Maharashtra News: गोंदिया में तेंदुए का बढ़ा आतंक, खेत में पिता के सामने 9 साल बच्ची पर हमला, हुई मौत
Leopard attack in Gondia: महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में तेंदुए के आतंक से दहशत बढ़ गई. तिरोड़ा में घात लगाकर तेंदुए ने खेत में खड़ी 9 साल की बच्ची पर हमला किया, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

Maharashtra News: पिछले कुछ महीनों में गांवों में आने वाले तेंदुए (Leopard) का आतंक लोगों के जीवन-मरण का सवाल बन गया है. ऐसे में अब महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में तेंदुए का आतंक मचाने का मामला सामने आया है. तेंदुए के आतंक की वजह से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. फिर तेंदुए ने एक छोटी बच्ची की जान ले ली है. पिता के साथ खेत में गई एक छोटी बच्ची पर घात लगाकर बैठे तेंदुए ने हमला किया. यह घटना गोंदिया के तिरोड़ा तालुका के इंदोरा निमगांव में हुई. तेंदुए के हमले में गंभीर रूप से घायल बच्ची को गोंदिया के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज के दौरान रात में उसकी मौत हो गई.
पिता के सामने 9 साल की बच्ची को घसीटा
मिली जानकारी के अनुसार, मृत बच्ची का नाम रूचि देवानंद पारधी (उम्र 9) है. रूचि अपने पिता के साथ खेत में गई थी. पिता तार की बाड़ लगाने का काम कर रहे थे, जबकि रूचि खेत में एक बांध पर खड़ी थी. इस बीच, घात लगाकर बैठे तेंदुए ने उस पर हमला किया और उसे कुछ दूरी तक घसीटा. रूचि की चीख सुनकर उसके पिता और आसपास के खेतों में काम कर रहे किसानों ने शोर मचाया. इसके बाद तेंदुए ने बच्ची को छोड़ दिया और जंगल की ओर भाग गया. घायल बच्ची को उसके पिता ने किसानों के साथ तुरंत स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन उसकी हालत गंभीर होने की वजह से उसे आगे के इलाज के लिए गोंदिया के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज के दौरान रात आठ बजे उसकी मौत हो गई.
पुलिस ने दर्ज किया आकस्मिक मौत का मामला
गोंदिया जिले के सड़क-अर्जुनी तालुका के दोडके जंगल में एक बुजुर्ग घायल अवस्था में मिला. इस बुजुर्ग की मौत एक हिंसक जानवर के हमले से होने का संदेह है. बुजुर्ग का नाम कंसु हन्नु उईके (72) है, जिसका शव मिला है. इस मामले में मृतक के दामाद संजू सयाम (47) निवासी बोलुंदा कोसमतोंडी की शिकायत पर पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है.
मिली जानकारी के अनुसार, 28 नवंबर को कंसु उईके जांभली के जंगल में जलावन लाने गए थे, लेकिन शाम होने के बावजूद वह घर नहीं लौटे, जिसके बाद घरवालों ने उनकी तलाश की, लेकिन उनका पता नहीं चला. गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर उनका शव घायल अवस्था में मिला. खास बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से इस इलाके में बाघ का आना-जाना लगा हुआ है और इस घटना की वजह से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. ग्रामीणों ने इस घटना की जानकारी वन विभाग और पुलिस को दी. पुलिस और वन विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया. गोरेगांव पुलिस ने इस मामले में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है.
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