बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा रोकने के लिए कलियर शरीफ में चढ़ाई चादर, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मांगी दुआ
Uttarakhand: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को समाप्त करने और शांति व न्याय के लिए उत्तराखंड में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कलियर शरीफ में चादर चढ़ाकर दुआ मांगी.

Bangladesh Crisis: उत्तराखंड के पिरान कलियर शरीफ में मुस्लिम समुदाय ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और हिंसा को समाप्त करने की दुआ मांगी. इस अवसर पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के नेतृत्व में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई, जिसमें चादर चढ़ाकर शांति और न्याय के लिए प्रार्थना की गई.
शादाब शम्स ने प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए कहा, "इस्लाम हमेशा से मजलूमों के साथ खड़ा रहा है. कुरान कहता है कि अल्लाह उत्पीड़ितों के साथ है. बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह मानवता के खिलाफ एक नापाक साजिश है. मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, मासूम महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों का दमन किया जा रहा है."
शम्स ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार एक सुनियोजित साजिश है, जिसमें आईएसआई और जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठन शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इस्लाम हमेशा न्याय और शांति की बात करता है. "जो लोग मजलूमों पर जुल्म कर रहे हैं, उनकी प्रार्थनाओं का असर होगा, और जालिमों को अल्लाह सजा देगा,"
बांग्लादेश में शांति के मांगी दुआ
चादर चढ़ाने के बाद, शादाब शम्स ने बांग्लादेश में शांति और भाईचारे की स्थापना के लिए प्रार्थना की. उन्होंने कहा कि इस्लाम किसी भी धर्म या समुदाय के साथ अन्याय को बर्दाश्त नहीं करता. "हम अल्लाह से प्रार्थना करते हैं कि वह मजलूमों को सहारा दे और जालिमों को उनकी गलतियों का एहसास कराए." उन्होंने मुस्लिम समुदाय से भी अपील की कि वे हर मजलूम के हक में खड़े हों, चाहे वह किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि का हो. "हमारा धर्म हमें सिखाता है कि किसी भी प्रकार की हिंसा और अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए."
पिरान कलियर शरीफ, जिसे सूफी संत हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की दरगाह के रूप में जाना जाता है, हमेशा से शांति और सह-अस्तित्व का प्रतीक रहा है. यहां से निकली हर आवाज इंसानियत और भाईचारे के संदेश को बल देती है. शम्स ने कहा कि बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अन्याय को देखकर हर इंसान का दिल दुखी है. "यहां से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि बांग्लादेश में न्याय की बहाली हो और मजलूमों के साथ इंसाफ किया जाए."
"अन्याय और हिंसा के खिलाफ है इस्लाम"
इस प्रार्थना सभा का मुख्य उद्देश्य न केवल मजलूमों के लिए दुआ करना था, बल्कि यह भी संदेश देना था कि इस्लाम हर प्रकार के अन्याय और हिंसा के खिलाफ है. शादाब शम्स ने कहा, "हम चाहते हैं कि बांग्लादेश में अमन-चैन कायम हो और किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ अत्याचार बंद हो." पिरान कलियर शरीफ से निकली यह प्रार्थना मानवता और इंसाफ का प्रतीक है.
मुस्लिम समुदाय ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए अल्लाह से न्याय और शांति की दुआ मांगी. यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि किसी भी धर्म या जाति के खिलाफ होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए सबको एकजुट होना चाहिए.
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Source: IOCL





















