मायावती ने दी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं, अमेरिकी टैरिफ समेत इन मुद्दों पर की बात
Mayawati: बसपा सुप्रीमो मायावती ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए टैरिफ़ से लेकर देश की अर्थव्यवस्था को संभालने की लिए नीति बनाने का सुझाव दिया.

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सभी देशवासियों को 79वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं. इस अवसर पर उन्होंने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि ऐसी ठोस नीति बनाई जाए जो देश पर केंद्रित हो. बसपा सुप्रीमो ने केंद्र और राज्य के बीच तनाव कम करने की भी बात कही.
बसपा सुप्रीमो ने एक लंबी पोस्ट के जरिए स्वाधीनता दिवस पर अपनी बात रखी, उन्होंने कहा कि जनहित में ही देशहित निहित और समाहित है. इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मनमानी व्यापार टैरिफ नीति को ज़ोर जबरदस्ती लागू करने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. इसके लिए सरकार को ठोस उपाय पर काम करना जरूरी है.
केंद्र सरकार को दिया सुझाव
मायावती ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें देश की लगभग 140 करोड़ की आबादी व खासकर भारत के व्यापार हित रक्षा के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को बचाने और लोगों को उससे उत्पन्न अफरातफरी के हालात से निकालने के लिए नीतिगत परिवर्तन से आश्वस्त करना जरूरी है.
उन्होंने आगे कहा- देश के करोड़ों बहुजन गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे व्यापारियों व अन्य सभी मेहनतकश समाज के अथक प्रयासों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है और जो सरकार का सहारा भी है.
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सरकार की ग़रीब विरोधी व बड़े-बड़े पूंजीपति व धन्नासेठ समर्थक नीति के कारण इन वर्गों के लोगों का जीवन ख़ासकर बढ़ती हुई महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व हर दिन के तनावपूर्ण जीवन आदि के कारण काफी बदहाल है. जबकि क्रय शक्ति ही देश की अर्थव्यवस्था की असली ताक़त है.
देश के लिए दीर्घकालिक नीति की जरूरत
मायावती ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि अमेरिका से भारत की दोस्ती अब काफी मंहगी पड़ने के कारण भारतीय व्यापार को किसी एक देश तक सीमित रखने की बजाय दूसरे अन्य देशों और ख़ासकर कम खर्चीले व्यापार को तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता पर गंभीरता से विचार किए जाने पर बल दिया जाना चाहिए.
भारत सरकार को इससे निपटने के लिए दीर्घकालीन नीति बनाकर कार्य करने की जरुरत है. जिसेस देश में अपार श्रम व आईटी सेक्टर की शक्ति को बढ़ावा मिल सकता है. गरीबी व बेरोजगारी आदि की जटिल समस्याओं से मुक्ति भी मिल सकती है.
देश का जनहितैषी समग्र व संपूर्ण विकास तभी संभव है जब देश हर प्रकार से अव्यवस्था, सांप्रदायिकता, जातिवादी, भाषाई तनाव और हिंसा से मुक्त हो. जिसके प्रति सरकार की खास जिम्मेदारी है. केंद्र व राज्यों के बीच बढ़ते टकराव को भी रोकना जरूरी है.
Source: IOCL






















