ग्रेटर नोएडा: J1 टावर की लगातार खराब लिफ्टों से निवासियों में खौफ, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के अमरपाली गोल्फ होम्स के J1 टावर में लिफ्ट की लगातार खराबी से निवासी दहशत में हैं. इसके चलते सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

ग्रेटर नोएडा स्थित Amarpali Golf Homes और किंग्सवुड सोसाइटी की J1 टावर में लिफ्ट की लगातार खराबी अब निवासियों के लिए भय का कारण बनती जा रही है. एक बार फिर सामने आई घटना ने सोसाइटी प्रबंधन और AAOA की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं. हाल ही में J1 टावर की एक लिफ्ट अचानक बंद हो गई, जिसमें कई महिलाएं लगभग 20 मिनट तक फंसी रहीं.
लिफ्ट के अंदर मौजूद महिलाओं ने बार-बार इमरजेंसी अलार्म बजाया, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि तय समय में कोई भी तकनीकी कर्मचारी या सुरक्षा कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा. घबराहट और डर के माहौल में महिलाओं को स्वयं वीडियो बनाकर अपनी आपबीती रिकॉर्ड करनी पड़ी, जो बाद में सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आई. इसी वीडियो के बाद किसी तरह उन्हें लिफ्ट से बाहर निकाला जा सका.
पहले भी सामने आ चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह घटना कोई पहली नहीं है. इससे कुछ दिन पहले इसी लिफ्ट में एक मासूम बच्चा लगभग एक घंटे तक फंसा रहा था. उस समय भी लिफ्ट की तकनीकी खामियों और आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था की कमियों को उजागर किया गया था, लेकिन इसके बावजूद न तो स्थायी समाधान किया गया और न ही सुरक्षा मानकों में कोई ठोस सुधार देखने को मिला.
लापरवाही पर भड़के निवासी, कार्रवाई की मांग
दिन-प्रतिदिन लिफ्ट में फंसने की घटनाओं की बढ़ती संख्या यह साफ दर्शाती है कि सोसाइटी में लिफ्टों का नियमित और मानक अनुरूप रखरखाव नहीं किया जा रहा है. निवासियों का कहना है कि बार-बार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद AAOA की ओर से केवल आश्वासन दिए जाते हैं, ज़मीनी स्तर पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होती. यह लापरवाही सीधे तौर पर महिलाओं, बच्चों और बुज़ुर्गों की जान को खतरे में डाल रही है.
निवासियों का आरोप है कि न तो समय-समय पर तकनीकी ऑडिट कराया जा रहा है और न ही इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम को सक्रिय रखा गया है. कई बार लिफ्ट का अलार्म बजने के बावजूद रिस्पॉन्स टीम देरी से पहुंचती है, जिससे स्थिति और भयावह हो सकती है.
आक्रोशित निवासियों ने प्रबंधन से मांग की है कि लिफ्टों का तुरंत स्वतंत्र तकनीकी ऑडिट कराया जाए, नियमित व पारदर्शी मेंटेनेंस रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, इमरजेंसी अलार्म व रेस्क्यू सिस्टम को पूरी तरह सक्षम बनाया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए. निवासियों का कहना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो कोई बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता.
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Source: IOCL






















