एक्सप्लोरर

Loksabha Election 2019: देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला है यूपी, जानिए इस फेहरिस्त में कौन-कौन शामिल

इसी उत्तर प्रदेश ने देश को अबतक सर्वाधिक नौ प्रधानमंत्री दिए हैं। इस बार भी यह उम्मीद जताई जा रही है कि अगला प्रधानमंत्री भी यूपी से ही होगा, क्योंकि प्रधानमंत्री की कुर्सी के दो प्रबल दावेदार यूपी से ही चुनावी दंगल में जोर-आजमाइश कर रहे हैं।

लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश को दिल्ली की सियासत का दिल माना जाता है। कहते भी है कि दिल्ली की गद्दी का सफर उत्तर प्रदेश की गलियों से होकर गुजरता है। इसी उत्तर प्रदेश ने देश को अबतक सर्वाधिक नौ प्रधानमंत्री दिए हैं। इस बार भी यह उम्मीद जताई जा रही है कि अगला प्रधानमंत्री भी यूपी से ही होगा, क्योंकि प्रधानमंत्री की कुर्सी के दो प्रबल दावेदार यूपी से ही चुनावी दंगल में जोर-आजमाइश कर रहे हैं। निवर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार से वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी विरासत सीट अमेठी से चुनावी मैदान में उतरे हैं। उधर, बीएसपी सुप्रीमो मायावती भी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कर रही हैं।

मोदी, राहुल, माया...कौन बनेगा मुख्यमंत्री

यूपी से निकले प्रधानमंत्रियों की फेहरिस्त पर जाने से पहले मौजूदा हाल पर एक नजर डाल लेते हैं। बीजेपी नीत एनडीए की तरफ से इस बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी की जीत होती है, तो नरेंद्र मोदी फिर से पीएम की गद्दी पर काबिज होंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री पद के चेहरे माने जा रहे हैं। बीते दिनों राहुल खुद भी ये कहते हुए देखे गए कि वो इस जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं। हालांकि कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री चेहरे को लेकर विवाद कई बार सामने आ चुका है। जिके बाद पार्टी को स्पष्ट करना पड़ा कि अभी उनकी तरफ से अभी प्रधानमंत्री चेहरे को लेकर कोई नाम तय नहीं किया गया है। इसका फैसला लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद लिया जाएगा।

भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए यूपी में सपा-बसपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। गठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं है, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने गठबंधन का समर्थन करते हुए 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। गठबंधन की तरफ से मायावती प्रधानमंत्री पद की प्रबल दावेदार हो सकती हैं।

यूपी ने देश को दिए ये 9 प्रधानमंत्री

  1. पंडित जवाहर लाल नेहरू
  2. लाल बहादुर शास्त्री
  3. इंदिरा गांधी
  4. चौधरी चरण सिंह
  5. राजीव गांधी
  6. वीपी सिंह
  7. चंद्रशेखर
  8. अटल बिहारी वाजपेयी
  9. नरेंद्र मोदी

पंडित जवाहर लाल नेहरू

Loksabha Election 2019: देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला है यूपी, जानिए इस फेहरिस्त में कौन-कौन शामिल

पंडित जवाहर लाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। देश के पहले प्रधानमंत्री का सफर भी यूपी से होते हुए पीएम की कुर्सी तक पहुंचा। आज़ादी के बाद से ही फूलपुर संसदीय सीट न सिर्फ प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का संसदीय क्षेत्र रही है, बल्कि यहां से तमाम दिग्गजों ने चुनाव लड़ा है।

1947 में देश आजाद हुआ और 1950 में संविधान लागू हुआ। 1951-52 में स्वतंत्र भारत का पहला आम चुनाव हुआ। ये चुनाव 25 अक्टूबर 1951 में शुरू होकर 21 फरवरी 1952 को खत्म हुआ। स्वतंत्र भारत के पहले ही चुनाव में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत हासिल किया और 364 सीटों पर जीत दर्ज कर नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने। हालांकि पहले प्रधानमंत्री की रेस में सरदार वल्लभभाई पटेल का भी नाम शामिल था, लेकिन देश के प्रथम चुनाव से पहले ही 1950 में पटेल का निधन हो चुका था।

नेहरू के नाम सबसे ज्यादा समय तक (16 साल, 286 दिन)  प्रधानमंत्री पद पर काबिज रहने का रिकॉर्ड भी है। 15 अगस्त 1947 से लेकर अपने निधन के दिन 26 मई 1964 तक नेहरू इस पद पर बने रहे। 74 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से नेहरू की मृत्यु हो गई।

  • जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद (अब के प्रयागराज) में हुआ था।
  • उनके पिता मोतीलाल नेहरू स्वतंत्रता सेनानी थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष चुने गए।
  • जवाहरलाल नेहरू ने ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज (लंदन) से पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय सेलॉ की डिग्री हासिल की।
  • 1916 में नेहरू की शादी कमला नेहरू से हुई। बीमारी की वजह से 1936 में कमला नेहरू की मौत हो गई।
  • नेहरू की एक ही संतान थीं, इंदिरा गांधी... जो बाद में जाकर भारत की प्रधानमंत्री बनीं। इंदिरा देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री थीं।

लाल बहादुर शास्त्री

Loksabha Election 2019: देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला है यूपी, जानिए इस फेहरिस्त में कौन-कौन शामिल

'जय जवान, जय किसान' का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री न सिर्फ प्रसिद्ध राजनेता और महान स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि वे जवाहरलाल नेहरू और गुलजारीलाल नंदा (कार्यवाहक प्रधानमंत्री) के बाद भारत के तीसरे प्रधानमंत्री थे। शास्त्री 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमंत्री रहे।

शास्त्री ने न सिर्फ देश कौ सैन्य गौरव का तोहफा दिया बल्कि हरित क्रांति और औद्योगीकरण की राह पर भी देश को आगे ले गए। वे बेहद ही सादगी पसंद व ईमानदार राजनेता थे।

  • लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तरप्रदेश के मुगलसराय में हुआ था।
  • पिता शारदा प्रसाद प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे और माता का नाम रामदुलारी देवी था।
  • काशी विद्यापीठ से लाल बहादुर को 'शास्त्री' की उपाधि मिली तो इन्होंने अपना जातिसूचक शब्द 'श्रीवास्तव' हटाकर अपने नाम के आगे 'शास्त्री' लगा लिया।
  • 11 जनवरी 1966 को शास्त्री की ताशकंद में मृत्यु हो गई। वे पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग खत्म करने के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए ताशकंद गए थे। कहा गया कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई, हालांकि इस पर अभी भी संदेह बरकरार है।
  • मरणोपरांत उनको ईमानदारी, सच्चाई देशभक्ति और साफ-सुधरी छवि होने कारण भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

इंदिरा गांधी

Loksabha Election 2019: देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला है यूपी, जानिए इस फेहरिस्त में कौन-कौन शामिल

इंदिरा गांधी 1966 से 1977 और 1980 से 1984 के बीच देश की प्रधानमंत्री रहीं। ‘गरीबी हटाओ’ का नारा देने वाली इंदिरा गांधी भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। अपने दृढ़ निश्चय, साहस और निर्णय लेने के अद्भुत क्षमता के कारण इंदिरा को विश्व राजनीति में ‘लौह महिला’ के रूप में जाना जाता है। शास्त्री जी के निधन के बाद 1966 में वे देश के सबसे शक्तिशाली पद पर आसीन हुईं।

किसी समय में ‘गूंगी गुड़िया’ कही जाने वाली इंदिरा गांधी ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण, 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध (जिसमें बांग्लादेश का उदय हुआ) जैसे साहसिक फैसले लेकर बहुत तेजी से भारतीय राजनीति के आकाश पर छा गईं। इंदिरा की ऐतिहासिक कामयाबियों के चलते उस समय देश में ‘इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा’ का नारा जोर-शोर से गूंजने लगा। तमाम बड़े और साहसिक फैसले लेने के साथ ही 1975 में आपातकाल लागू करने का फैसला इंदिरा गांधी के कार्यकाल के काले दिनों में शामिल है। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे। इसे स्वतंत्र भारत का सबसे विवादास्पद दौर भी माना जाता है।

‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के बाद इंदिरा सिख अलगावादियों के निशाने पर आ गईं और यहीं उनकी मौत का कारण भी बना। 31 अक्टूबर, 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों ने सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।

  • इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को इलाहाबाद में आनंद भवन में हुआ था।
  • इंदिरा देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की एकमात्र संतान थी।
  • इंदिरा के दो बेटे संजय गांधी और राजीव गांधी थे। संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत होने के बाद इंदिरा के कहने पर राजीव गांधी को पॉलिटिक्स में आना पड़ा। बाद में इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी पीएम बने।

चौधरी चरण सिंह

Loksabha Election 2019: देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला है यूपी, जानिए इस फेहरिस्त में कौन-कौन शामिल

भारत के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह किसानों के नेता माने जाते रहे थे। वे 28 जुलाई 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980 तक पीएम रहे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, 28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह कांग्रेस और सीपीआई के सहयोग से जनता पार्टी के चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बने थे।

राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने चरण सिंह को 20 अगस्त तक लोकसभा में अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया। हालांकि इंदिरा गांधी ने 19 अगस्त को ही यह घोषणा कर दी कि वो चरण सिंह सरकार को संसद में बहुमत साबित करने में साथ नहीं देंगी। नतीजतन चरण सिंह ने लोकसभा का सामना किए बिना ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति ने 22 अगस्त, 1979 को लोकसभा भंग करने की घोषणा कर दी। लोकसभा का मध्यावधि चुनाव हुआ और इंदिरा गांधी 14 जनवरी, 1980 को प्रधानमंत्री बन गईं। इस तरह वे बतौर देश के प्रधानमंत्री उनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा। वे महज 5 महीने और कुछ दिन ही देश के प्रधानमंत्री रह पाए।

  • चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर, 1902 को यूनाइटेड प्रोविंस के नूरपुर गांव में हुआ, जो अब उत्तर प्रदेश है।
  • चौधरी चरण सिंह का जन्म एक जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता किसान थे।
  • वे बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। गरीबी की जिंदगी जीने के बाद उन्होंने पढ़ाई को हमेशा तवज्जो दी।
  • आगरा यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा लेकर 1928 में चौधरी चरण सिंह ने गाजियाबाद में वकालत प्रारंभ की। वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका विवाह गायत्री देवी से हुआ।
  • चरण सिंह 1937 में विधानसभा के सदस्य चुने गए थे।
  • तीन अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 17 अप्रैल 1968 को उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
  • 1977 में वो केंद्र सरकार में उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बने।

राजीव गांधी

Loksabha Election 2019: देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला है यूपी, जानिए इस फेहरिस्त में कौन-कौन शामिल

राजीव गांधी देश के सातवें और भारतीय इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे। एक एयरलाइन्स में बतौर पायलट नौकरी कर रहे राजीव गांधी को कभी भी राजनीति में कोई रूचि नहीं थी, लेकिन हालात ऐसे बने की उन्हें राजनीति में आना पड़ा।

1980 में छोटे भाई संजय गांधी की हवाई जहाज दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद मां इंदिरा के कहने पर राजीव गांधी ने राजनीति में एंट्री की। राजीव...संजय गांधी की लोकसभा सीट (अमेठी) से सांसद बने।

1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने थे। राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और वो देश के सातवें प्रधानमंत्री थे। मां इंदिरा की तरह ही प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए राजीव गांधी की भी हत्या कर दी गई थी।

आम चुनाव के प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में 21 मई, 1991 को एलटीटीई के आत्मघाती हमलावर ने उनकी हत्या कर दी। धनु नाम की महिला हमलावर ने राजीव गांधी के पैर छूने के बाद खुद को बम से उड़ा लिया था। इस हमले में राजीव गांधी के अलावा 14 अन्य लोगों की जान चली गई थी।

  • राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था।
  • 1968 में राजीव गांधी और सोनिया ने शादी कर ली। इटवी की एन्टोनिया माईनो राजीव गांधी से शादी करने के बाद सोनिया गांधी हो गईं। राजीव-सोनिया के दो बच्चे हैं- राहुल गांधी और प्रियंका गांधी। राहुल वर्तमान में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
  • अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में राजीव गांधी ने कई ऐतिहासिक और परिवर्तन वाले कदम उठाए। दूरसंचार, कंप्यूटर क्रांति और युवाओं को 18 साल में मताधिकार की शुरुआत भी राजीव गांधी ने की।
  • 1989 में सेना के लिए खरीदे जाने वाले बोफोर्स तोप घोटाले में भी राजीव गांधी का नाम सामने आया। जिसके बाद वो लोकसभा चुनाव बुरी तरह से हारे थे।

वीपी सिंह

Loksabha Election 2019: देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला है यूपी, जानिए इस फेहरिस्त में कौन-कौन शामिल

भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़कर सत्ता में आए विश्वनाथ प्रताप सिंह (वीपी सिंह) का पूरा करियर बेदाग रहा। ये भी कहा जा सकता है कि वीपी सिंह भारतीय राजनीति में सिद्धांत की राजनीति करने वाली पीढ़ी के आखिरी नेता थे। वीपी सिंह देश के आठवें प्रधानमंत्री थे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वीपी सिंह का शासनकाल एक साल से भी कम का रहा।

वीपी सिंह दो दिसंबर 1989 से लेकर 10 नवंबर 1990 तक देश के पीएम रहे। इससे पहले वे यूपी में 1980 से 1982 तक मुख्यमंत्री भी रहे। 27 नवंबर 2008 में 77 वर्ष की उम्र में उनका दिल्ली के हॉस्पिटल में निधन हो गया।

  • वीपी सिंह का जन्म 25 जून 1931 में यूपी के इलाहाबाद में हुआ।
  • उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और पूना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की।
  • वो गैर-कांग्रेसवाद के जोड़तोड़ वाले राजनीतिक दौर में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे।
  • मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने जैसा अहम फैसला लिया।
  • उनके कार्यकाल में भारतीय समाज की छह हजार से ज्यादा जातियों को सिर्फ चार बड़े वर्गों में बांट दिया गया। इनमें अनुसूचित जाति और जनजाति तो पहले से ही थी। उनके प्रयासों से दो और वर्ग इसके साथ जुड़ गए- अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग। आज भारत की पूरी आबादी में हर नागरिक इन चार श्रेणियों में से किसी एक पहचान के साथ है।
  • उन्होंने भूदान आंदोलन में हिस्सा लेते हुए अपनी ज्यादातर जमीन दान में दे दी थी। परिवार वालों ने इसके बाद उनसे नाता तोड़ लिया था।

चंद्रशेखर

Loksabha Election 2019: देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला है यूपी, जानिए इस फेहरिस्त में कौन-कौन शामिल

चंद्रशेखर सिंह भारत के नौवें प्रधानमंत्री थे। युवा तुर्क ना से मशहूर रहे चंद्रशेखर के लिए कहा जाता है कि वो पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने राज्य मंत्री या केंद्र में मंत्री बने बिना ही सीधे प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। चंद्रशेखर एक लोकप्रिय राजनेता नेता होने के साथ-साथ प्रखर वक्ता, विद्वान लेखक और बेबाक समीक्षक भी थे। चंद्रशेखर हमेशा व्यक्तिगत राजनीति के खिलाफ रहे एवं वैचारिक तथा सामाजिक परिवर्तन की राजनीति का समर्थन किया।

साल 1990 में उन्हें प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला, वे केवल 7 महीने तक इस पद पर बने रहे। साल 1990 में उन्हें प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला। उस वक्त राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने उन्हें समर्थन दिया था। हालांकि पीएम बनने के बाद चंद्रशेखर ने कांग्रेस के हिसाब से चलने से इंकार कर दिया और सात महीने के भीतर ही राजीव गांधी ने समर्थन वापस ले लिया। वे 10 नवबंर 1990 से लेकर 21 जून 1991 तक पीएम के पद पर रहे।

  • चंद्रशेखर का जन्म 1 जुलाई, 1927 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थित इब्राहिमपत्ती गांव के एक किसान परिवार में हुआ था।
  • प्रारंभिक शिक्षा डीएवी स्कूल में हुई और वह अपने गांव से मेरिट की परीक्षा पास करने वाले पहले छात्र थे।
  • इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा पूरी की।
  • 8 जुलाई 2007 को कैंसर के कारण उनकी मौत हो गई। दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली।

 अटल बिहारी वाजपेयी

Loksabha Election 2019: देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला है यूपी, जानिए इस फेहरिस्त में कौन-कौन शामिल

अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। पहले 13 दिन तक, फिर 13 महीने तक और उसके बाद उसके बाद 1999 से 2004 तक का प्रधानमंत्री पद पर काबिज रहे। वाजपेयी प्रधानमंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने यह साबित करके दिखाया कि देश में गठबंधन की सरकारें को भी सफलता से चलाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री के तौर पर वाजपेयी के जिस काम को सबसे ज़्यादा अहम माना जा सकता है वो सड़कों के माध्यम से भारत को जोड़ने की योजना है। उनके द्वारा लिए गए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना क फैसले ने देश के आर्थिक विकास को रफ्तार दी।1999 में वाजपेयी ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के एकाधिकार को खत्म करते हुए नई टेलिकॉम नीति लागू की। छह से 14 साल के बच्चों को मुफ़्त शिक्षा देने का अभियान वाजपेयी के कार्यकाल में ही शुरू किया गया था। 2000-01 में उन्होंने ये स्कीम लागू की। मई 1998 में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। ये 1974 के बाद भारत का पहला परमाणु परीक्षण था। वाजपेयी ने परीक्षण ये दिखाने के लिए किय़ा था कि भारत परमाणु संपन्न देश है।

  • वाजयेपी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 में मध्य प्रदेश के ग्वालियार में हुआ था, लेकिन वे लखनऊ को अपनी कर्मभूमि मानते थे।
  • उत्तर प्रदेश से ही उन्होंने संसद और फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का रास्ता तय किया।
  • वे राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे कवि भी थे।
  • देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद अटल वो नेता थे, जिन्होंने लगातार दो बार पीएम पद संभाला।
  • लंबी बीमारी के चलते 16 अगस्त, 2018 को वाजपेयी का निधन हो गया।
  • वाजपेयी को देश के शीर्ष नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से 2015 सम्मानित किया गया था।

नरेंद्र दामोदरदास मोदी

Loksabha Election 2019: देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला है यूपी, जानिए इस फेहरिस्त में कौन-कौन शामिल

नरेंद्र दामोदरदास मोदी भारत के 14वें प्रधानमंत्री हैं और वाराणसी से सांसद हैं। मोदी भारत के प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम पीएम हैं। इससे पहले वे 7 अक्तूबर 2001 से 22 मई 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 2014 में ऐसी मोदी लहर चली कि विपक्ष का सूपड़ा ही साफ हो गया।

गुजरात से निकलकर केंद्र की राजनीति में आए मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने अकेले अपने दम पर 282 सीटें जीती, जबकि एनडीए 336 सीटों पर जीत दर्ज की। मोदी ने 2014 में दो लोकसभा सीटों- वडोदरा और वाराणसी से चुनाव लड़ा था और दोनों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन बाद में उन्होंने वडोदरा सीट को छोड़ दिया था और उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से जीतकर देश के प्रधानमंत्री पद पर काबिज हुए।

  • नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर के एक गुजराती परिवार में हुआ।
  • आठ साल की उम्र में वे आरएसएस । सक्रिय राजनीति में आने से पहले मोदी कई वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे।
  • 1985 में वे भाजपा से जुड़े
  • नरेंद्र मोदी ने लाल कृष्ण आडवाणी की 1990 की सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के आयोजन में अहम भूमिका अदा की।
  • 2001 में केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद मोदी को गुजरात की कमान सौंपी गई. उस समय गुजरात में भूकंप आया था और भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।
  • गुजरात की सत्ता संभालने के लगभग पांच महीने बाद गोधरा कांड हुआ, जिसमें कई हिंदू कारसेवक मारे गए।
  • इसके ठीक बाद फरवरी 2002 में गुजरात में दंगे भड़क गए। गुजरात दंगों में लगभग 2000 लोग मारे गए, इनमें ज्यादातर मुसलमान थे। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात का दौर किया, तो उन्होंनें उन्हें 'राजधर्म निभाने' की सलाह दी जिसे वाजपेयी की नाराजगी के संकेत के रूप में देखा गया। मोदी के खिलाफ दंगों से संबंधित कोई आरोप किसी कोर्ट में सिद्ध नहीं हुए हैं।

2014 में वे केंद्र की राजनीति में आए और ऐतिहासिक जीत दर्ज कर पीएम की कुर्सी पर बैठे। इस बार के चुनाव में भी भाजपा मोदी के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरी है।

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

ट्रेन में ज्यादा सामान ले जाने पर लगेगा एक्स्ट्रा चार्ज? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में दिया ये जवाब 
ट्रेन में ज्यादा सामान ले जाने पर लगेगा एक्स्ट्रा चार्ज? रेल मंत्री ने संसद में दिया ये जवाब 
इकाना स्टेडियम में T-20 मैच रद्द, भड़के अखिलेश यादव ने 2 तस्वीरें की शेयर, लिखा- मुंह ढक लीजिए कि लखनऊ में...
इकाना स्टेडियम में T-20 मैच रद्द, भड़के अखिलेश यादव ने 2 तस्वीरें की शेयर, लिखा- मुंह ढक लीजिए कि लखनऊ में...
'गांधी जी की दूसरी बार हत्या, नेहरू के बाद अब...', MNREGA का नाम बदलने पर पी. चिदंबरम का बड़ा बयान
'गांधी जी की दूसरी बार हत्या', MNREGA का नाम बदलने पर पी. चिदंबरम का बड़ा बयान
IPL 2026 Mumbai Indians Playing 11: विल जैक्स और रियान रिकल्टन OUT, रदरफोर्ड और डिकॉक IN; देखें मुंबई इंडियंस की प्लेइंग इलेवन
विल जैक्स और रियान रिकल्टन OUT, रदरफोर्ड और डिकॉक IN; देखें मुंबई इंडियंस की प्लेइंग इलेवन

वीडियोज

UP News:स्कूल के मिड-डे मील में रेंगते मिले कीड़े, हड़कंप मचने के बाद BSA ने बैठाई जांच! | Mau
Janhit with Chitra Tripathi : सोनिया-राहुल को मिली राहत पर राजनीति? | National Herald Case
डांस रानी या ईशानी की नौकरानी ? Saas Bahu Aur Saazish (17.12.2025)
Sandeep Chaudhary: नीतीश की सेहत पर बहस, CM पद को लेकर बड़ा सवाल | Nitish Kumar Hijab Row
Bharat Ki Baat: असल मुद्दों पर सियासत..'राम-राम जी'! | VB–G RAM G Bill | BJP Vs Congress

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
ट्रेन में ज्यादा सामान ले जाने पर लगेगा एक्स्ट्रा चार्ज? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में दिया ये जवाब 
ट्रेन में ज्यादा सामान ले जाने पर लगेगा एक्स्ट्रा चार्ज? रेल मंत्री ने संसद में दिया ये जवाब 
इकाना स्टेडियम में T-20 मैच रद्द, भड़के अखिलेश यादव ने 2 तस्वीरें की शेयर, लिखा- मुंह ढक लीजिए कि लखनऊ में...
इकाना स्टेडियम में T-20 मैच रद्द, भड़के अखिलेश यादव ने 2 तस्वीरें की शेयर, लिखा- मुंह ढक लीजिए कि लखनऊ में...
'गांधी जी की दूसरी बार हत्या, नेहरू के बाद अब...', MNREGA का नाम बदलने पर पी. चिदंबरम का बड़ा बयान
'गांधी जी की दूसरी बार हत्या', MNREGA का नाम बदलने पर पी. चिदंबरम का बड़ा बयान
IPL 2026 Mumbai Indians Playing 11: विल जैक्स और रियान रिकल्टन OUT, रदरफोर्ड और डिकॉक IN; देखें मुंबई इंडियंस की प्लेइंग इलेवन
विल जैक्स और रियान रिकल्टन OUT, रदरफोर्ड और डिकॉक IN; देखें मुंबई इंडियंस की प्लेइंग इलेवन
Birthday Special: एक फिल्म से रातोरात बनीं स्टार, फिर 'ऐश्वर्या राय' की हमशक्ल होना ले डूबा करियर, पहचाना?
एक फिल्म से रातोरात बनीं स्टार, फिर 'ऐश्वर्या राय' की हमशक्ल होना ले डूबा करियर, पहचाना?
अगर दूसरे ऑफिस की लड़की को छेड़ा तो क्या लगेगा PoSH, जानें क्या हैं नियम?
अगर दूसरे ऑफिस की लड़की को छेड़ा तो क्या लगेगा PoSH, जानें क्या हैं नियम?
छात्र नहीं, फिर भी स्कूल और शिक्षक मौजूद; सरकारी आंकड़ों ने खोली पोल,जानें क्या है पूरा मामला
छात्र नहीं, फिर भी स्कूल और शिक्षक मौजूद; सरकारी आंकड़ों ने खोली पोल,जानें क्या है पूरा मामला
पापा मेरा 11 साल से बॉयफ्रेंड है, लड़की ने रोते हुए अपने पिता से कही दिल की बात, फिर पिता ने जो किया- वीडियो वायरल
पापा मेरा 11 साल से बॉयफ्रेंड है, लड़की ने रोते हुए अपने पिता से कही दिल की बात, फिर पिता ने जो किया
Embed widget