Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में चुनाव का हुआ ऐलान, सीटों के लिहाज से विधानसभा में कौन कितना ताकतवर?
Maharashtra Assembly Election 2024 Date: महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान होंगे. राज्य विधानसभा में अभी बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है.
Maharashtra Assembly Election 2024 Date Announced: महाराष्ट्र में मंगलवार (15 अक्टूबर) को चुनाव का शंखनाद हो गया. निर्वाचन आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. महाराष्ट्र में सभी 288 सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को वोटिंग होगी. मतगणना 23 नवंबर को होगी. महाराष्ट्र में फिलहाल महायुति गठबंधन की सरकार है, जिसके मुखिया शिवसेना के एकनाथ शिंदे हैं. आईए समझने की कोशिश करते हैं कि मौजूदा वक्त में विधानसभा में कौन सी पार्टी कितनी ताकतवर है.
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन वाली सरकार शिवसेना के अलावा बीजेपी और डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल है. दूसरी तरफ, विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) है. इसमें उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT), कांग्रेस और वरिष्ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) शामिल है.
महाराष्ट्र विधानसभा में किसकी कितनी ताकत?
महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं. मौजूदा वक्त में राज्य की विधानसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. बीजेपी के पास अभी विधायकों की कुल संख्या 103 है. वहीं, एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के पास अभी सदन में 40 विधायक हैं. डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के पास 43 सीटें हैं.
वहीं, विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस के पास मौजूदा वक्त में 43 विधायक हैं. उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास अभी 15 विधायक हैं. जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी एनसीपी (एसपी) के विधायकों की संख्या 10 है. इसके अलावा सदन में अन्य विधायकों की संख्या 34 हैं.
2019 चुनाव के बाद बदल गई महाराष्ट्र की सियासत
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र की सियासत बिल्कुल बदल गई है. इस चुनाव में बीजेपी और अविभाजित शिवसेना को बहुतम मिला था लेकिन सीएम पद के मसले पर मतभेद के बाद अलायंस टूट गया. शिवसेना ने कांग्रेस और NCP से हाथ मिलाया और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में MVA की सरकार बनी.
करीब ढाई साल बाद एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच मतभेद हुए और शिवसेना दो गुट में बंट गई. बाद में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. इसके बाद एनसीपी भी दो धड़ों में बंट गई. अजित पवार महायुति सरकार में शामिल हो गए और डिप्टी सीएम बने.
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