गोरखपुर AIIMS में डॉक्टर्स की कमी! जानें डायरेक्टर डॉ. विभा दत्ता ने इस सवाल पर क्या कहा?
UP News: गोरखपुर एम्स डायरेक्टर डॉक्टर विभा दत्ता ने डॉक्टर्स की कमी की बात स्वीकार की है. उन्होंने बताया कि अभी 115 डॉक्टर्स हैं,सुपर स्पेशियलिटी की कमी है. इसके लिए विज्ञापन निकाला गया है.

गोरखपुर एम्स (Gorakhpur AIIMS) डॉक्टर्स की कमी से जूझ रही है. गोरखपुर एम्स डायरेक्टर ने खुद इस बात को स्वीकार किया है. एम्स की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता के बयान से चिकित्सकों की कमी की बात सही साबित हो रही है. उन्होंने विभागों में चिकित्सकों कमी की बात को स्वीकार किया है. आपको बता दें कि यूपी के चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में गोरखपुर एम्स की अपेक्षा लखनऊ की केजीएमयू को बेहतर बताया था.
एम्स की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता ने विभागों में डाक्टरों की कमी के सवाल पर कहा कि ऐसा तो कभी हो ही नहीं सकता है कि कोई चीज 100 प्रतिशत फिट हो. उन्होंने इस बात की स्वीकार किया कि ‘डाक्टरों की कमी बिल्कुल है.’ जिस प्रकार से मरीज आ रहे हैं, डाक्टरों की बहुत कमी है. उन्होंने कहा कि अपने एम्स में क्या बोलूं. वर्तमान में पूरे हिन्दुस्तान में जिस तरीके से मरीज हैं, लगभग 17 हजार मरीज पर एक डाक्टर है. डाक्टरों की कमी तो है ही.
सुपर स्पेशियलिटी की है कमी- डायरेक्टर
कार्यकारी निदेशक डा. विभा दत्ता ने बताया कि एम्स में 115 डाक्टर हैं. सुपर स्पेशियलिटी की कमी है. इसके लिए विज्ञापन डाला गया है. इस महीने तक सारी एप्लीकेशंस आ जाएगी. काफी एप्लीकेशंस रिसीव हुई हैं. इसमें से काफी को छांटकर अलग किया गया है. साक्षात्कार किया जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि दो महीने में सुपर स्पेशियलिटी में चिकित्सकों की कमी दूर हो जाएगी.
मंत्री ने केजीएमयू को बताया था बेहतर
केजीएमयू में आयोजित शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रम में सोमवार 14 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह उद्बोधन देते समय ये भूल गए कि केन्द्र में भी भाजपा की सरकार है. मयंकेश्वर शरण सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘केजीएमयू में पूरे उत्तर प्रदेश और अगल-बगल के राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड के साथ नेपाल के मरीज भी यहां इलाज के लिए आते हैं. पिछले महीने मैंने देखा है कि गोरखपुर एम्स से भी रेफर होकर लोग केजीएमयू आ रहे हैं.’
मयंकेश्वर शरण सिंह ने आगे कहा कि ‘जबकि कहा जाता है कि एम्स इलाज के लिए आखिरी जगह है. उन्होंने कहा कि उन्हें ये कहने में जरा भी संकोच नहीं है. आज की तारीख में देखा जाए, तो गोरखपुर एम्स की फैकेल्टी और इलाज में हम बेहतर हैं और सही इलाज भी करते हैं. आप सभी से अपेक्षा है कि आप गोरखपुर एम्स से बेहतर रहें. दिल्ली एम्स से बेहतर हो पाएं या न हो पाएं. कोशिश करने में हम लोग पीछे नहीं रहेंगे. एक समय ऐसा भी आएगा कि हम लोग दिल्ली एम्स को पछाड़ देंगे.
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