सरकार के इस कदम से PF खाताधारकों को हो सकता है लाभ, हाथ में आएगी बढ़ी हुई सैलरी
12 फीसदी की बजाय इंप्लाई की सैलरी का 10 फीसदी ही PF के तौर पर काटा जाए। अगर ऐसा होता है तो जल्द ही आपके बैंक खाते में पहले के मुकाबले ज्यादा सैलरी आएगी।

नई दिल्ली, एबीपी गंगा। जल्द ही आपके हाथ में बढ़ी हुई सैलरी आ सकती है। केंद्र सरकार एक ऐसे बिल पर काम कर रही है जिसमें प्रोविडेंट फंड में योगदान के अनुपात को कम करने का प्रस्ताव दिया गया है। जिस कंपनी में 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं, उस कंपनी के कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड में निवेश करना जरूरी है। प्रोविडेंट फंड में जितना निवेश इंप्लोई करता है उतनी ही रकम का निवेश इंप्लायर को भी करना पड़ता है।
वैसे कोई इंप्लाई चाहे तो अपनी बेसिक सैलरी का 100 फीसदी भी PF के तौर पर जमा कर सकता है। लेकिन यह बात इंप्लायर पर लागू नहीं होती है। फिलहाल इंप्लाई की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने पीएफ खाते में जमा होता है, लेकिन नया प्रस्ताव दिया गया है कि अब 12 फीसदी की बजाय इंप्लाई की सैलरी का 10 फीसदी ही PF के तौर पर काटा जाए। अगर ऐसा होता है तो जल्द ही आपके बैंक खाते में पहले के मुकाबले ज्यादा सैलरी आएगी।

EPF के नए ड्राफ्ट बिल में EPF में योगदान करने की दरों को 10 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, दोनों इंप्लायर और इंप्लाई को सैलरी का सिर्फ 10 फीसदी हिस्सा ही प्रोविडेंट फंड में योगदान करना पड़ेगा। ड्राफ्ट में यह भी लिखा है कि किसी भी क्लास के इंप्लाई को कितने समय के कितना योगदान करना है, सरकार इस बारे में भी सूचित कर सकती है।

PF कॉन्ट्रिब्यूशन रेट में कमी का मतलब है इंप्लायर के हाथ में ज्यादा सैलरी आना, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है। PF में रिटायरमेंट फंड इक्ट्ठा करने के लिए योगदान करने को मजबूर किया जाता है। योगदान दरें कम होने से PF अकाउंट में कम पैसा इक्ट्ठा होगा जिससे आपका रिटायरमेंट फंड भी कम होगा। अगर आप चाहते हैं कि आपके पास रिटायरमेंट के बाद अच्छा पैसा हो तो फंड इक्ट्ठा करने के लिए आपको म्यूचुअल फंड और अन्य चीजों में निवेश करना होगा।
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