रेलवे ट्रैक पर मिले अग्निशमन सिलेंडर पर अधिकारियों में संशय, मैनेजर ने कहा- ट्रेन से नही गिर सकता सिलेंडर
Train Accident: यूपी में ट्रेन के खिलाफ साजिशों का सिलसिला थम नहीं रहा है. कभी पत्थर तो कभी एलपीजी सिलेंडर ट्रैक पर मिल रहे हैं और अब कानपुर में रेलवे ट्रैक पर अग्निशमन सिलेंडर पड़ा मिला है.
Kanpur Train Accident Conspiracy: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में ट्रेन हादसों की साजिश रचने के कई मामले सामने आ चुके हैं. इस कड़ी में कानपुर में एक बार फिर से ऐसी ही साजिश का खुलासा हुआ है. जहां रेलवे ट्रैक पर एक अग्निशमन का सिलेंडर बरामद होने से हड़कंप मच गया है. ये सिलेंडर कानपुर देहात का अंबियापुर रेलवे ट्रैक जो दिल्ली-हावड़ा रूट पर बना है वहां पड़ा मिला लेकिन मालगाड़ी के लोको पायलट की नजर उस पर पड़ गई और पायलट ने बड़ा हादसा होने से बचा लिया.
यूपी में ट्रेन को लेकर साजिशों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कभी पत्थर तो कभी एलपीजी सिलेंडर रेलवे ट्रैक पर मिल रहे हैं और अब कानपुर में मालगाड़ी के सामने अग्निशमन का सिलेंडर पड़ा मिला है. जिसके बाद पुलिस सतर्क हो गई है. मामले की जाँच शुरू कर दी गई है हालांकि ये अब तक साफ नहीं हो पाया है कि ये सिलेंडर यहां कैसे आया.
मामले की जांच में जुटे अधिकारी
जीआरपी के अधिकारी रजनीश राय इस सिलेंडर के किसी ट्रेन से गिरने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हो सकता है ये अग्निशमन सिलेंडर किसी ट्रेन से गिरा हो. ये नहीं कहा जा सकता कि इस सिलेंडर को यहां किसी ने फेंका होगा. वहीं दूसरी तरफ कानपुर देहात सीओ तनु उपाध्याय ने बताया सुबह इसी रूट से एक्सप्रेस ट्रेनों के गुजरने की बाद आरपीएफ के अधिकारियों ने बताई थी. जिससे अनुमान लगाया जा रहा है की ये सिलेंडर एक्सप्रेस ट्रेन से ही गिरा है और अब इसकी जांच की जाएगी तब जाकर तस्वीर साफ होगी.
दिल्ली हावड़ा रूट से गुजरने वाली पेसेंजर ट्रेन के मैनेजर आदित्य सिंह ने बताया कि सिलेंडर कभी ऐसे नही रखे जाते हैं कि वो बोगी के बाहर गिर जाए. ऐसे में इस बात को लेकर लगातार संशय बना हुआ है कि आखिर ये सिलेंडर यहां तक कैसे और किन परिस्थितियों में आया. अमूमन ट्रेन में अग्निशमन यंत्र ट्रेन के गार्ड की बोगी, लोको पायलट के पास यानी इंजन और पूरी ट्रायल में बीच बीच की बोगियों में होते हैं. लेकिन, इतनी बड़ी बोगी से कैसे ये सिलेंडर बाहर गिरा ये कहना मुश्किल है.
अधिकारी इस मामले में कहीं न कहीं लीपापोती करते दिख रहे हैं. जहां जांच अधिकारी ट्रेन से सिलेंडर गिरने की बात कर रहे हैं तो वहीं पैसेंजर ट्रेन के मैनेजर के बयान से इन दावों पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं कि ट्रेन से कैसे सिलेंडर गिर सकता है.
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