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राकेश टिकैत का बड़ा बयान, बोले- MSP पर जरूरी है कानून, नहीं करने देंगे भूख पर व्यापार
यूपी के गाजियाबाद में कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. टिकैत ने कहा कि देश में भूख पर व्यापार नहीं होगा. भूख जितनी लगेगी अनाज की कीमत उतनी होगी.
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गाजियाबाद: किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में भूख पर व्यापार करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. इसके साथ ही उन्होंने उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाने और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने ये टिप्पणी राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के तुरंत बाद की. प्रधानमंत्री ने कहा था, 'एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा.''
भूख पर व्यापार नहीं होगा राकेश टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि, ''देश में भूख पर व्यापार नहीं होगा. भूख जितनी लगेगी अनाज की कीमत उतनी होगी. देश में भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा.'' उन्होंने कहा कि, ''जिस तरह विमानों के टिकटों की कीमत दिन में तीन से चार बार बदलती है, उस तरीके से फसल की कीमत तय नहीं की जा सकती है.''
लोग किसानों का समर्थन कर रहे हैं प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक ''नया समुदाय'' उभरा है जो ''प्रदर्शनों में लिप्त'' है. इस पर टिप्पणी करते हुए टिकैत ने कहा कि, ''हां, इस बार ये किसान समुदाय है जो उभरा है और लोग किसानों का समर्थन कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि नए कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ये रेखांकित किया है कि एमएसपी को लेकर कोई कानून नहीं है जिसकी वजह से व्यवसायी कम कीमतों पर उनकी उपज खरीदकर उन्हें लूटते हैं.
अभियान सभी किसानों का है राकेश टिकैत ने किसानों के जारी आंदोलन को जाति और धर्म के आधार पर बांटने के प्रयासों की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि, ''इस अभियान को पहले पंजाब के मुद्दे के रूप में दर्शाया गया, उसके बाद सिख और फिर जाट मुद्दे के रूप में इसे पेश किया गया. इस देश के किसान एकजुट हैं. कोई भी किसान बड़ा या छोटा नहीं है. ये अभियान सभी किसानों का है.''
पीएम मोदी ने कही ये बात इससे पहले, राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ''एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा.'' उन्होंने आगे कहा था कि, ''गरीबों को सस्ता राशन मिलना जारी रहेगा, मंडियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा.''
सरकार कानूनी गारंटी क्यों नहीं देती प्रधानमंत्री के संबोधन पर प्रतिक्रिया देते हुए एक अन्य किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि सरकार ये बात सैकड़ों बार कह चुकी है कि एमएसपी खत्म नहीं होगी. उन्होंने न्यूज एजेंसी 'पीटीआई' से कहा कि, ''यदि सरकार दावा कर रही है कि एमएसपी जारी रहेगी तो हमारी उपज के लिए वो न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी क्यों नहीं देती.''
वार्ता बहाल करने के लिए तैयार किसान संघों को प्रधानमंत्री की तरफ से वार्ता का आमंत्रण देने के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संघ सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं लेकिन ये औपचारिक रास्ते से होना चाहिए. उन्होंने कहा कि, ''उचित वार्ता के जरिए कोई भी मुद्दा सुलझाया जा सकता है. वार्ता बहाल करने के लिए हम सैद्धांतिक रूप से तैयार हैं.''
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