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Maharashtra: ठाकरे-अंबेडकर गठबंधन से महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली, आगामी निकाय चुनावों में कितना पड़ेगा असर?
Prakash Ambedkar: आज उद्धव ठाकरे और प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी ने गठबंधन कर लिया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नई इकाई के लिए अपनी 'शुभकामनाएं' व्यक्त की है.
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Uddhav Thackeray: दो महीने के राजनीतिक सस्पेंस को खत्म करते हुए उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) ने सोमवार को दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की 97वीं जयंती पर एक नए 'शिव शक्ति-भीम शक्ति' गठबंधन में प्रवेश किया है. पूर्व मुख्यमंत्री और बालासाहेब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे और भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने संयुक्त रूप से आगामी बीएमसी निकाय चुनाव लड़ने की योजना के साथ नए राजनीतिक गठजोड़ की औपचारिक घोषणा की.
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
मीडिया को संबोधित करते हुए ठाकरे ने याद किया कि कैसे उनके दादा केशव सीताराम उर्फ प्रबोधंकर ठाकरे और अंबेडकर के दादा डॉ. बी.आर. अम्बेडकर अच्छे दोस्त थे और उन्होंने 'देश प्रथम' (राष्ट्र प्रथम) की विचारधारा का पालन किया था. ठाकरे ने कहा, हम अब देश की सुरक्षा और जनता की चिंताओं को उठाने के लिए एक साथ आ रहे हैं. हम अगले राजनीतिक पाठ्यक्रम पर उचित समय पर निर्णय लेंगे. यह घोषणा करते हुए कि बीजेपी ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की मदद से राजनीतिक नेतृत्व को खत्म करने की कोशिश कर रही है, अंबेडकर ने भविष्यवाणी की कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व जल्द ही समाप्त हो जाएगा, और 'शिव शक्ति-भीम शक्ति' गठबंधन संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए काम करेगा.
ठाकरे का दावा
ठाकरे ने दावा किया कि कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-सेना (यूबीटी) वाले महा विकास अघाड़ी सहयोगियों के साथ नई साझेदारी पर पहले ही चर्चा की जा चुकी है, जबकि अंबेडकर ने उम्मीद जताई कि एमवीए जल्द ही वीबीए को स्वीकार कर लेगा. सांसद संजय राउत, अरविंद सावंत और पूर्व मंत्री सुभाष देसाई जैसे वरिष्ठ नेताओं और अंबेडकर, राज्य अध्यक्ष रेखा ठाकुर और मुंबई के प्रमुख अबुल हसन खान के साथ ठाकरे की जोड़ी ने विश्वास व्यक्त किया कि नया गठजोड़ बीजेपी को सत्ता से उतार फेंकेगा और अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर काम करेगा.
इस बात की पुष्टि करते हुए कि ठाकरे ने अंबेडकर के साथ साझेदारी पर चर्चा की थी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने नए 'शिव शक्ति-भीम शक्ति' गठबंधन का स्वागत करते हुए कहा कि यह राज्य और केंद्र में बीजेपी को हटाने की विपक्षी दलों की महत्वाकांक्षाओं में मदद करेगा. राकांपा नेता अनिल देशमुख ने भी शिवसेना (यूबीटी)-वीबीए गठबंधन का स्वागत करते हुए कहा कि सभी पार्टियों को अपना गठबंधन बनाने का अधिकार है. शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता राउत ने कहा कि 'शिव शक्ति-भीम शक्ति' प्रयोग अतीत में किया गया था और यह दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की इच्छा थी कि ये दोनों ताकतें राज्य में एकजुट हों.
आगामी निकाय चुनावों में गठजोड़ का पड़ेगा प्रभाव?
यह पूछे जाने पर कि आगामी निकाय चुनावों में गठजोड़ का क्या प्रभाव पड़ेगा, अंबेडकर ने कहा कि यह अन्य एमवीए दलों के साथ काम करेगा, सफल होगा और विजयी होगा. अपनी पहली प्रतिक्रिया में बालासाहेबंची शिवसेना (बीएसएस) के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नई इकाई के लिए अपनी 'शुभकामनाएं' व्यक्त की, जबकि सहयोगी और बीजेपी के नेताओं केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और राज्य अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया इससे पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. गठजोड़ की आलोचना करते हुए राणे ने पूछा कि 'शिवसेना कहां है' और 'अंबेडकर ने दलितों के लिए क्या किया है', जबकि बावनकुले ने भविष्यवाणी की कि गठबंधन लंबे समय तक नहीं चलेगा.
उद्धव ठाकरे और प्रकाश अंबेडकर गठबंधन पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा, क्या प्रकाश अम्बेडकर ने कोई चुनाव जीता था? प्रकाश अम्बेडकर ने कितने दलितों की मदद की? कितने घर बने? उद्धव ठाकरे और प्रकाश अंबेडकर का पीएम मोदी के बारे में बात करने का कोई मूल्य नहीं है जो लोगों के लिए काम करते हैं. क्या उद्धव ठाकरे के पास कोई बचा है? 56 विधायक थे, अब 12 भी नहीं बचे, उनके पास क्या बचा है, क्या उनका कोई कार्यकर्ता जमीन पर बचा है?
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