मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस केस में अलका राय की मुश्किल नहीं हो रही कम, अदालत ने खारिज कर दी याचिका
Mukhtar Ansari News: 4 जुलाई 2021 को पुलिस ने मुख्तार अंसारी सहित कुल 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

Mukhtar Ansari News: मऊ जिले के सदर क्षेत्र से पांच बार लगातार विधायक रहे माफिया दिवंगत मुख्तार अंसारी से जुड़े चर्चित एंबुलेंस मामले में फंसी मऊ की श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. अलका राय की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बाराबंकी की अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क की गई पौने तीन करोड़ की संपत्ति की बहाली संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट का यह फैसला डॉ.अलका राय के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
यह पूरा मामला 21 मार्च 2021 को तब उजागर हुआ जब पंजाब की रोपड़ जेल में बंद मुख्तार अंसारी को मोहाली की अदालत में पेशी के लिए एक एंबुलेंस (यूपी 41 एटी 7171) के ज़रिए ले जाया गया था. इस एंबुलेंस पर नेशनल हेल्थ मिशन का लोगो लगा था, जो बाराबंकी में रजिस्टर्ड थी और मऊ स्थित श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. अलका राय के नाम पर थी.
जांच में सामने आया कि एंबुलेंस का पंजीकरण फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बाराबंकी आरटीओ कार्यालय में कराया गया था. इसके बाद 2 अप्रैल 2021 को बाराबंकी कोतवाली नगर पुलिस ने डॉ. अलका राय, उनके मुंहबोले भाई डॉ. शेषनाथ राय और मऊ के राजनाथ यादव के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था.
13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
4 जुलाई 2021 को पुलिस ने मुख्तार अंसारी सहित कुल 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. इसके बाद 25 मार्च 2022 को बाराबंकी के जिलाधिकारी के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें डॉ. अलका राय और अन्य को नामजद किया गया.
सरकारी स्तर पर हुई कठोर कार्रवाई के तहत 3 अक्टूबर 2022 को बाराबंकी और मऊ पुलिस की संयुक्त टीम ने डॉक्टर अलका राय की संपत्तियों पर शिकंजा कसते हुए लगभग पौने तीन करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कुर्क कर लिया. इस दौरान मऊ के बलिया मोड़ स्थित श्याम संजीवनी हॉस्पिटल को सील कर दिया गया.
मऊ जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि बाराबंकी डीएम के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत यह कार्रवाई की गई, जिसमें मऊ की राजस्व टीम ने भी संपत्ति चिन्हांकन और कुर्की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई.
अब जबकि बाराबंकी कोर्ट ने भी डॉ. अलका राय की संपत्ति बहाली की याचिका को खारिज कर दिया है, ऐसे में उनके लिए कानूनी लड़ाई और मुश्किल होती जा रही है.

