अलीगढ़ की शेखा झील का होगा सौंदर्यीकरण, डीएम ने किया निरीक्षण, प्रवासी पक्षियों का रहता है डेरा
UP News: अलीगढ़ मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर दूर स्थित जलाली पनेठी मार्ग पर स्थित शेखा झील जिले को खास पहचान दिलाती है. डीएम विशाख जी ने झील का निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देशित किया.

Aligarh News: ताले और तालीम के शहर अलीगढ़ में कहने को तो तमाम तरह की इमारत मौजूद है जिन्हें देखने के बाद लोग अलीगढ़ को किसी बड़े खूबसूरत शहर की तरह मानने से परहेज नहीं करते हैं. इस बात का अंदाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को लेकर लगाया जा सकता है जिसमें उनके द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को लेकर मिनी इंडिया का दर्जा दिया है. पीएम मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को मिनी इंडिया कहा था.
शिक्षा के बेहतर व्यवस्था की अगर बात कही जाए तो यहां अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जैसी इंस्टिट्यूट की वजह से विदेश तक अलीगढ़ का नाम और उसकी पहचान हर रोज नई-नई उपलब्धियां के कारण अपना डंका बजवाती है. अलीगढ़ मैं बनने वाला ताला विदेश में अपनी अटूट सुरक्षा को लेकर नया विश्वास पैदा करता है. अलीगढ़ में आज भी घूमने से लेकर देखने तक की बहुत सी ऐसी इमारतें मौजूद है जो विश्व पटल पर अपनी पहचान दर्ज कराए हुए हैं. उन्ही में से एक नाम शेखा झील का आता है. शेखा झील को लेकर बताया जाता है यहां विदेश से पक्षी सैर करने के लिए आते हैं. लगभग 40 से 45 प्रजातियों के पक्षियों के सेखा झील पर कई महीनो तक डेरा डालने और यहां प्रवास करने की तस्वीर साफ हो चुकी है,
कहा स्थित है शेखा झील?
अलीगढ़ मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर दूर स्थित जलाली पनेठी मार्ग पर स्थित शेखा झील है. झील के बारे में बताया जाता है कि 1852 में इस झील के करीब अपर गंग नहर का निर्माण हुआ था. आसपास पानी की मौजूदगी के चलते यहां तमाम तरह के पक्षी और जानवर भृमण करने इस जगह के करीब पहुंचा करते थे. जब देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में सुमार डॉक्टर सालीम अली अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पहुंचे तो उन्होंने इस झील के बारे में खोजबीन शुरू कर दी. उन्होंने देखा झील के आसपास जानवर और पक्षियों की बड़ी तादाद है. इन पंछियों के साथ-साथ अलग-अलग प्रजाति के जानवर भी यहां पर पहुंच रहे हैं.
उन्होंने भारत सरकार से कानून बनवाकर यहां शिकार करवाना प्रतिबंधित कर दिया. सरकार ने इसका ध्यान रखा तो सन 2003 में उत्तर प्रदेश की स्थानीय झील का दर्जा भी शेखा झील को मिल चुका है. वर्ष 2016 में यहां लोगों का जमावड़ा लगने लगा तो इस झील को राष्ट्रीय पक्षी विहार घोषित कर दिया गया. उसके बाद यह झील अपने कदम आगे बढ़ाती चली गई. इस झील को रामसर साइड में शामिल कर दिया गया. इस रामसर साइट के बारे में बताते हैं देश भर में भारत के ऐसे 64 स्थल शामिल है जिनमे में इस झील को भी शामिल किया गया है.
प्रवासी पक्षियों का रहता है जमावड़ा
रामसर के बारे में बताया जाता है यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, इस संधि के अनुसार किसी स्थल के शामिल होने पर उस स्थल को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलती है तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी सहयोग व आर्थिक मदद मिलने लगती है जिससे उसे स्थान का संचिप्त विकास होता है जिसके चलते विदेश में भी इस झील की पहचान अलग है. प्रवासी पक्षी काफी तादाद में यहां पर पहुंचते हैं और उनका आना अक्टूबर से शुरू हो जाता है जो कि मार्च तक यहां पर प्रवास करते हैं. उसके बाद विदेश के लिए रवाना हो जाते हैं.
शिखा झील में प्रवेश के दौरान आमतौर पर प्रवेश शुल्क के तौर पर टिकट लेनी पड़ती है इस झील में घूमने का समय 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक है. भारतीय नागरिकों की अगर बात कही जाए तो महज 30 रुपये में यहां पर भारतीय नागरिक प्रवेश कर सकते हैं लेकिन अगर बात विदेशी नागरिकों की कही जाए तो उनके लिए यहां पर 350 रुपए प्रति व्यक्ति को प्रवेश शुल्क के रूप में देने होंगे.
डीएम ने किया शेखा झील का निरीक्षण
अलीगढ में जिलाधिकारी विशाख जी ने शेखा झील का भ्रमण करते हुए निरीक्षण किया है. पर्यटन से संबंधित सुविधाएं विकसित करने की संबंध में कार्य योजना बनाना भी यहां शुरू कर दिया गया है. शेखा झील विस्तारीकरण से संबंधित जमीन अधिग्रहण करने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन विकास के लिए प्रस्तावित भूमि का भी निरीक्षण किया है. शेखा झील को लेकर अब विकसित करने के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता भी पड़ेगी जिसको लेकर अब जिलाधिकारी अलीगढ़ की तरफ से निरीक्षण करते हुए अधीनस्थों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं.
ये भी पढ़ें: Hapur: नवादा गांव में तेंदुए की दस्तक, दहशत में ग्रामीण, वन विभाग ने शुरू किया सर्च अभियान
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















