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Punjab Politics: राजनीतिक गुरु से नाराजगी के कारण Navjot Singh Sidhu ने छोड़ दी थी BJP, जानिए पूरी कहानी
Navjot Singh Sidhu News: 16 सालों तक क्रिकेट में लंबी पारी खेलने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू 2004 में BJP में शामिल हुए थे. तब उन्होंने अरुण जेटली को अपना राजनीतिक गुरु माना. फिर उन्हीं की वजह से बीजेपी से उनकी नाराजगी भी बढ़ती गई.
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Punjab News: पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) इन दिनों जेल में रोडरेज के एक मामले में सजा काट रहे है. क्रिकेट, कॉमेंट्री, टीवी, फिल्म के बाद राजनीति में अपनी प्रतिभा दिख रहे सिद्धू हमेशा से ही सुर्खियों में बने रहे. करीब 16 सालों तक भारतीय क्रिकेट में सिद्धू ने कई महत्वपूर्ण पारियां खेलीं. फिर क्रिकेट से सन्यास लिया और राजनीति की तरफ रुख कर लिया. साल 2004 में बीजेपी नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने उन्हें बीजेपी में शामिल करवाया. तभी से सिद्धू अरुण जेटली को अपना राजनीतिक गुरु मानने लगे.
2004 में पहली बार लड़ा चुनाव
बीजेपी में शामिल होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को 2004 में अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाया गया. सिद्धू ने पहली बार में ही अपने आपको साबित करते हुए एक लाख से अधिक वोटों से कांग्रेस के कद्दावर नेता रघुनंदन लाल भाटिया को हराया. लेकिन अपने ऊपर लगे रोडरेज के मामले की वजह से उन्हें लोकसभा से इस्तीफा देना पड़ा. फिर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए तो फिर उन्होंने शानदार जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस के सुरिंदर सिंगला को मात दी. साल 2009 के चुनाव में उन्हें फिर बीजेपी ने अमृतसर लोकसभा सीट का उम्मीदवार बनाया फिर तीसरी बार भी सिद्धू ने कांग्रेस के उम्मीदवार ओपी सोनी को हराकर जीत दर्ज की.
इस कारण हुई जेटली-सिद्धू में तकरार
अमृतसर लोकसभा सीट से तीन बार की जीत के बावजूद बीजेपी ने साल 2014 के लोकसभा चुनावों में नवजोत सिंह सिद्धू की जगह उनके राजनीतिक गुरु अरुण जेटली को अमृतसर से टिकट दिया. जिसके वजह से सिद्धू नाराज हो गए, ना ही सिद्धू अरुण जेटली के प्रचार के लिए गए. इस चुनाव में अरुण जेटली की कांग्रेस का हाथों हार हुई, कांग्रेस से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें हरा दिया. सिद्धू की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी ने उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश करते हुए राज्यसभा का सदस्य बनाया, लेकिन फिर भी सिद्धू की नाराजगी कम नहीं हुई. 2017 में सिद्धू ने अचानक राज्यसभा सदस्यता के साथ-साथ बीजेपी से भी इस्तीफा दे दिया. कुछ दिन तो सिद्धू अपना एक अलग मोर्चा बनाने के लिए प्रयास करते रहे लेकिन 2017 में फिर कांग्रेस में शामिल हो गए.
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