(Source: ECI | ABP NEWS)
Alwar: पुलिस की पिटाई से परेशान युवक ने जहर खाकर दी जान, सुसाइड नोट में लिखा, 'अब भोलेनाथ देंगे इंसाफ'
Alwar Suicide Case: अलवर में अमित सैनी नामक युवक ने पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली. उसने सुसाइड नोट में तीन पुलिसकर्मियों सहित छह लोगों पर झूठे आरोप में फंसाने, मारपीट करने का आरोप लगाया.

राजस्थान के अलवर जिले के शिवाजी पार्क थाना क्षेत्र में 22 साल के अमित सैनी ने पुलिस के अत्याचार से तंग आकर आत्महत्या कर ली. उसने जहर खाकर अपनी जिंदगी समाप्त की. मृतक ने अपने सुसाइड नोट में छह लोगों के नाम लिखे हैं, जिनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. उसने आरोप लगाया कि उसे झूठे मुकदमों में फंसा कर थाने में डाला गया, रातभर पीटा गया और अपमानित किया गया.
अमित ने मौत से पहले अपने पिता से कहा कि पुलिस ने उसे बहुत पीटा और घिनौना व्यवहार किया. परिवार वाले तुरंत उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. मृतक के पिता लक्ष्मण सैनी ने आरोप लगाया कि 7 जुलाई को सदर थाना पुलिसकर्मी गुरमीत, मंजीत और फुलसीद के साथ-साथ अन्य तीन लोग– दिनेश राव, अनीश खान और नितिन ने चोरी के झूठे आरोप में उसके बेटे को पकड़ा और थाने ले जाकर 151 की कार्रवाई में बंद कर दिया. वहां उसके साथ रातभर मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी दी गई.
अपमान के कारण वह मानसिक रूप से टूट गया
परिजनों ने वकील की मदद से उसे थाने से छुड़ाया, लेकिन उसका मोबाइल, पर्स और मोटरसाइकिल पुलिस और अन्य लोगों के पास ही रह गए, जिन्हें वापस न मिलने और थाने में हुए अपमान के कारण वह मानसिक रूप से टूट गया. परिजनों ने बताया कि अमित के पास से सुसाइड नोट मिला जिसमें सभी आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज हैं. नोट के आखिरी पन्ने पर मृतक अमित ने लिखा अब मुझे इंसाफ दिलाना भगवान भोले के हाथ में है.
सुसाइड नोट में सभी आरोपियों के नाम साफ- साफ लिखे गए हैं
जानकारी के मुताबिक अमित की शादी एक साल पहले ही हुई थी. वह पहले निजी अस्पताल में काम करता था, लेकिन फिर से बेरोजगार हो गया. उसके पास कोई बच्चे नहीं हैं. उसके पिता मजदूरी कर घर चलाते हैं. परिजनों के हिसाब से, अमित का सुसाइड नोट दो पेज का है, जिसमें सभी आरोपियों के नाम साफ- साफ लिखे गए हैं.
आखिरी पन्ने पर उसने लिखा, “अब मुझे इंसाफ भगवान भोले ही दिलाएगा.” शिवाजी पार्क के हेड कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अमित को पहले 151 के तहत हिरासत में लिया गया था. अब उसकी मौत के बाद परिजन की शिकायत पर जांच शुरू हुई है.
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