बाल श्रमिकों के पुनर्वास पर सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा फैसला, समीक्षा बैठक में दिया ये निर्देश
UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्रम एवं सेवायोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने श्रमिकों को लेकर काफी कुछ कहा. उन्होंने श्रम कानून को अनुकूल होने पर जोर दिया.

CM Yogi on Labor Department: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्रम एवं सेवायोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के पूरक हैं, न कि एक-दूसरे के विरोधी. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के श्रम कानून इस तरह से बनाए जाएं कि वे उद्योगों के अनुकूल हों और श्रमिकों के अधिकारों की भी पूरी सुरक्षा करें.
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि “हर हाथ को काम देने का रास्ता उद्योगों के विस्तार से होकर जाता है. उद्योग बंद करके रोजगार नहीं मिलेगा, बल्कि उद्योगों के विकास से ही अधिक से अधिक रोजगार पैदा होंगे.” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रमिक अड्डों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाए, जहां डोरमेट्री, पेयजल, शौचालय, कैंटीन और प्रशिक्षण की सुविधाएं हों. मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंटीनों में श्रमिकों को 5 से 10 रुपये में चाय, नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराया जाए. इसके अलावा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की स्किल मैपिंग कराकर उन्हें न्यूनतम मानदेय की गारंटी दी जाए.
बाल श्रमिकों के पुनर्वास पर क्या बोलें सीएम योगी?
बाल श्रमिकों के पुनर्वास पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, इन्हें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और अन्य योजनाओं से जोड़ते हुए इनके भविष्य को संवारना होगा. उन्होंने विदेश में काम करने वाले श्रमिकों को तकनीकी के साथ भाषा प्रशिक्षण देने पर भी जोर दिया. सीएम योगी ने यह भी कहा कि निजी अस्पतालों को सीएसआईसी और ईएसआईएस से जोड़ा जाए, ताकि संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें.
बैठक में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि निवेश मित्र पोर्टल पर अब तक आए 5.97 लाख से अधिक आवेदनों में से 5.90 लाख को एनओसी जारी की जा चुकी है. मुख्यमंत्री ने बाकी आवेदनों को भी समय पर और पारदर्शिता से निपटाने के निर्देश दिए.
“ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” से युवाओं को मिलेगा रोजगार
अधिकारियों ने यह भी बताया कि आजादी से 2016 तक उत्तर प्रदेश में 13,809 कारखाने पंजीकृत थे, जबकि पिछले 9 वर्षों में 13,644 नए कारखाने पंजीकृत हुए, जो 99% की वृद्धि है. मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि को अभूतपूर्व बताते हुए श्रम विभाग की सराहना की.
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में श्रम सुधारों की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं. “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को बेहतर बनाने और निवेश आकर्षित करने के लिए योगी सरकार ने श्रम कानूनों के सरलीकरण, डिजिटल पोर्टल, और समयबद्ध एनओसी प्रणाली को बढ़ावा दिया है. इससे राज्य में नए उद्योगों की स्थापना में तेजी आई है और लाखों युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिले हैं. साथ ही, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को योजनाओं से जोड़कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा भी देने की पहल हो रही है.
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Source: IOCL
























