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Joshimath: मौसम की पहली बरसात ने खोली प्रशासन की पोल ,जगह-जगह सड़क बंद, स्टूडेंट्स के पेपर भी छूटे
उत्तराखंड में बारिश के कारण बद्रीनाथ में नेशनल हाइवे जगह जगह बंद हो गया है. बारिश के कारण पहाड़ी से सड़क पर मलबा और बोल्डर गिर गया है.
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Uttarakhand News: मौसम की पहली बारिश ने ही 'ऑल वेदर सड़क' और चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) को लेकर प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है. बद्रीनाथ (Badrinath) में नेशनल हाइवे (National Highway) पर जगह-जगह बंद है तो पानी निकालने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी के पास न तो पर्याप्त मशीनें हैं और यात्रियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की गई है.
जगह-जगह जाम, देर से पहुंचीं अथॉरिटी की मशीनें
शनिवार देर रात से शुरू हुई बारिश के कारण जोशीमठ से चमोली के बीच में बद्रीनाथ नेशनल हाइवे बंद हो गया था. यह पागल नाला और बिरही में पहाड़ी से भारी मलबा और बोल्डर गिरने के बाद बंद हुआ है, पागल नाला सुबह 8 बजे खोल दिया गया लेकिन बिरही में सड़क अभी भी 2 जगहों में पहाड़ी से भारी मलबा और बोल्डर गिरने से बंद है. पागल नाले की बात करें तो यहां पर यात्री सुबह 4 बजे से फंसे रहे और सुबह 7 बजे तक उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था. 7 बजे के बाद नेशनल हाइवे अथॉरिटी की मशीन पहुंची और फिर मलबे को हटाया गया. जिसके बाद पागल नाले में सड़क सुचारू हुई, लेकिन अभी भी सड़क बिरही में दो जगह में बंद है. सड़क बंद होने से लोगों में भारी आक्रोश है.
सड़क बनी बाधा तो छूट गया पेपर
बता दें कि आज ही गोचर में पॉलिटेक्निक के विभिन्न श्रेणियों की परीक्षाएं संचालित हो रही हैं जो सुबह 9 बजे से शुरू हुई हैं लेकिन पहले टंगड़ी पागल नाला और अब बिरही में सड़क बंद होने के कारण सैकड़ों छात्रों के पेपर छूट गए हैं. इस बाबत अभी तक प्रशासन द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि इन बच्चों को आगे पेपर देने के लिए और मौका दिया जाएगा या नहीं.
पॉलिटेक्निक की एक छात्रा ने बताया, 'मैं सुबह 4 बजे पेपर देने के लिए घर से निकली. सुबह जब मैं पागल नाले के पास पहुंची तो वह बंद था वहां पर 7 बजे तक मैं रुकी, वहां पर कोई भी जेसीबी मशीन या फिर कोई भी ऐसी व्यवस्था नहीं थी कि जिससे सड़क खुल सके जब रास्ता खुला तो तब समय 7.30 हो चुका था मुझे उम्मीद थी कि मैं पहुंच जाउंगी, आगे निकलने पर बिरही में सड़क बंद थी. वहां पर भी मशीन लगी थी लेकिन रास्ता नहीं खुल पा रहा था हमने डीएम से भी बात करने की कोशिश की लेकिन वह फोन नहीं उठा रहे थे. मेरा पेपर केंद्रीय विद्यालय में होना था मैंने वहां के प्रिंसिपल से भी बात की लेकिन उन्होंने भी हमारी सहायता करने से साफ इंकार कर दिया.' छात्रा ने प्रशासन से दोबारा पेपर कराने की मांग की है.
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