(Source: Poll of Polls)
69,000 शिक्षक भर्ती: सुनवाई टलने से भड़का अभ्यार्थियों का गुस्सा, शिक्षा मंत्री के आवास पर प्रदर्शन
69000 Teachers Recruitment: धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि लंबे आंदोलन हाई कोर्ट ने अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया लेकिन सरकार की हीला हवाली से मामला SC में चला गया.

69000 Teachers Recruitment: 69000 शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं होने से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है, जिससे गुस्साए अभ्यार्थियों ने आज सोमवार को बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया. इस दौरान बड़ी संख्या में अभ्यार्थी मंत्री आवास पर पहुंचे और जोरदार नारेबाजी की. उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षक भर्ती में बड़े स्तर पर अनियमितताएं हुई है और सरकार अपना पक्ष कोर्ट में रखने से बच रही है.
अभ्यार्थी आज सुबह से ही मंत्री संदीप सिंह के आवास के सामने इकट्ठा होना शुरू हो गए, जिसके बाद उन्होंने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की, शिक्षक भर्ती को लेकर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मंत्री के आवास पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. अभ्यर्थियों ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में व्यापक स्तर पर अनियमितता हुई जिस कारण से आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित हो गए.
शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास पर प्रदर्शन
इस मामले की लंबी सुनवाई हाई कोर्ट में हुई और फैसला उनके पक्ष में आया. लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण उसका पालन नहीं हो सका और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी पक्ष रखने से पीछे हट रही है. अभ्यर्थियों ने मांग की कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी करे और जल्द इस मामले का निस्तारण कराये.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई कल मंगलवार 25 मार्च को होनी है. योगी सरकार 8 साल मिसाल का नारा दे रही लेकिन इन अभ्यर्थियों का कहना है कि इनका 5 साल बेहाल रहा. धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया और नियमों का पालन करते हुए तीन महीने के अंदर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया. लेकिन, सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली करती रही और मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार लापरवाही कर रही है जिस कारण से आज हम लोगों को सड़क पर उतरना पड़ा. हमारी यही मांग है की सरकार सुप्रीम कोर्ट में हमारी मजबूत पैरवी करें और हमें जल्द न्याय दिलाए.
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