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Holi 2023: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बोले- होली खेलना इस्लाम में हराम, हिंदुओं के त्योहार में शामिल होने की इजाजत नहीं
Holi 2023: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि होली खेलना इस्लाम में नाजायज है. उन्होंने कहा कि हर धर्म में अपने अपने नियम और त्योहार होते हैं. होली हिंदुओं का त्योहार है.
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Bareilly News: देश भर में रंगों का त्योहार होली (Holi 2023) धूमधाम के साथ मनाया गया. तो वहीं कट्टरपंथी अब होली का विरोध भी करने लगे हैं. बरेली की दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी (Maulana Shahabuddin Razvi) ने कहा कि इस्लाम होली खेलने, दूसरे धर्मों के त्योहार में शामिल होने की इजाजत नहीं देता है. ऐसा करना इस्लाम में नाजायज और हराम है.
बिहारीपुर स्थित अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा की होली खेलना इस्लाम में नाजायज है. उन्होंने कहा कि हर धर्म में अपने अपने नियम और त्योहार होते हैं. होली हिंदुओं का त्योहार है. ये हिंदुओं की पहचान है और ऐसी सूरत में इस्लाम मजहब अपने अनुयायियों को अपनी पहचान के साथ रखना चाहता है. उसने जायज और नाजायज का एक दायरा भी तय किया है. इसलिए गैर मुस्लिमों के मजहबी त्योहारों, परंपराओं को अपनाने के लिए सख्ती से मना किया है. इसलिए मुसलमानों का होली खेलना या होली में किसी तरीके से भाग लेना नाजायज और हराम है.
कट्टरपंथी लोग इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं- शहाबुद्दीन रजवी
वहीं मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि कुछ कट्टरपंथी लोग इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस्लाम बहुत आसान सहल मजहब है. उसको चंद मुट्ठी भर लोगों ने सख्त मजहब बना दिया है. कट्टरपंथी सोच रखने वाले लोगों ने इस्लाम की छवि को नुकसान पहुंचाया है जिसकी वजह से मुसलमानों को शर्मिंदगी का मुंह देखना पड़ता है.
इससे पहले शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक फतवा जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि गैर-मुस्लिम युवकों से शादी करने के बाद 'सिंदूर', 'कलावा' और 'बिंदी' लगाने वाली मुस्लिम महिलाएं इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ जा रही हैं.
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