Narangi Sindoor: बिहार और झारखंड में दुल्हन को लाल के बजाय क्यों लगाया जाता है नारंगी सिंदूर?
बिहार और झारखंड की महिलाएं लाल की जगह नारंगी सिंदूर लगाती है. पर क्या आपको पता है कि इसके पीछे का क्या कारण हैं.
Narangi Sindoor Significance: अक्सर आपने देखा होगा कि बिहार और झारखंड की महिलाएं लाल की जगह नारंगी सिंदूर लगाती है. पर क्या आपको पता है कि इसके पीछे का क्या कारण हैं. आज हम आपको बताएंगे कि लाल रंग के जगह यहां कि महिलाएं क्यों नारंगी रंग का सिंदूर लगाती हैं. दरअसल यहां लड़की के मांग में सबसे पहले सिंदूर उसके शादी के वक्त भरी जाती है. इस वक्त बताया यह जाता है कि इस नारंगी रंग के सिंदूर से लड़की के जीवन में एक नई रोशनी आने वाली है.
बेहद शुभ माना जाता है नारंगी सिंदूर
बिहार और झारखंड की महिलाएं अपनी नाक तक लंबी नारंगी सिंदूर भी लगाती है, पौराणिक कथाओं के अनुसार नाक तक लंबी सिंदूर लाने से पति की आयु लंबी होती है, लंबी उम्र होने के साथ-साथ इससे पति की सफलता भी मिलती है. माना यह भी जाता है कि नाक तक सिंदूर लगाने से पति के कार्यक्षेत्र में तेजी से विकास होता है. वहीं आपको बता दें कि इन्हीं कथाओं के अनुसार सिंदूर लगाने का संबंध माता पार्वती से है. कहा जाता है कि जब माता पार्वती ने रक्तबीज राक्षस का वध किया तो उसका सिंदूर उसकी नाक तक फैल गया. इसी वजह से हिंदू धर्म में महिलाएं नाक तक लंबा सिंदूर लगाती हैं. आपको बता दें कि बिहार और झारखंड के अलावा उत्तराखंड में भी महिलाएं लंबा सिंदूर लगाती हैं.
वहीं आपको बता दें कि माना जाता है कि नारंगी सिंदूर लगाने से पति के काम में विकास होता है वहीं उसे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी नहीं होती हैं. नारंगी सिंदूर लगाने से पति की उम्र भी बढ़ती है और उसका कार्यक्षेत्र में तेजी से विकास होता है.
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