Caste Census: जातीय जनगणना पर रामदास अठावले का बड़ा बयान, 'राजनीतिक नौटंकी के बिना...'
Ramdas Athawale on Caste Census: सरकार के फैसले पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक नौटंकी के बिना ऐतिहासिक असंतुलन को ठीक के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के जातीय जनगणना के फैसले पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की प्रतिक्रिया सामने आई है. सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा कि कई दशकों तक जन सेवा के लिए योजनाएं, अनुमानों और पुरानी मान्यताओं पर आधारित थीं. जाति की सटीक एक प्रामाणिक गिनती से नीति निर्माताओं को देश का सटीक सामाजिक मानचित्र मिलेगा. इस से सुनिश्चित होगा कि विकास एवं समृद्धि वहां पहुंचे जहां इसकी वास्तव में आवश्यकता है. यह जाति की राजनीति नहीं, यह सुशासन के लिए आधारभूत नींव है.
'धुव्रीकरण नहीं पॉलिसी ट्रांसफॉर्मेशन सुनिश्चित होगा'
अपने पोस्ट में उन्होंने कहा, "पिछली सरकारों ने अपने निजी स्वार्थ और अपनी सत्ता को बचाने के लिए, जाति से जुड़ी संवेदनाओं का गलत उपयोग किया. कितने ही सालों तक ध्रुवीकरण और तुष्टिकरण से समाज में अलगाव का जहर मिलाया. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने सामाजिक गणना का निर्णय लिया है उससे धुव्रीकरण नहीं पॉलिसी ट्रांसफॉर्मेशन सुनिश्चित होगा. यह जवाबदेही और निष्पक्षता पर आधारित निर्णय है. राजनीतिक नौटंकी के बिना ऐतिहासिक असंतुलन को ठीक करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है."
• पिछली सरकारों ने अपने निजी स्वार्थ और अपनी सत्ता को बचाने के लिए, जाती से जुडी संवेदनाओं का गलत उपयोग किया, कितने ही सालों तक ध्रुवीकरण और तुष्टिकरण से समाज में अलगाव का ज़हर मिलाया। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने सामाजिक गणना का निर्णय लिया है उससे polaristaion नहीं…
— Dr.Ramdas Athawale (@RamdasAthawale) April 30, 2025
'अब आंकड़ों पर काम होगा'
इसके साथ ही अठावले ने लिखा, "सरकार ने सुनिश्चित जनगणना को मंज़ूरी देकर ये साफ़ कर दिया है कि यह अब सिर्फ़ चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि नीति निर्माण का आधार बनेगा. अब तक जाति पर भाषण होते थे, अब आंकड़ों पर काम होगा. यह जनगणना देश के उन करोड़ों लोगों को मुख्यधारा में लाने का माध्यम बनेगा जो दशकों से नज़रअंदाज़ रहे. न्याय की पहली शर्त है सच्चाई को जानना और जातिगत आंकड़े उसी सच्चाई की तस्वीर है. ये जाति गणना नहीं, सामाजिक न्याय की नींव है."
कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया है. आजादी के बाद की सभी जनगणनाओं में जातियों की गणना नहीं की गयी. वर्ष 2010 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह जी ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा. तत्पश्चात एक मंत्रिमण्डल समूह का भी गठन किया गया था, जिसमें अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की थी. इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति जनगणना के बजाए, एक सर्वे कराना ही उचित समझा जिसे SECC के नाम से जाना जाता है. स सब के बावजूद , कांग्रेस और इंडी गठबंधन के दलों ने जाति जनगणना के विषय को केवल अपने राजनैतिक लाभ के लिए उपयोग किया."
'देश की भी प्रगति निर्बाध होती रहेगी'
रामदास अठावले ने आगे कहा, "जनगणना का विषय संविधान के अनुच्छेद 246 की केंद्रीय सूची की क्रम संख्या 69 पर अंकित है और यह केंद्र का विषय है. हालांकि, कई राज्यों ने सर्वे के माध्यम से जातियों की जनगणना की है. जहां कुछ राज्यो में यह कार्य सूचारू रूप से संपन्न हुआ है वहीं कुछ अन्य राज्यों ने राजनैतिक दृष्टि से और गैरपारदर्शी ढंग से सर्वे किया है. इस प्रकार के सर्वें से समाज में भ्रांति फैली है. इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए और यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारा सामाजिक ताना बाना राजनीति के दबाव मे न आये, जातियों की गणना एक सर्वे के स्थान पर मूल जनगणना में ही सम्मिलित होनी चाहिए. इससे यह सुनिश्चित होगा कि समाज आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से मजबूत होगा और देश की भी प्रगति निर्बाध होती रहेगी."
'वर्तमान सरकार समाज के हितों के लिए प्रतिबद्ध'
केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा, "आज दिनांक 30.04.2025 के दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राजनैतिक विषयों की कैबिनेट समिति ने यह निर्णय लिया है, कि जातियों की गणना को आने वाली जनगणना में सम्मिलित किया जाए. यह इस बात को दर्शाता है कि वर्तमान सरकार देश और समाज के सर्वांगिन हितों और मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है."
बाबा साहेब अंबेडकर का किया जिक्र
उन्होंने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का कथन पोस्ट किया, "जब तक समाज की वास्तविक संरचना को आंकड़ों के ज़रिए नहीं समझा जाएगा, तब तक समान अवसर की बात अधूरी रहेगी."
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Source: IOCL























