JJP के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह ने थामा कांग्रेस का हाथ, INLD की टिकट पर बने थे विधायक
Haryana Lok Sabha Chunav 2024: हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का कुनबा लगातार बढ़ रहा हैं. JJP के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह ने आज अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है.
Haryana Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के छठे चरण में हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. उससे पहले प्रदेश में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इसी बीच आज जननायक जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. अपने समर्थकों के साथ निशान सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की हैं. इससे पहले रविवार को फतेहाबाद में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने जेजेपी पर निशाना साधा.
निशान सिंह ने कहा कि जेजेपी में कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने की पीड़ा उन्हें कई बार झेलनी पड़ी है. वहीं हरियाणा कांग्रेस की अनरुनी कलह को खारिज करते हुए निशान सिंह ने कांग्रेस को भारी बहुमत मिलने का दावा किया. बता दें कि निशान सिंह करीब साढ़े 5 साल तक जेजेपी के प्रदेशाध्यक्ष रहे. 2018 में जेजेपी के गठन के बाद निशान सिंह को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी.
VIDEO | Lok Sabha Elections 2024: Former Haryana President of Jannayak Janata Party (JJP) Nishan Singh (@NishanSinghJJP) joins Congress in the presence of former Haryana CM Bhupinder Singh Hooda. #LSPolls2024WithPTI #LokSabhaElections2024
— Press Trust of India (@PTI_News) April 29, 2024
(Full video available on PTI Videos… pic.twitter.com/voUjnchMpf
इनेलो की टिकट पर विधायक बने थे निशान सिंह
बता दें कि निशान सिंह ने साल 2000 में इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा था और टोहाना से विधायक चुने गए थे. इसके बाद लगातार तीन चुनावों में उनकी हार हुई थी. 2005 और 2009 में कांग्रेस के पूर्व मंत्री परमवीर सिंह के हाथों उनकी हार हुई थी. इसके बाद साल 2014 में बीजेपी के सुभाष बराला ने उन्हें हराया था. शायद यहीं वजह रही कि 2019 के विधानसभा चुनावों में जेजेपी की तरफ से उन्हें टिकट नहीं दिया गया और कांग्रेस छोड़कर जेजेपी में आए देवेंद्र सिंह बबली को टिकट दे दिया गया. इस चुनाव में देवेंद्र सिंह बबली को जीत भी मिली.
परमवीर सिंह की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
निशान सिंह के कांग्रेस में आने से अब पूर्व मंत्री सरदार परमवीर सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. क्योंकि इसी साल विधानसभा चुनाव हो हैं और एक सीट पर अब 2 बड़े नेता हो गए है. इससे पहले कांग्रेस से परमवीर सिंह टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे.