एक्सप्लोरर

Pitru Paksha 2019: जानें- आखिर पितर हैं कौन, श्राद्ध के क्या हैं नियम

पितर हमारे जीवन में अदृश्य सहायक होते हैं। यह हमारे जीवन के कार्यों और लक्ष्यों में अपना पूरा शुभ व अशुभ प्रभाव रखते हैं। पूर्वजों को याद करने का यह पक्ष बड़ा अद्वितीय है, क्योंकि पितरों को हम श्रद्धा देंगे तो वे हमें शक्ति देंगे।

नई दिल्ली, शशिशेखर त्रिपाठी। पितृ पक्ष के दौरान दिवंगत पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। श्राद्ध के जरिए पितरों की तृप्ति के लिए भोजन पहुंचाया जाता है और पिंड दान व तर्पण कर उनकी आत्‍मा की शांति की कामना की जाती है। हिन्‍दू पंचांग के मुताबिक पितृ पक्ष अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ते हैं, इसकी शुरुआत पूर्णिमा तिथि से होती है, जबकि समाप्ति अमावस्या पर होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक हर साल सितंबर महीने में पितृ पक्ष की शुरुआत होती है।

इस बार सितंबर माह की 14 तारीख से लेकर 28 तक पितृ पक्ष रहेगा। यह पक्ष है अपने पितरों को तृप्त करने का है। इस समय कोई भी लौकिक शुभ कार्य का प्रारम्भ नहीं किया जाता है। इसके साथ ही किसी नए कार्य या अनुबंध को भी नहीं किया जाना चाहिए।

यह पक्ष 365 दिनों में से 15 दिन अपने पितृों को समर्पित है। महादेव को एक पूरा माह सर्पित है ..मां शक्ति के लिए पूरे 9 दिन समर्पित हैं और पितरों के लिए पूरा एक पक्ष का प्रावधान किया गया है। ईश्वर तो एक है लेकिन पितर अनेक हो सकते हैं.. इसका संबंध परंपरा से है।

Pitru Paksha 2019: जानें- आखिर पितर हैं कौन, श्राद्ध के क्या हैं नियम

आखिर यह पितर हैं कौन पितर हमारे जीवन में अदृश्य सहायक होते हैं। यह हमारे जीवन के कार्यों और लक्ष्यों में अपना पूरा शुभ व अशुभ प्रभाव रखते हैं। यानी अगर पितर प्रसन्न तो उनका अदृश्य सपोर्ट मिलता रहेगा। जैसे आप साईकिल चला रहें और पीछे से आपके पक्ष में तेज हवा भी चल रही है तो आप कम मेहनत में अधिक दूरी तर कर लेंगे। वहीं अगर पितर नाराज हैं तो बिल्कुल ऐसी ही स्थिति होगी कि जैसे साईकिल चलाने वाले के सामने से बहुत तेज हवा या आंधी आए अब एड़ी चोटी का जोर भी लगाना होगा और साइकिल दूरी भी कम तय करेगी।

पितर वे हैं, जो पिछला शरीर त्याग चुके हैं, लेकिन अभी अगला शरीर नहीं प्राप्त कर सके हैं। हिन्दू दर्शन की मान्यता है कि जीवात्मा स्थूल शरीर छोड़ देती है, तभी मृत्यु होती है। अन्तःकरण चातुष्य( मन, बुद्धि, चित्त और अंहकार) तथा कारण शरीर यानि भाव शरीर सहित जीवात्मा सूक्ष्म शरीर में ही रहती है, लेकिन अपनी उन्नति के लिए उसे हमेशा हमारे सहयोग की अपेक्षा रहती है। सद्भावनाएं संप्रेषित करने पर बदले में उनसे ऐसा ही सहयोग प्राप्त होता है।

Pitru Paksha 2019: जानें- आखिर पितर हैं कौन, श्राद्ध के क्या हैं नियम

श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा व्यक्त करना तथा तर्पण का अर्थ है-तृप्त करना। अब प्रश्न यह है कि कैसे श्रद्धा व्यक्त की जाए और कैसे तर्पण किया जाए। धर्मशास्त्रों में भी यही कहा गया है कि जो मनुष्य श्राद्ध करता है, वह पितरों के आर्शीवाद से आयु, पुत्र, यश, बल, वैभव-सुख और धन्य-धान्य को प्राप्त करता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि अश्विन मास के कृष्ण पक्ष भर यानी पंद्रह दिनों कर रोज़ाना नियम पूर्वक स्नान करके पितरों का तर्पण करें और अन्तिम दिन पिंडदान श्राद्ध करें।

यह बात थी परंपरागत रूप से कैसे पितरों को खुश करें, लेकिन इसको थोड़ा ब्राड माइंड से समझते हैं। घाट तक जाना, गया जाना, पिण्ड दान करना यह सब इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपकी पितरों के प्रति श्रद्धा रूपी हवाई जाहाज की हवाई पट्टी है। यानी आपका प्रेम पूर्ण भाव ही श्रद्धा है और सदैव रहनी भी चाहिए न कि केवल पितृपक्ष तक। पितृपक्ष तो भाव और श्रद्धा को और विशेष रूप से प्राकट्य करने के लिए हैं। पूर्वजों को याद करने का यह पक्ष बड़ा अद्वितीय है, क्योंकि पितरों को हम श्रद्धा देंगे तो वे हमें शक्ति देंगे। वे हमारे अदृश्य सहायक हैं।

Pitru Paksha 2019: जानें- आखिर पितर हैं कौन, श्राद्ध के क्या हैं नियम

पितृ पक्ष का महत्व इस बात में नहीं है कि हम श्राद्ध कर्म को कितनी धूमधाम से मनाते हैं। इसका वास्तविक महत्व यह है कि हमें अपने पितामह आदि गुरुजनों की जीवित अवस्था में ही कितनी सेवा व आज्ञापालन करते हैं। जो व्यक्ति अपने माता-पिता की सेवा नहीं करते है और उनका अपमान करते हैं, बाद में उनका श्राद्ध करना निरर्थक ही माना जाएगा। हां, अगर अंदर प्रायश्चित की भावना है, तो उनके कोप से अवश्य बचेंगे।

यदि सौभाग्य वश माता-पिता जीवित हैं तो उनकी सेवा और सम्मान करना अनिवार्य है। यही, नहीं जब भी आप बाहर कहीं जाएं या ऑफिस मे कोई सीनियर यानी बुजुर्ग आपका अधीनस्थ हो तो भी उसका सम्मान करना चाहिए। वरिष्ठों का सम्मान करने से पितरों का आशीर्वाद सदा प्राप्त होता रहता है।

अक्सर देखा गया है कि युवा अधिकारी हैं वह अपने उम्रदराज अधीनस्थों के साथ बत्तमीजी से पेश आते हैं। पद का मद कतई नहीं होना चाहिए। पद की प्रतिष्ठा के साथ शिष्टाचार सदैव रखना चाहिए अन्यथा वरिष्ठ का अपमान किया तो पितर आपकी क्लास जरूर लेंगे।

Pitru Paksha 2019: जानें- आखिर पितर हैं कौन, श्राद्ध के क्या हैं नियम

श्राद्ध मीमांसा में वर्णन है कि अगर व्यक्ति के पास श्राद्ध करनें के लिए कुछ भी न हो तो वह अपने दोनो हाथ से कुशा उठाकर आकाश की ओर दक्षिणमुखी होकर अपने पूर्वजों का ध्यान करके रोने लगें और जोर- जोर से अन्तर्भाव से कहे- हे मेरे पितरों मेरे पास कोई धन नहीं है। मैं तुम्हें इन आंसुओं के अतिरिक्त कुछ भी नहीं दे सकता हूं।

पितरों को आपसे कोई धन या कोई भी चाहत नहीं है। उनकी तो केवल एक ही इच्छा है कि उनकी अधूरी इच्छाओं को आने वाली पीढ़ी पूरा करें। कई लोग अपने पूर्वजों के नाम से विद्यालय बनवाते हैं, अस्पताल, धर्मशाला, कुआं, पेय जल की व्यवस्था, अन्नदान, और यहां तक कि अंतिक्रिया कलापों के लिए भी शेड बनवाते हैं। यदि पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं से अनिभिग्य हों तो समाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। पितरों के नाम से पौधे लगाने चाहिए।

Pitru Paksha 2019: जानें- आखिर पितर हैं कौन, श्राद्ध के क्या हैं नियम

श्राद्ध पक्ष केवल पूर्वजों तक ही सीमित नहीं है। यह तो उसके लिए भी है, जिनका नामलेवा नहीं है। पितरों की रेंज बहुत बड़ी हैं उनका नेटवर्क आपसे जुड़े हर रिश्ते के प्रारम्भ बिन्दु तक जाता है। यानी केवल न्यूक्लियर माइंड से नहीं सोचना है यह बहुत ही विस्तृत है। सबसे अहम बाच यह है कि पहले परिवार बड़े और संयुक्त होते थे। कई भाई बहन होते थे। पिता पक्ष के पूर्वजों को ही तृप्त करने की परंपरा थी।

Pitru Paksha 2019: जानें- आखिर पितर हैं कौन, श्राद्ध के क्या हैं नियम

मानिये कि किसी के एक ही बेटी है और उसका विवाह हो गया तो क्या अब उस श्रंखला के पूर्वजों को कोई तृप्त करने वाला नहीं है। ऐसा नहीं है जिस वंश का अंतिम दीपक रूपी बेटी को ब्याह कर लाए हैं उसकी लौकिक और पारलौकिक समस्त जिम्मेदरी दामाद की होगी। इसलिए यह समझना होगा कि पितरों की रेंज बहुत बड़ी है। जितने ज्यादा पितर प्रसन्न उतना लाभ।

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

Exclusive: 'हाई फ्रिक्वेंसी, डुअल सेंसर और हाईटैक क्वालिटी..' , बॉर्डर पर निगरानी के लिए पाकिस्तान लगा रहा मॉर्डन कैमरे
Exclusive: 'हाई फ्रिक्वेंसी, डुअल सेंसर और हाईटैक क्वालिटी..' , बॉर्डर पर पाकिस्तान लगा रहा मॉर्डन कैमरे
नीतीश सरकार ने अनंत सिंह को दिया पहले से छोटा घर, अब नहीं रख सकेंगे गाय-भैंस, एक गाड़ी की पार्किंग
नीतीश सरकार ने अनंत सिंह को दिया पहले से छोटा घर, अब नहीं रख सकेंगे गाय-भैंस, एक गाड़ी की पार्किंग
रोहित भैया की डांट..., मौका मिला तो मैं भी कप्तान बनना..., यशस्वी जायसवाल ने बोली दिल की बात
रोहित भैया की डांट..., मौका मिला तो मैं भी कप्तान बनना..., यशस्वी जायसवाल ने बोली दिल की बात
ब्लैक ड्रेस, डायमंड जूलरी और आंखों पर चश्मा... फिल्म फेस्टिवल से आलिया भट्ट का किलर लुक वायरल, देखें तस्वीरें
ब्लैक ड्रेस, डायमंड जूलरी और आंखों पर चश्मा... आलिया भट्ट का किलर लुक वायरल

वीडियोज

Bollywood News: बाॅलीवुड गलियारों की बड़ी खबरें | Salman Khan | Mumbai | Diljit Dosanjh
Chhattisgarh News: रायपुर के व्यापारी ने महिला DSP पर लगाया करोड़ों हड़पने का आरोप | ABP News
जुबां पर प्यार का वादा... लेकिन आंखों में दौलत के सपने... हर वक्त उसे पैसा ही पैसा | Sansani
बेकाबू कार...मच गया हाहाकार, हादसे का वीडियो कंपा देगा! | Gujarat | Greater Noida
Parliament Winter Session: संसद सत्र के बीच जर्मनी जाएंगे Rahul Gandhi? | Amit Shah | Janhit

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Exclusive: 'हाई फ्रिक्वेंसी, डुअल सेंसर और हाईटैक क्वालिटी..' , बॉर्डर पर निगरानी के लिए पाकिस्तान लगा रहा मॉर्डन कैमरे
Exclusive: 'हाई फ्रिक्वेंसी, डुअल सेंसर और हाईटैक क्वालिटी..' , बॉर्डर पर पाकिस्तान लगा रहा मॉर्डन कैमरे
नीतीश सरकार ने अनंत सिंह को दिया पहले से छोटा घर, अब नहीं रख सकेंगे गाय-भैंस, एक गाड़ी की पार्किंग
नीतीश सरकार ने अनंत सिंह को दिया पहले से छोटा घर, अब नहीं रख सकेंगे गाय-भैंस, एक गाड़ी की पार्किंग
रोहित भैया की डांट..., मौका मिला तो मैं भी कप्तान बनना..., यशस्वी जायसवाल ने बोली दिल की बात
रोहित भैया की डांट..., मौका मिला तो मैं भी कप्तान बनना..., यशस्वी जायसवाल ने बोली दिल की बात
ब्लैक ड्रेस, डायमंड जूलरी और आंखों पर चश्मा... फिल्म फेस्टिवल से आलिया भट्ट का किलर लुक वायरल, देखें तस्वीरें
ब्लैक ड्रेस, डायमंड जूलरी और आंखों पर चश्मा... आलिया भट्ट का किलर लुक वायरल
Kidney Damage Signs: आंखों में दिख रहे ये लक्षण तो समझ जाएं किडनी हो रही खराब, तुरंत कराएं अपना इलाज
आंखों में दिख रहे ये लक्षण तो समझ जाएं किडनी हो रही खराब, तुरंत कराएं अपना इलाज
घरेलू एयरलाइंस में कितने पायलट, अब विदेशी पायलटों को भारत में कैसे मिल सकती है नौकरी?
घरेलू एयरलाइंस में कितने पायलट, अब विदेशी पायलटों को भारत में कैसे मिल सकती है नौकरी?
दिल्ली में आज फिर मनेगी दीपावली, जानें रेखा गुप्ता सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
दिल्ली में आज फिर मनेगी दीपावली, जानें रेखा गुप्ता सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
Video: पुलिस की गाड़ी ने लिया गलत यू-टर्न तो महिला ने बीच चौराहे पढ़ाया कानून का पाठ- वीडियो वायरल
पुलिस की गाड़ी ने लिया गलत यू-टर्न तो महिला ने बीच चौराहे पढ़ाया कानून का पाठ- वीडियो वायरल
Embed widget