Fatehpur: पोलिंग बूथ में मारपीट मामले में दोषमुक्त किए जाने पर बोले विक्रम सिंह- 'सपा ने राजनीतिक विद्वेष में कराया था केस'
UP News: बीजेपी के पूर्व विधायक विक्रम सिंह का कहना है कि जब उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था तब राज्य में सपा की सरकार थी. कोर्ट के फैसले से सच की जीत हुई है.

Fatehpur Crime News: यूपी के फतेहपुर (Fatehpur) में मतदान के दिन ड्यूटी पर तैनात सिपाही के साथ मारपीट करने और भीड़ लेकर पोलिंग बूथ (Polling Booth) के अंदर जाने के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक विक्रम सिंह (Vikram Singh) को जिला अदालत ने दोषमुक्त करार दिया है. सिपाही ने उनके खिलाफ केस दर्ज करवाया था जिसके बाद चली सुनवाई में निचली अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी. वहीं, मामले में बरी किए जाने के बाद विक्रम सिंह ने राजनीतिक विद्वेष के कारण उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया था.
विक्रम सिंह ने कहा, '2014 में फतेहपुर के सदर सीट पर उपचुनाव हो रहा था और मैं बीजेपी का प्रत्याशी था. पोलिंग बूथ के अंदर अगर जाता तो पीठासीन अधिकारी के तरफ से मुकदमा दर्ज होना चाहिए था लेकिन उस समय सपा की सरकार थी और राकेश सचान लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे इसलिए राजनीतिक विद्वेष में मुकदमा दर्ज कराया था. न्यायालय के इस फैसले का वह स्वागत करते हैं. यह जीत सच की हुई और झूठ की हार हुई है.'
यह है पूरा मामला
विधायक सैय्यद कासिम हसन के निधन बाद सीट खाली होने पर उपचुनाव के तहत मतदान कराया जा रहा था. जिस पर बीजेपी से विक्रम सिंह चुनाव लड़ रहे थे और 30 अप्रैल 2014 को मतदान के दिन हुसैनगज थाना क्षेत्र के बड़ागांव प्राइमरी पाठशाला मतदान केंद्र पर विक्रम सिंह पहुंच गए और पोलिंग एजेंट और कार्यकर्तओं के साथ बातचीत कर रहे थे. इसके बाद ड्यूटी पर तैनात सिपाही आदेश कुमार ने मारपीट और पोलिंग बूथ के अंदर जाकर मतदान रोकने की कोशिश करने का मुकदमा दर्ज कराया था.जिसमें पूर्व विधायक विक्रम सिंह के साथ कमल किशोर तिवारी,अमित तिवारी और शंकर दयाल उर्फ बच्चा तिवारी भी नामजद आरोपी थे. दो महीने पहले ही विक्रम सिंह को निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी. जिस सजा को उन्होंने जिला अदालत में चुनौती दी थी.
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Source: IOCL






















