अकबरपुर लोकसभा सीट में भोले के कंधों पर होगी कमल खिलाने की जिम्मेदारी, जानें- कैसी है विरोधियों की तैयारी
बीएसपी ने अकबरपुर लोकसभा सीट से निशा सचान को टिकट दिया है। कांग्रेस ने यहां पर फिर से राजाराम पाल पर दांव लगाया है। बीजेपी ने 2014 में जीत हासिल करने वाले देवेंद्र सिंह भोले को प्रत्याशी बनाया है।

अकबरपुर, एबीपी गंगा। अकबरपुर लोकसभा सीट को पहले बिल्हौर संसदीय सीट के रूप में जाना जाता था। यह लोकसभा सीट 2009 में वजूद में आई थी। गंगा और यमुना के मध्य में बसी अकबरपुर सीट राजनीतिक रूप से एक दौर में कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करती थी। 90 के दशक में कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार के खिलाफ बगावत करने वाले अरुण नेहरू ने जनता दल से मैदान में उतरकर जीत हासिल की थी। बाद में इस इलाके पर बीजेपी ने अपना दबदबा कायम किया। बसपा से नाता तोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले राजाराम पाल 2009 में यहां से सांसद बने। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर पर सवार बीजेपी ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली। 2014 में बीजेपी से देवेंद्र सिंह उर्फ भोले सिंह ने यहां से जीत हासिल की थी।
कौन है मैदान में
2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए सपा-बसपा बीच गठबंधन हुआ है। बीएसपी ने अकबरपुर लोकसभा सीट से निशा सचान को टिकट दिया है। कांग्रेस ने यहां पर फिर से राजाराम पाल पर दांव लगाया है। बीजेपी ने 2014 में जीत हासिल करने वाले देवेंद्र सिंह भोले को प्रत्याशी बनाया है।
मायावती भी लड़ चुकी हैं चुनाव
1998 में इस सीट से बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भारी जीत दर्ज की थी, वो समाजवादी पार्टी के डॉक्टर लालता प्रसाद को हराकर इस सीट से पहली महिला सांसद के रूप में निर्वाचित हुई थीं। 2002 में हुए उपचुनावों में यह सीट सामान्य श्रेणी में आ गई, जहां से बसपा के त्रिभुवन दत्त विजयी हुए और इसके बाद साल 2004 में यह सीट एक बार फिर से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई और जिसके बाद मायावती फिर यहां से लोकसभा पहुंचीं लेकिन साल 2009 में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई।
ये है स्थिति
2011 की जनगणना के अनुसार अकबरपुर लोकसभा सीट पर कुल जनसंख्या 22,67,095 है। इसमें 64.65 फीसदी ग्रामीण और 35.35 फीसदी शहरी आबादी है। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के मुताबिक इस लोकसभा सीट पर पांचों विधानसभा सीटों पर कुल 17,14,453 मतदाता और 1,784 मतदान केंद्र हैं। अनुसूचित जाति की आबादी इस सीट पर 23.22 फीसदी है। इसके अलावा अकबरपुर संसदीय सीट पर राजपूत और ब्राह्मण मतदाता काफी निर्णायक भूमिका में हैं।
विधानसभा सीट
अकबरपुर लोकसभा सीट के तहत कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें अकबरपुर रानिया, बिठूर, कल्याणपुर, महाराजापुर और घाटमपुर विधानसभा सीटें शामिल हैं, जिनमें से घाटमपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। मौजूदा समय में पांचों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में अकबरपुर संसदीय सीट पर 54.93 फीसदी मतदान हुआ था। इस सीट पर बीजेपी के अशोक कुमार दोहरे ने सपा के प्रेमदास कठेरिया को बड़े अंतर से मात देकर जीत हासिल की थी।
बीजेपी के देवेंद्र सिंह उर्फ भोले सिंह को 4,81,584 वोट मिले
बसपा के अनिल शुक्ला वारसी को 2,02,587 वोट मिले
सपा के लाल सिंह तोमर को 1,47,002 वोट मिले
कांग्रेस के राजाराम पाल को 96,827 वोट मिले
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