मोहाली कबड्डी टूर्नामेंट में चली थीं तड़ातड़ गोलियां, आयोजक हरजीत सिंह ने बताई वारदात की पूरी कहानी
Punjab News: मोहाली के कबड्डी टूर्नामेंट में खिलाड़ी कंवर दिग्विजय सिंह उर्फ राणा बलाचौरिया की हत्या से हड़कंप मचा. आयोजक और पुलिस के अनुसार यह वारदात कबड्डी के कंट्रोल को लेकर हुई रंजिश से जुड़ी है.

मोहाली में आयोजित कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ी कंवर दिग्विजय सिंह उर्फ राणा बलाचौरिया की नकाबपोश हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. यह वारदात उस वक्त हुई जब राणा की टीम अपना मैच जीतकर मैदान से बाहर जा चुकी थी. घटना के बाद पूरे टूर्नामेंट में दहशत फैल गई और मैदान कुछ ही मिनटों में खाली हो गया. टूर्नामेंट आयोजक हरजीत सिंह ने बताया है कि घटना के वक्त क्या हुआ.
आयोजक हरजीत सिंह का बयान
टूर्नामेंट आयोजक हरजीत सिंह ने बताया कि राणा बलाचौरिया अपनी टीम को लीड कर रहे थे और मैच समाप्त होने के बाद खिलाड़ी पहले मैदान से बाहर निकले. कुछ देर बाद जब राणा अकेले बाहर आए, तभी पहले से घात लगाए नकाबपोश हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं. हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद लोगों में डर फैलाने के लिए हवाई फायर करते हुए फरार हो गए. इस अचानक हमले से टूर्नामेंट में भगदड़ मच गई और दर्शक व खिलाड़ी जान बचाकर इधर उधर भागने लगे.
कार्यक्रम पर असर और कबड्डी के भविष्य को खतरा!
इस टूर्नामेंट में पंजाबी गायक मनकीरत औलख को भी पहुंचना था और वे रास्ते में ही थे, लेकिन जैसे ही उन्हें इस फायरिंग की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत वापस लौटने का फैसला किया. आयोजक के अनुसार कबड्डी टूर्नामेंट्स में बढ़ती हिंसा और खिलाड़ियों को मैदान के बाहर निशाना बनाए जाने से आम लोगों का भरोसा टूटेगा. इसका सीधा असर यह होगा कि माता पिता अपने बच्चों को कबड्डी जैसे खेलों से दूर रखने लगेंगे.
पुलिस जांच और एसएसपी का खुलासा
मोहाली के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस हत्याकांड में 3 लोगों की संलिप्तता कन्फर्म हो चुकी है, जिनमें से 2 ने फायरिंग की थी. पुलिस ने दोनों शूटरों की पहचान कर ली है, जिनमें आदित्य कपूर उर्फ मखन और कारण पाठक शामिल हैं, दोनों अमृतसर के रहने वाले हैं, जबकि तीसरे आरोपी की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है.
एसएसपी ने बताया कि मृतक का नाम जग्गू भगवानपुरिया गैंग से जोड़ा जा रहा है, लेकिन राणा बलाचौरिया की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री सामने नहीं आई है. उन्होंने यह भी साफ किया कि सोशल मीडिया पर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बदले की जो बातें कही जा रही हैं, उनमें अब तक राणा की कोई भूमिका साबित नहीं हुई है, और यह मामला कबड्डी के नियंत्रण को लेकर आपसी संघर्ष से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है.
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