17 साल बाद जस्टिस निर्मल यादव को मिली राहत तो बोलीं, 'जो अच्छे दिन होते, वो...'
Nirmal Yadav Acquitted: हाई कोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव नकदी मिलने के मामले में बरी हो गई हैं. मामला 2008 का है, जब घर के दरवाजे पर कैश मिलने का दावा किया गया था.

Justice Nirmal Yadav Verdict: केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने शनिवार (29 मार्च) को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव को घर के दरवाजे पर नकदी मिलने के मामले में बरी कर दिया.
कोर्ट के फैसले पर निर्मल यादव ने कहा कि जो अच्छे दिन होते, वो परेशानी में बीते. उन्होंने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, "मुझे कोर्ट ने पेश होने से छूट दी थी, लेकिन फिर भी मैं सुनवाई के बारे में पूछता रहता थी. यह एक बहुत लंबी प्रक्रिया है. रिटायरमेंट से पहले भी मुझे काफी उम्मीदें थीं.''
उन्होंने कहा, ''मेरी महत्वाकांक्षा सबसे बड़ी अदालत में जाने की थी. मैं बहुत कुछ करना चाहता थी, लेकिन इस वजह से मैं नहीं कर पाया. मुझे कोई पछतावा नहीं है, मैंने इस समय का उपयोग सकारात्मक काम करने में किया है.''
VIDEO | Chandigarh: Here's what former Punjab and Haryana HC judge Nirmal Yadav said on being acquitted by CBI court in cash-at-judge’s door case after 17 years.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 29, 2025
"I had been given the exemption by the court for appearing, but still I used to inquire about the hearing. It is a… pic.twitter.com/RBpAvR6Mav
17 साल बाद आया फैसला
आरोप था कि 13 अगस्त 2008 को हाई कोर्ट की एक अन्य जस्टिस निर्मलजीत कौर के आवास पर कथित रूप से 15 लाख रुपये से भरा एक पैकेट गलत तरीके से पहुंचा दिया गया था. आरोप लगाया गया था कि यह नकदी जस्टिस निर्मल यादव को एक संपत्ति सौदे को प्रभावित करने के लिए रिश्वत के रूप में दी जानी थी. इस मामले में करीब 17 साल बाद फैसला आया है.
कोर्ट ने पूर्व जस्टिस निर्मल यादव के साथ-साथ चार अन्य लोगों को भी बरी किया है. मामले में कुल पांच आरोपी थे, जिनमें से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई.
अदालत ने गुरुवार को जस्टिस यादव के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में अंतिम दलीलें सुनी थीं और फैसला सुनाने के लिए 29 मार्च की तारीख तय की थी.
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