'सदन में चिल्लाऊंगा और बाहर...', झारखंड विधानसभा सत्र के आखिरी दिन क्यों भड़के जयराम महतो?
Jairam Mahato News: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के नवनिर्वाचित विधायक जयराम महतो का अंदाज विधानसभा सत्र के आखिरी दिन बदला नजर आया और वो पत्रकारों के सवालों पर भड़क गए.

Jairam Mahato Latest News: झारखंड विधानसभा के पहले सत्र के अंतिम दिन गुरुवार (12 दिसंबर) को झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक जयराम महतो मीडिया से उलझ गए. सदन में सरकार के मंईयां योजना का खिलाफत करने के बाद वो पत्रकारों के सवालों पर भड़क गए और उनपर चिल्लाना शुरू कर दिया.
दरअसल, विधायकों को सरकारी सुविधा का त्याग करने की जयराम महतो के सलाह पर जब उनसे पूछा गया कि क्या आप इसका त्याग करेंगे तो उन्होंने कहा, "बिल्कुल त्याग करेंगे, जयराम महतो जो कहता है वह करता है. हमने डेढ़ साल पहले कहा था कि हमारी उपस्थिति सदन में होगी हमने करके दिखाया है."
ये झारखंड जैसे पिछड़े राज्य की #डुमरी विधानसभा के विधायक जयराम महतो हैं। झारखंड के पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण ऐसे नेता हैं जिन्हें अपने अहंकार के आगे ना जनता की आवाज सुनाई देती है ना दिखाई देती। इस तरह से बात करना क्या एक माननीय विधायक को शोभा देता है?
— Amit Mani Tripathi (ABP NEWS) (@Amitmanitripa18) December 12, 2024
इनके लिए जनता ही दोषी है… pic.twitter.com/tlYCVOyPPD
क्यों हुई बहस?
वहीं जब जयराम महतो से यह बोला गया कि कुछ इसी तरह की बात अरविंद केजरीवाल भी करते थे, तो इसी बात पर जयराम भड़क उठे और टेबल को ठोकते हुए पत्रकारों को उंगली दिखाकर कहा, "झारखंड को आंदोलन करके लिया गया है, केजरीवाल दिल्ली को आंदोलन करके नहीं लिए थे. मैं आंदोलनकारी का बेटा हूं, जिसके बाद मीडियाकर्मियों के साथ जयराम महतो की बहस शुरू हो गई."
इस बीच जब पत्रकार ने विधायक को उनकी भाषा पर टोका, तो विधायक महतो ने कहा, "वो सदन में भी चिल्लाएंगे और बाहर भी. अगर तकलीफ है तो इंटरव्यू न लें. बता दें जयराम महतो पहली बार चुनाव जीते हैं."
बता दें विधानसभा परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जयराम महतो ने सरकार की मंईयां योजना की आलोचना की. उन्होंने कहा, "सरकार इस योजना की महिमा मंडन कर रही है, जैसे ढाई हजार की राशि नहीं महिलाओं को ढाई लाख की नौकरी दे दी गई हो."
इसके बाद वो विधायकों की सुविधाओं पर आ गए. उन्होंने कहा, "झारखंड में अगर आम व्यक्ति लाचार है या बेबस है तो इसका कारण यह माननीय हैं. उन्हें घर से रांची बस या ट्रेन में बैठकर आना चाहिए और उन्हें सारी सुविधा त्याग कर सरकारी स्टाफ की तरह क्वाटर में रहने और विधानसभा में बस के जरिए आना चाहिए."
Source: IOCL





















