड़ा घोटाला हो सकता है. जिसके बाद समिति ने सरकार से मांग की है कि वो सलाहकार चयन की प्रक्रिया को ही रद्द करे. इसके साथ ही इस बैठक में यूपी के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के संघर्ष को खुला समर्थन भी दिया है.
लखनऊ में 9 अप्रैल को जहां सभी प्रांतों के इंजीनियर और कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का फैसला लिया है वहीं समिति के आह्वान पर 17 मार्च सोमवार को भी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी हिस्सों में विरोध जारी रहेगा. इस बीच राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने दावा किया है कि सलाहकार चयन के लिए जो तीन कंपनियां टेंडर में शामिल की गई है वो तीनों देश के बड़े औद्योगिक घरानों के साथ काम कर रही हैं. इस मामले को लेकर आयोग जनहित प्रत्यावेदन दाखिल करेगा.
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