15 साल बाद किसानों को राहत, ग्रेटर नोएडा में आबादी बैकलीज पर SIT की रिपोर्ट तैयार
Noida News: SIT की जांच में पाया गया कि कुल 2192 प्रकरणों में से 151 मामलों को छोड़कर शेष सभी में बैकलीज प्रक्रिया सही ढंग से की गई थी. विवादित 151 प्रकरणों की बारीकी से जांच की गई.

UP News: ग्रेटर नोएडा में पिछले 15 वर्षों से आबादी बैकलीज का इंतजार कर रहे 151 किसानों को अब बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. शासन के निर्देश पर गठित विशेष जांच टीम (SIT) ने इन मामलों की जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी है, और अब जल्द ही अंतिम निर्णय की संभावना जताई जा रही है.
गौरतलब है की वर्ष 2007-08 से 2011-12 के बीच यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा जमीन अधिग्रहण के दौरान 2192 किसानों को आबादी बैकलीज देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. लेकिन बाद में इस प्रक्रिया में अनियमितताओं और गड़बड़ियों की शिकायतें मिलने लगीं.
पूर्व CEO ने दिए थे जांच के आदेश
इन शिकायतों के आधार पर शासन ने पूर्व CEO डॉ. अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में SIT का गठन किया. SIT को पूरे प्रकरण की गहराई से जांच करने और विवादित मामलों की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई.
SIT की जांच में पाया गया कि कुल 2192 प्रकरणों में से 151 मामलों को छोड़कर शेष सभी में बैकलीज प्रक्रिया सही ढंग से की गई थी. विवादित 151 प्रकरणों की बारीकी से जांच की गई, जिनमें से कई मामलों में प्रभावित किसानों द्वारा प्रमाणिक दस्तावेज, कब्जे की स्थिति, स्थल निरीक्षण आदि से जुड़ी जानकारी प्रस्तुत की गई.
किसानों की बढ़ी उम्मीदें
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग के ओएसडी गिरीश झा ने बताया कि प्राधिकरण की ओर से सभी आवश्यक साक्ष्य SIT को सौंपे गए, जिसमें किसानों की दावेदारी और प्रासंगिक दस्तावेजों को मजबूत तरीके से रखा गया. कई मामलों में SIT ने मौके पर जाकर भी जांच की, जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके. यह रिपोर्ट उन किसानों के लिए उम्मीद की एक नई किरण है, जो डेढ़ दशक से आबादी बैकलीज के लिए संघर्ष कर रहे थे. यदि शासन से अनुमति मिल जाती है, तो यह न केवल किसानों के लिए राहत का सबब होगा बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और न्यायिक प्रक्रिया की मजबूती का भी उदाहरण बनेगा.
शासन को भेजी रिपोर्ट
SIT ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट हाल ही में शासन को भेज दी है. अब शासन स्तर पर अंतिम स्वीकृति और निर्णय की प्रक्रिया चल रही है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इन 151 किसानों को भी बैकलीज का लाभ मिल सकेगा, जो वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
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