विरोध के बावजूद विनेश फोगाट के जिले में पहुंचे बृजभूषण शरण सिंह, फिर जो हुआ वो...
Brijbhushan Sharan Singh: पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह रविवार को खाप पंचायतों के विरोध के बावजूद विनेश फोगाट के गांव के जिले दादरी पहुंचे. जहां उन्होंने पहलवान रचना परमार का सम्मान किया.

Brijbhushan Sharan Singh: भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह रविवार को ओलंपिक पहलवान विनेश फोगाट के जिले चरखी दादरी पहुंचे जहां उन्होंने पहलवान रचना परमार को सम्मानित किया. हालांकि उनके आगमन को लेकर यहां की जिला खाप पंचायतों द्वारा विरोध किया गया था बावजूद इसके बृजभूषण शरण सिंह यहां पहुंचे और कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
रविवार को बौंदकलां में वियतनाम में यू-17 एशियाई चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीतने वाली पहलवान रचना परमार को सम्मानित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था. ये आयोजन राजपूत सभा के द्वारा किया गया था, जिसमें बृजभूषण शरण सिंह को भी आमंत्रित किया गया था. जिसके बाद रविवार को बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह भारी सुरक्षा के बीच दादरी के बौंद कलां गांव पहुंचे
खाप के विरोध के बावजूद पहुंचे बृजभूषण
इस दौरान बृजभूषण ने कहा कि वो पहलवान रचना परमार को सम्मानित करने इस कार्यक्रम में आए हैं. जब उनसे खाप पंचायतों के विरोध को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है. जिसका जो काम हैं उन्हें करने दीजिए. ओलंपिक में मेडल लाने के लिए कार्य योजना बन रही है. मेडल आएंगे. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि वो एक शरीफ आदमी है.
दरअसल बृजभूषण शरण सिंह के आगमन को लेकर खाप पंचायतों ने नाराजगी ज़ाहिर करते हुए धमकी दी थी कि वो उन्हें यहां घुसने नहीं देंगे. लेकिन, बाद में इसका कोई असर देखने को नहीं मिला. उनकी धमकियां जुबानी धमकियों में सिमट कर रह गईं. बृजभूषण शरण सिंह जब यहां पहुंचे तो कोई सामने नहीं आया और न ही समारोह के दौरान किसी तरह का विरोध देखने को मिला. सब कुछ शांतिपूर्ण माहौल में समाप्त हो गया.
बता दें कि 2023 में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया था. इस दौरान उनके साथ पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया भी धरने पर बैठे, जिसके बाद बृजभूषण के खिलाफ यौन शौषण का मुकदमा दर्ज कराया था. उन्हें भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था.
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Source: IOCL
























