कथित हार्ट सर्जन नरेंद्र जॉन केम उर्फ डॉ नरेंद्र को लेकर बड़ा खुलासा, मिले ये जरूरी दस्तावेज
पुलिस को शैक्षिक प्रमाण पत्र के साथ कई जरूरी दस्तावेज मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश पुलिस ने फ्लैट से कुछ जरूरी दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं.

Prayagraj News: मध्य प्रदेश के कथित हार्ट सर्जन नरेंद्र जॉन केम उर्फ डॉ नरेंद्र विक्रम यादव को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. गुरुवार को एक बार फिर से मध्य प्रदेश की दमोह पुलिस प्रयागराज पहुंची थी.
एमपी पुलिस नैनी ओमेक्स टाउनशिप में स्थित फ्लैट में पहुंचकर जांच पड़ताल की. नैनी के ओमेक्स टाउनशिप के ए ब्लॉक के फ्लैट नंबर 511 में एमपी पुलिस ने घंटों छानबीन की. दमोह पुलिस ने कथित डॉक्टर के सामान की वीडियोग्राफी के बीच जांच पड़ताल की.
पुलिस को शैक्षिक प्रमाण पत्र के साथ कई जरूरी दस्तावेज मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश पुलिस ने फ्लैट से कुछ जरूरी दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं. पुलिस इन दस्तावेजों को लेकर मध्य प्रदेश वापस चली गई है.
दस्तावेजों की होगी जांच
दस्तावेजों की जांच के बाद यह तय होगा कि उसकी डिग्री फर्जी थी या सही. इस बात का भी पता चलेगा कि उसने डिग्री कहां से हासिल की थी. इसी फ्लैट से 7 अप्रैल को दमोह पुलिस ने प्रयागराज की औद्योगिक थाना पुलिस के साथ मिलकर कथित हार्ट सर्जन को गिरफ्तार किया था.
कथित डॉक्टर पर आरोप है कि इसकी डिग्री फर्जी है. मिशनरी अस्पताल दमोह में उसके द्वारा किए गए गलत ऑपरेशन से सात लोगों की मौत हो गई. कथित हार्ट सर्जन ने 9 महीने पहले जमुना सिंह से फ्लैट किराए पर लिया था.
UP: 'अलीगढ़ में घुसने नहीं देंगे', अखिलेश यादव के दौरे से पहले किसने दी सपा अध्यक्ष को चेतावनी?
दमोह पुलिस ने फ्लाइट मलिक जमुना सिंह को भी बुलाकर पूछताछ की है. हालांकि जमुना सिंह ने बताया कि नरेंद्र विक्रम यादव ने खुद को हार्ट सर्जन बताया था. उसने फ्लैट को ऑनलाइन किराए पर लिया था. कथित डॉक्टर ने फ्लैट का एग्रीमेंट भी कराया था,. मकान मालिक को प्रयागराज में प्राइवेट प्रैक्टिस की बात कही थी.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























