अनिरुद्धाचार्य पर भड़के करौली शंकर महाराज, 'ये संत स्वभाव नहीं, जिस तरह गंध मचाई है बच्चियों को...'
Aniruddhacharya Controversy: मिश्री मठ के अधिपति करौली शंकर महाराज ने कहा कि कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में माफी मांगनी चाहिए.

वृंदावन के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के महिलाओं और लड़कियों को लेकर दिए विवादित बयान का मामला शांत होने के नाम नहीं ले रहा है. वे बयान पर माफी मांगने के बाद बार-बार अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिस पर हरिद्वार के मिश्री मठ के अधिपति करौली शंकर महाराज की तीखी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि अनिरुद्धाचार्य को महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए.
करौली शंकर महाराज ने कहा कि अनिरुद्धाचार्य ने जिस तरह से गंध मचाई है बच्चियों को लेकर और अपने बयान को लेकर बार-बार पुष्टि करने की कोशिश की है ये संत स्वभाव नहीं है, ये अंहकार है.
बच्चियों के बारे में अपशब्द बोलना और उसे बार-बार बोले जा रहे हैं तो मैंने उनसे एक ही प्रश्न पूछा है कि उनको ये अनुभव कैसे हुआ कि बच्चियां 25 साल की होते-होते चार-पांच बार मुँह मारती है? आप सब पर प्रश्न खड़ा कर रहे हो कि बच्चियां यहीं कर रही हैं उनके पास यही काम है.
'महिलाओं से माफी मांगे अनिरुद्धाचार्य'
करौली महाराज ने कहा कि इस तरह के शब्दों का उच्चारण सार्वजनिक जीवन में उस व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं जिसे लोग सुनते हों. अनिरुद्धाचार्य को अपने शब्दों को वापस ले लेना चाहिए, और समाज में जो गलत बात कही है उसके लिए माफी माँग लेनी चाहिए. लेकिन ये ये तो हर जगह अपनी बात को दोहराए चले जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मैंने तो उनसे (अनिरुद्धाचार्य) एक ही प्रश्न पूछा और बार-बार पूछूंगा. ये उनको अनुभव कैसे हुआ कि बच्ची टेस्ट ड्राइव करती है और चार-पांच जगह मुँह मारती है. बिना अनुभव के बोला है तो आप गलत बात कर रहे हैं. अनुभव होगा तभी ना..किसने बताया आपको?
हम बोलना नहीं चाहते लेकिन अगर हम बोल दें कि परिवार से किसी ने बताया होगा तो कहेंगे कि हमारे परिवार के बारे में ऐसा बोल रहे हैं. ये शब्द सुनकर आपको तो छींटा लग रहा है उनका क्या जिनको आप बोल ही रहे हैं कि वो ऐसा करती हैं उन्हें कितना खराब लग रहा होगा. उन्हें अपनी बात को क्षमा माँग कर खत्म कर देना चाहिए हैं.
करौली महाराज ने कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि उनकी हैसियत नहीं है कि मुझे दबा लें, जो सत्य है उसे मैं बार-बार कहता रहूंगा. मुझे कोई रोक नहीं सकता. अगर आपके अंदर अहंकार है तो आप संत ही नहीं हो.
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Source: IOCL























