हापुड़: इंश्योरेंस के 50 लाख हड़पने के लिए चिता पर जलाने चले थे पुतला, श्मशान घाट पर ऐसे खुली पोल
Garh Mukhteshwar News: दिल्ली के कमल सोमानी ने 50 लाख के लोन से बचने के लिए एक शातिर योजना बनाई. उसने अपने कर्मचारी अंशुल के नाम पर बीमा कराया और डमी का अंतिम संस्कार कर बीमा राशि हड़पने की कोशिश की.

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट पर दिल्ली से 4 लोग कार में सवार होकर आए और गंगा किनारे एक शव का अंतिम संस्कार करने में जुट गए. पारंपरिक तरीके से अंतिम क्रियाक्रम पूरा करने के लिए अर्थी का सामान भी पास की एक दुकान से खरीद लिया गया.
अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां और घी मंगाया गया. अर्थी तैयार कर ली गई और चिता सजा दी गई. हालांकि, जैसे ही ये लोग कार में से शव निकालकर लाए, तभी आसपास मौजूद लोगों को कुछ संदेह हुआ.
शव इतना हल्का था कि एक ही आदमी उठा लाया
जब शव को कार से निकाला गया, तो बॉडी इतनी हल्की थी कि एक ही व्यक्ति उसे अपने हाथ में लेकर चल रहा था. उसने चिता पर बॉडी रख दी. संदेह जब और गहराया तो चिता के आसपास लोगों की भीड़ इकठ्ठी हो गई. लोगों ने चिता पर से कपड़ा हटाकर शव को देखा, तो उनकी आंखें ही फटी रह गईं.
चिता पर किसी की डेडबॉडी नहीं, बल्कि पुतला लेटा हुआ था. यह देखकर लोगों ने शोर मचा दिया. पुलिस को फोन कर पूरी जानकारी दे दी गई. यह अजीबोगरीब मामला संज्ञान में आते ही कोतवाली गढ़मुक्तेश्वर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस को देखते ही शव लेकर पहुंचे चार लोगों में से दो तो फरार हो गए. बाकी दो लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया और पूछताछ के लिए अपने साथ थाने ले गई.
नकली अंतिम संस्कार करने दिल्ली से गढ़मुक्तेश्वर आए थे ये लोग
दिल्ली के पालम क्षेत्र में रहने वाले कमल सोमानी की करोल बाग में कपड़े की बड़ी दुकान थी. सीओ गढ़मुक्तेश्वर स्तुति सिंह ने बताया कि कमल सोमानी पर लंबे समय से 23 लाख रुपये का लोन था, जिसकी रकम बढ़कर अब 50 लाख रुपये के करीब पहुंच गई थी. लोन होने की वजह से कमल सोमानी काफी परेशान चल रहा था और उसकी दुकान तक बिक गई थी.
बैंक का लोन किस तरह से चुकाया जाए, इसके लिए कमल सोमानी ने अपने दिमाग का शातिराना तरीके से इस्तेमाल किया. उसने दुकान पर काम करने वाले ओडिशा निवासी 30 वर्षीय अंशुल उम्र का 50 लाख रुपये का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस करा दिया. इसकी जानकारी अंशुल को भी नहीं थी.
नकली अंतिम संस्कार कर, असली पर्ची लेने का था प्लान
अंशुल के नाम से कराया गया लाइफ इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए कमल सोमानी ने गजब की तरकीब लगाई. अपनी कपड़े की दुकान पर रखे पुतले को वह अपने दोस्त आशीष खुराना के साथ मिलकर गढ़मुक्तेशवर तक ले गया. यहां उसने गंगा किनारे चिता पर अंशुल के नाम की डमी रखी और उसका अंतिम संस्कार करने लगा.
कमल सोमानी का मानना था कि वह एक पुतले का अंतिम संस्कार करने के बाद श्मशान घाट से अंशुल के नाम की पर्ची हासिल कर लेगा. उस पर्ची के जरिए वह इश्योरेंस का 50 लाख रुपये का क्लेम प्राप्त कर लेगा. हालांकि, उससे पहले ही नगर पालिका के कर्मियों ने मौके पर डमी का अंतिम संस्कार होते देख लिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने कमल सोमानी को गिरफ्तार कर लिया है.
असली शव समझकर पुतले को गढ़मुक्तेश्वर तक लाया दोस्त
पुलिस पूछताछ में कमल ने बताया कि वह अपने जिस दोस्त आशीष को दिल्ली से लेकर आया था, उसे भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि गाड़ी में रखा शव असल में शव नहीं बल्कि पुतला था. कमल ने आशीष को बताया था कि रिश्तेदारी में किसी की मृत्यु हो गई है और परिवार में कोई अंतिम संस्कार करने वाला नहीं है. आशीष भी कमल की बातों में आ गया और मदद के लिए अपनी कार लेकर अंतिम संस्कार कराने के लिए पहुंच गया. फिलहाल, पुलिस ने कमल सोमानी को हिरासत में ले लिया है और उस पर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
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Source: IOCL























