देवी अहिल्याबाई होलकर के नाम पर...', जन्म शताब्दी पर क्या बोले सीएम मोहन यादव ?
Ahilyabai Holkar Birthday: लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म शताब्दी के आयोजन के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक समिति गठित की है. इस समिति की आज सुशासन भवन में बैठक हुई.

MP News Today: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज शुक्रवार (13 सितंबर) को एक बड़ा ऐलान किया. इसके तहत लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म शताब्दी वर्ष पर उनके प्रति सम्मान का इजाहर करने के लिए मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक महेश्वर में आयोजित की जाएगी.
इस मौके पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि देवी अहिल्या की न्याय प्रियता, शासन- प्रशासन में नवाचार, लोक कल्याण सहित उनके संपूर्ण व्यक्तित्व और कृतित्व पर शोध के लिए देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर में शोध पीठ स्थापित किया जाएगा.
सीएम मोहन यादव ने किया ये ऐलान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि देवी अहिल्या से जुड़ी ऐतिहासिक सामग्री के संकलन के लिए अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने ऐलान किया कि मध्य प्रदेश पुलिस की बटालियन का नाम भी देवी अहिल्याबाई पर रखा जाएगा.
यह बातें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म शताब्दी के आयोजन के लिए गठित समारोह समिति की सुशासन भवन में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहीं.
बैठक में मंत्री- अधिकारी रहे उपस्थित
इस बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, परिवहन और स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.
'लोकमाता ने किया विधवा विवाह को प्रोत्साहित'
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर प्रसिद्ध तीर्थों और धार्मिक स्थानों पर मंदिर, घाट-कुएं और बावड़ियों का निर्माण कराया और अन्न क्षेत्र का भी संचालन किया. उनका शासनकाल न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध है.
सीएम मोहन यादव ने कहा, "लोकमाता देवी अहिल्याबाई के महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए कार्य आज भी प्रासंगिक हैं. भारतीय जनमानस में उनके श्रेष्ठ, उत्तम और धर्म प्रधान गुणों की छाप विद्यमान है."
बैठक को संबोधित करते हुए सीएम यादव ने कहा, "विधवा विवाह को प्रोत्साहन और खासगी प्रथा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य आदर्श उदाहरण हैं. माहेश्वरी साड़ियां बनाने से स्थानीय महिलाओं को जोड़कर उन्होंने महिलाओं के आर्थिक आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया."
बैठक में मिले ये सुझाव
बैठक में आगामी गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम लोकमाता देवी अहिल्याबाई को समर्पित करने, ग्रामीण स्तर पर महिला नेतृत्व को चिह्नित कर पंचायत स्तर पर देवी अहिल्याबाई के नाम पर उन्हें सम्मानित करने, देवी अहिल्या की मोड़ी लिपि में विद्यमान प्रशासनिक व साहित्यिक सामग्री का हिंदी व अंग्रेजी में अनुवाद करवाने के सुझाव मिले.
इसके अलावा उन पर केंद्रित स्मारिका प्रकाशित करवाने, शाला और महाविद्यालय स्तर पर देवी अहिल्याबाई पर केंद्रित अकादमिक गतिविधियां संचालित करने, पाठ्यक्रम में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर पाठ का समावेश करने, शालाओं में छात्राओं के लिए आत्मरक्षा का पीरियड आरंभ करने, देवी अहिल्याबाई पर जाणता राजा के समान भव्य नाट्य प्रस्तुति तैयार कराने संबंधी सुझाव प्राप्त किए गए.
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