सिंधिया एपिसोड से उठे विवाद के बीच कमलनाथ से मिले दिग्विजय सिंह, कहा- 'छोटे मोटे मतभेद रहे हैं लेकिन...'
Kamal Nath-Digvijaya Singh Meeting: कमलनाथ-दिग्विजय सिंह की मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर साझा तस्वीर से एकजुटता का संदेश दिखा. 2020 के मतभेदों को पीछे छोड़ कांग्रेस को मजबूत करने का संकल्प लिया.

मध्य प्रदेश की राजनीति में लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार (12 सितंबर) को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ मुलाकात की. उन्होंने सोशल मीडिया 'एक्स' पर दोनों की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि उनके और कमलनाथ के बीच लगभग 50 वर्षों से पारिवारिक और राजनीतिक संबंध रहे हैं.
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, "उनके राजनीतिक जीवन में उतार-चढ़ाव आए हैं, जो स्वाभाविक हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छोटे-मोटे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद कभी नहीं हुए."
कमल नाथ जी और मेरे लगभग 50 वर्षों के पारिवारिक संबंध रहे हैं। हमारे राजनैतिक जीवन में उतार चढ़ाव आते रहे हैं और ये स्वाभाविक भी हैं। हमारा सारा राजनैतिक जीवन कांग्रेस में रहते हुए विचारधारा की लड़ाई एक जुट हो कर लड़ते हुए बीता है और आगे भी लड़ते रहेंगे। छोटे मोटे मतभेद रहे हैं…
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) September 12, 2025
जनता के हित में कांग्रेस के नेतृत्व में मिलकर करेंगे काम- दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा कि कल उनकी कमलनाथ से मुलाकात हुई और दोनों नेताओं ने जनता के हित में कांग्रेस के नेतृत्व में मिलकर काम करने का संकल्प लिया. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों नेताओं को कांग्रेस ने हमेशा नेतृत्व के अवसर दिए और जनता का प्यार भी हमेशा मिला.
यह मुलाकात उन राजनीतिक घटनाओं के पीछे के संकेतों को उजागर करती है जो मार्च 2020 में हुई थी. उस समय कमलनाथ की कांग्रेस सरकार गिर गई थी और पार्टी के भीतर गहरी खींचतान पैदा हो गई थी.
दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर सरकार गिराने के लिए जिम्मेदारी का आरोप लगाया था. अब दिग्विजय सिंह की पोस्ट यह संकेत देती है कि पार्टी पुराने विवादों को पीछे छोड़कर एकजुटता की नई तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रही है.
बड़े उद्योगपति के घर पर बैठककर तैयार की थी 'विश लिस्ट'
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने 23 अगस्त 2025 को एमपी तक के पॉडकास्ट इंटरव्यू में बड़ा खुलासा किया था. उन्होंने वर्ष 2020 में कमलनाथ सरकार गिरने की असली वजहों पर खुलकर बात की. दिग्विजय सिंह ने साफ कहा कि उन पर और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगाया जाता रहा कि उनकी आपसी लड़ाई से सरकार गिरी, लेकिन यह पूरी तरह गलत था.
उन्होंने कहा कि "मेरी कुंडली में शायद यही लिखा है कि मुझ पर वही आरोप लगाए जाते हैं जिनमें मैं दोषी नहीं होता." दिग्विजय के अनुसार, उस समय कांग्रेस नेतृत्व की कोशिश थी कि पार्टी के भीतर चल रही खींचतान को सुलझाया जाए. इसी उद्देश्य से एक बड़े उद्योगपति के घर पर बैठक आयोजित हुई थी. उस बैठक में कमलनाथ और सिंधिया दोनों शामिल हुए. बातचीत के दौरान ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के विकास और वहां के विधायकों से जुड़े मुद्दों पर एक 'विश लिस्ट' तैयार की गई थी.
दिग्विजय सिंह के अनुसार, इस सूची पर हस्ताक्षर भी किए गए थे और तय हुआ था कि सरकार उन मांगों को लागू करेगी, लेकिन बाद में इन बिंदुओं पर गंभीरता से अमल नहीं हो पाया. यही वह स्थिति थी, जिसने कांग्रेस सरकार के लिए संकट खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर उस समय इन मांगों को मान लिया जाता, तो संभवतः सरकार बच सकती थी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस वजह से पार्टी से तोड़ा था नाता
गौरतलब है कि 2018 में कांग्रेस ने बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन मात्र 15 महीनों के भीतर ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से नाता तोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद कांग्रेस के कई विधायक भी उनके साथ चले गए, जिससे कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई और मार्च 2020 में सरकार गिर गई.
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