एक्सप्लोरर

Kargil Vijay Diwas 2023: कारगिल विजय दिवस पर आप भी जानिए सूबेदार भूपेंद्र सिंह की पूरी कहानी, ऐसे दुश्मनों का खात्मा कर लहराया था तिरंगा

Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय पर सूबेदार भूपेंद्र सिंह ने बताया कि किस तरह उनकी यूनिट ने दुश्मनों को वहां से भागने पर मजबूर कर दिया था. 8 सिख चढ़दी कला बटालियन ने टाइगर हिल पर तिरंगा लहराया था.

Punjab News: भारत-पाकिस्तान के बीच साल 1999 में कारगिल युद्ध हुआ जो लगातार दो महीने चला. जिसमें हमारे 527 से ज्यादा जवान शहीद हुए और 1400 के करीब इस युद्ध में घायल हुए 6 मई 1999 को शुरू हुआ, जो 26 जुलाई 1999 को खत्म हुआ. हमारे भारत के शूरवीर जवानों के बलिदान के साथ यह कारगिल फतेह किया गया और 26 जुलाई को कारगिल फतेह दिवस मनाया जाता है आज हम आपको यह कारगिल युद्ध कैसे फतह किया था उसकी कहानी सुनाते हैं.  

सूबेदार भूपेंद्र सिंह की टीम ने लहराया था तिरंगा’
सबसे पहले आपको बताते है टाइगर हिल पर 7 जुलाई 1999 को तिरंगा झंडा लहराने बाली बटालियन के सूबेदार भूपेंद्र सिंह की कहानी, जो खुद इस युद्ध में घायल हुए थे और उनके 8 सिख चढ़दी कला बटालियन के एक ऑफिसर 4 जेसीओ 30 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थे. सूबेदार भूपेंद्र सिंह संगरूर के भुल्लर हेड़ी गांव के रहने वाले है. भूपिंदर सिंह बताते हैं कि कारगिल में कई किलोमीटर के एरिया में पाकिस्तानियों की ओर से जो घुसपैठ की गई थी वहां पर बिजली का पूरा प्रबंध किया हुआ था यहां तक की उनके बंकरों में टेलीविजन तक लगे हुए थे.

कारगिल द्रास सेक्टर पर हुई घुसपैठ
सूबेदार भूपेंद्र सिंह बताते है कि उनकी यूनिट पंजाब के पठानकोट में तैनात थी और वहां से उनको 5 मई को जम्मू कश्मीर के पुलवामा डिस्ट्रिक्ट के बालापुर के लिए रवाना किया और 11 मई को वो वहां पहुंचे. जिसके बाद उनको वहां पहुंचने के साथ ही सूचना मिली कि कारगिल द्रास सेक्टर पर घुसपैठ हो चुकी है. उनके ऑफिसर ने बताया कि आप 8 सिख चढ़दी कला बटालियन के जवान हो हमने आपका सिख इतिहास पढ़ा है. आपका इतिहास बहुत बड़ा है हम आपको एक बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहे हैं वहां से घुसपैठियों को खदेड़ना है. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उसके बाद हमारी पूरी यूनिट द्रास सेक्टर के लिए रवाना हो गई. पेंद्र सिंह उस समय लांस नायक थे. भूपेंद्र सिंह ने आगे बताया कि 13 मई को सुबह 5:00 बजे हम द्रास सेक्टर में शाम को 5:00 बजे पहुंच गए थे. 

दिन के समय इस क्षेत्र में होती थी गोलीबारी
जब हम पहुंचे तो वहां पर भारी गोलाबारी पाकिस्तान की ओर से हो रही थी वो पूरा इलाका ऐसा था कि दिन के समय पूरी गोलाबारी होती थी. हमे अगर सफर करना होता था या फिर यूनिट को आगे पीछे करना होता था तो रात का समय ही चुना जाता था. 14 मई को मैं अपने को साथियों के समेत वापस नीचे आया क्योंकि और सामान लेकर जाना था. लेकिन रास्ते में आते समय हमारी गाड़ियों के ऊपर गोलाबारी लगातार जारी थी. हम बचते हुए नीचे पहुंचे जहां पर हमने कैंप लगाना था लेकिन हमारा कोई जानी नुकसान नहीं हुआ हमारी गाड़ियों को नुकसान जरूर हुआ. जम्मू कश्मीर की ओर से जब द्रास सेक्टर के लिए जाते थे. तो रास्ते में एक पुल आता था जो कि पूरी तरीके से फौज को बैकअप देने के लिए था. पाकिस्तानी घुसपैठिए वहां पर हमला कर रहे थे लेकिन वहां पर हमला नहीं हो पा रहा था अगर वह पुल टूट जाता तो भारतीय सेना के लिए यह बहुत मुश्किल होता है क्योंकि आगे जाने के लिए फिर और कोई रास्ता नहीं था. 

घुसपैठियों के बम से हुए घायल
हम जब शाम के 5:00 बजे मास्को घाटी में अपना कैंप लगाया तो उसी समय दोबारा से फायरिंग शुरू हो गई उस समय मेरे और मेरे दो साथियों के ऊपर जो घुसपैठियों की ओर से बम फेंका गया था. हम लोग घायल हुए तो हमें नीचे हॉस्पिटल में ले जाया गया उसके बाद हमें कारगिल के हॉस्पिटल में ले जाया गया जहां पर हमारा ऑपरेशन हुआ और मैं 4 दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद फिर मोर्चे पर आ गए. क्योंकि हमारे जवान बाहर लड़ रहे थे हमारी जरूरत वहां थी. जब हम हॉस्पिटल में थे वहां भी लगातार फायरिंग हो रही थी

1 जुलाई 1999 को 11 जवान हुए शहीद
भूपेंद्र सिंह ने बताया 1 जुलाई 1999 को हमारा एक ऑफिसर एक जेसीओ और 11 जवान शहीद हुए क्योंकि वह टाइगर हिल की जो चोटियां थी. जहां पर घुसपैठिए बैठे थे उनकी हाइट 13000 फीट से ज्यादा थी वहां से लगातार फायर हो रहा था. जब 1 जुलाई को हमारे ऑफिसर समेत हमारे 11 जवान शहीद हुए तो हमारे एरिया कमांडर ने दोबारा से एक प्लान बनाया कि घुसपैठियों को पीछे से मदद मिल रही है. वह रास्ते कटऑफ किए जाए और यह जिम्मेदारी भी हमारी 8 सिख चढ़दी कला बटालियन को ही दी गई. हमारे सीईओ साहब ने हमारे यूनिट में आकर एक घातक पलटन बनाई. एक टीम ऐसी बनाई गई जो घुसपैठियों के साथ आर पार की लड़ाई कर सके. इस टीम में दो ऑफिसर थे 4 जेसीओ 58 जवान और उनको 2 दिन की ट्रेनिंग दी गई और 2 दिन की ट्रेनिंग के बाद उन्हें टाइगर हिल की ओर रवाना किया गया. जहां पर वो घुसपैठिए बैठे थे वहां से महज 200 मीटर नीचे हमारे जवान थे. हम रात को निकले सुबह हम वहां पर पहुंच गए थे. हमारे ऊपर दोबारा घुसपैठियों ने फायर करने शुरू कर दिए.

जो बोले सो निहाल बोलते हुए दुश्मन पर की चढ़ाई
जो टाइगर हिल की पहाड़ियों के ऊपर घुसपैठिए बैठे थे. जब उन्होंने सुबह देखा कि सरदार कहां से आ गए. पगड़ियों वाले इतने फौजी हमारे इतने नजदीक कैसे आ गए और वह सोचने पर मजबूर हो गए कि अब क्या किया जाए. उनको लगने लगा था कि अब हमारा अंत नजदीक है. उसके बाद उन्होंने हमारे ऊपर लगातार हमला करना शुरू कर दिया उसके बाद हमारे जवानों ने "जो बोले सो निहाल के जयकारों के साथ हमला कर दिया. जो हमारे वाहेगुरु हमारे गुरु का एक चढ़दी कला का प्रतीक है जिसके चलते हमारे में जोश भर जाता है जब हमला किया तो उसके बाद वह वहां से भाग निकले उनमें से कुछ हमारे फायर के आगे टिक नहीं पाए वह मारे गए. 

पाकिस्तानियों के पास थी बिजली की सुविधा
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जब हमारे जवानों ने वहां रेकी की जिस रास्ते से वो निकल रहे थे तो हमें हैरान करने वाला सामान मिला. वहां पर बिजली की तारे थी. अपने साथियों से बात करने के लिए उन्होंने कनेक्टिविटी लाइन डाली थी. नीचे उनके जनरेटर थे फिर हमने इनको कट किया उसके बाद हमारे जो टीम थी उसके तीन ग्रुप बना दिए गए. जब हमारे जवानों ने उनकी बिजली की कनेक्टिविटी को काट दिया जिससे वो फोन लाइन पर वह बात करते थे. इससे उनकी कनेक्टिविटी टूट गई तो उनको मदद मिलनी बंद हो गई. लेकिन जो वो रेडियो सिग्नल पर बात करते थे वो हमने अपने रेडियो के साथ मैच कर लिए क्योंकि हम बहुत नजदीक थे. जिसके जरिए हमें पता चला कि वो हमारे ऊपर हमला करने वाले है. भूपेंद्र सिंह ने बताया जो लास्ट समय था उस समय 1 घंटे बाद फिर से उनकी ओर से फायर किया गया. जब हमने उनके ऊपर हमला किया तो उसमें पाकिस्तान घुसपैठियों का मेजर शेरखान जो कि उनका एरिया का कमांडर था दूसरा कैप्टन कमल शेरखान वो मारे गए. जब हमारे जवानों ने वहां फतह करने के बाद वहां रेकी की तो उनके बकरों के बीच में से टेलीविजन भी मिले क्योंकि उन्होंने बहुत पक्के तौर पर इंतजाम किए हुए थे. कुछ कागजात भी मिले. 

7 जुलाई 1999 टाइगर हिल पर लहराया तिरंगा
7 जुलाई 1999 को हमारी 8 सिख चढ़दी कला बटालियन की ओर से टाइगर हिल पर तिरंगा लहरा दिया गया था. जो सामान वहां से बरामद हुआ था जिसमें टीवी था वह हमारी यूनिट में अभी भी मौजूद है उनकी पूरी तैयारी थी वह वहां से जाने वाले नहीं थे उन्होंने वहां पर इतनी ऊंचाई पर पक्के मोर्चे बना रखे थे. सूबेदार भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान उनकी 8 सिख चढ़दी कला बटालियन के एक ऑफिसर चार जेसीओ और 30 जवान शहीद हुए दो ऑफिसर चार जेसीओ और 78 जवान घायल हुए थे. उस समय के पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की ओर से हमारी यूनिट को ₹500000 दिए गए थे. उसके बाद हमारी यूनिट तीन वीर चक्र 15 सेना मेडल भी मिले. 

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस के SRK ने बीजेपी को पढ़ाया पाठ! सुरजेवाला बोले- 'तानाशाह खफा है, दरबारियों से पूछ...'

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

नितिन नबीन को BJP का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया? वर्किंग प्रेसिडेंट बनाए जाने के प्लान का डिकोड
नितिन नबीन को BJP का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया? वर्किंग प्रेसिडेंट बनाए जाने के प्लान का डिकोड
अमरिंदर सिंह के बाद अब पत्नी परनीत कौर बोलीं, 'बीजेपी में शामिल होने का फैसला...'
अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर बोलीं, 'बीजेपी में शामिल होने का फैसला सोच समझकर लिया गया था'
Rahul Gandhi-Prashant Kishor Meeting: क्या कांग्रेस में शामिल होंगे प्रशांत किशोर? राहुल गांधी के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग, प्रियंका भी थीं मौजूद
क्या कांग्रेस में शामिल होंगे प्रशांत किशोर? राहुल गांधी के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग, प्रियंका भी थीं मौजूद
Top 5 Reality Shows On OTT: 'बिग बॉस 19' और 'केबीसी 17' को पछाड़ नंबर 1 बना ये शो, देखें टॉप 5 की लिस्ट
'बिग बॉस 19' और 'केबीसी 17' को पछाड़ नंबर 1 बना ये शो, देखें टॉप 5 की लिस्ट

वीडियोज

Crime News: यमुनानगर में सिर कटी लाश की गुत्थी सुलझी, आरोपी बिलाल गिरफ्तार | Haryana
दिलजले आशिक की खौफनाक दस्तक
'नबीन' अध्यक्ष.. बंगाल है लक्ष्य? | Nitin Nabin | BJP | PM Modi | Janhit With Chitra
Vodafone Idea में तूफानी तेजी! AGR Moratorium की खबर से शेयर 52-Week High पर| Paisa Live
क्या Delhi छोड़कर ही सांसें सुरक्षित हैं? Pollution से परेशान राजधानी | Bharat Ki Baat With Pratima

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
नितिन नबीन को BJP का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया? वर्किंग प्रेसिडेंट बनाए जाने के प्लान का डिकोड
नितिन नबीन को BJP का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया? वर्किंग प्रेसिडेंट बनाए जाने के प्लान का डिकोड
अमरिंदर सिंह के बाद अब पत्नी परनीत कौर बोलीं, 'बीजेपी में शामिल होने का फैसला...'
अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर बोलीं, 'बीजेपी में शामिल होने का फैसला सोच समझकर लिया गया था'
Rahul Gandhi-Prashant Kishor Meeting: क्या कांग्रेस में शामिल होंगे प्रशांत किशोर? राहुल गांधी के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग, प्रियंका भी थीं मौजूद
क्या कांग्रेस में शामिल होंगे प्रशांत किशोर? राहुल गांधी के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग, प्रियंका भी थीं मौजूद
Top 5 Reality Shows On OTT: 'बिग बॉस 19' और 'केबीसी 17' को पछाड़ नंबर 1 बना ये शो, देखें टॉप 5 की लिस्ट
'बिग बॉस 19' और 'केबीसी 17' को पछाड़ नंबर 1 बना ये शो, देखें टॉप 5 की लिस्ट
वर्ल्ड चैंपियन क्रिकेटर को होगी जेल! करोड़ों के घोटाले में अरेस्ट वारंट जारी; जानें क्या है मामला
वर्ल्ड चैंपियन क्रिकेटर को होगी जेल! करोड़ों के घोटाले में अरेस्ट वारंट जारी; जानें क्या है मामला
Shashi Tharoor on MNREGA: 'महात्मा की विरासत का अपमान न करें', मनरेगा का नाम बदलने पर शशि थरूर का पहला रिएक्शन
'महात्मा की विरासत का अपमान न करें', मनरेगा का नाम बदलने पर शशि थरूर का पहला रिएक्शन
Video: बगैर हेलमेट घूमता है ये शख्स, पुलिस चाहकर भी नहीं काट पाती चालान, वीडियो देख समझ आएगी सच्चाई
बगैर हेलमेट घूमता है ये शख्स, पुलिस चाहकर भी नहीं काट पाती चालान, वीडियो देख समझ आएगी सच्चाई
Most Expensive Fruit: यह है‌ दुनिया का सबसे महंगा फल, जानें क्या है इसकी आसमान छूती कीमत की वजह
यह है‌ दुनिया का सबसे महंगा फल, जानें क्या है इसकी आसमान छूती कीमत की वजह
Embed widget