MP Election 2023: सीएम योगी के बयान से चढ़ा MP का सियासी पारा, मध्य प्रदेश में 'बीमारू राज्य' का शोर क्यों?
MP Election: एमपी के बाद अब यूपी के CM भी चुनाव प्रचार के दौरान लगातार मध्य प्रदेश के बीमारू राज्य से विकसित राज्य बनने के बयान दे रहे हैं. कांग्रेस भी इस बयान को लेकर अब पलटवार कर रही है.

Yogi Adityanath In MP: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इन दिनों मध्य प्रदेश में तूफानी जनसभाएं कर रहे हैं. इन जनसभाओं में खासतौर पर उनके बयान में बीमारू राज्य को परिभाषित किया जा रहा है. योगी आदित्यनाथ ने शाजापुर, पन्ना सहित कई जिलों में सभाओं को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने दिग्विजय सिंह और कमलनाथ (Kamal Nath) पर जमकर तंज कसा. अब कांग्रेस भी बीमारू राज्य के बयान पर पलटवार कर रही है.
दरअसल, मध्य प्रदेश में इन दिनों सीएम शिवराज और यूपी के सीएम योगी चुनावी सभाओं के मंच से लोगों तक यह संदेश पहुंचा रहे हैं कि जब कांग्रेस की सरकार थी उस समय मध्य प्रदेश की गिनती बीमारू राज्य में हुआ करती थी. मध्य प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी को लेकर बेहद परेशान थे. बीमारू राज्य एक ऐसा शब्द है, जिसने भारतीय जनता पार्टी को कई विधानसभा चुनाव में लाभ पहुंचाया है, लेकिन इस बार कांग्रेस भी पलटवार करने लगी है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता के के मिश्रा के मुताबिक, जहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, वहां पर भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए.
सड़क को लेकर की जा रही है तुलना
के के मिश्रा ने आगे कहा कि चुनावी मंच से बीजेपी के स्टार प्रचारक पिछले चार विधानसभा चुनाव से बीमारू राज्य को लेकर अपने बयान दे रहे हैं. बीजेपी को 18 साल तक जनता ने मौका दिया, मगर ज्वलंत समस्याएं हल नहीं हुई हैं. अब लोग बीमारू राज्य नहीं बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त राज्य की कल्पना कर रहे हैं, इसलिए कांग्रेस का पलड़ा इस बार भारी रहेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और योगी आदित्यनाथ के बयानों में लगभग समानता दिखाई दे रही है. दोनों ही राजनीतिक मंच से यह बयान दे रहे हैं कि जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कार्यकाल था उस समय मध्य प्रदेश में 60,000 किलोमीटर की सड़क थी जबकि वर्तमान में लगभग 5 लाख किलोमीटर की सड़क बन चुकी है.
पेयजल को लेकर नल जल योजना
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव मकसूद अली का कहना है कि ये आंकड़े गलत हैं, कांग्रेस के कार्यकाल में भ्रष्टाचार मुक्त सड़क बनाई गई थी. वर्तमान में जिस सड़क से गुजरा जाए, वहां पर टोल टैक्स वसूला जा रहा है. सरकार ने कोई भी योजना मुफ्त में नहीं दी है. पेयजल के मामले में नल जल योजना का प्रचार-प्रसार करते हुए कहा जा रहा है कि लाखों परिवार तक बीजेपी सरकार ने नल जल योजना के जरिए पेयजल पहुंचाया है. यह योजना शहर के आसपास ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में काफी कारगर साबित हुई है. वहीं कांग्रेस के तराना विधायक और प्रत्याशी महेश परमार का कहना है कि नल जल योजना में करोड़ो का भ्रष्टाचार हुआ है. गांव में नल तो लगाए गए हैं मगर उससे पानी नहीं टपक रहा है.
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