झारखंड में नक्सलियों की कायराना हरकत, IED ब्लास्ट में एक CRPF जवान शहीद, एक घायल
Singhbhum Naxal Attack: झारखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के दो जवानों पर आईईडी से हमला किया. एक जवान शहीद हो गया और दूसरा घायल है.

Jharkhand Naxal Attack: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में लगातार सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है. बीते मंगलवार (18 मार्च) को सुरक्षाबल का एक जवान घायल हुआ था, लेकिन सुरक्षाबलों के द्वारा जवाबी कार्रवाई में नक्सलियों को मौके से भगा दिया गया था. अब तीन दिन बाद नक्सलियों ने फिर कायराना हरकत दिखाते हुए बड़ी घटना को अंजाम दिया है.
पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल के छोटानागरा थाना क्षेत्र में आने वाले मारंगपोंगा में शनिवार (22 मार्च) को दोपहर 2.30 ढाई बजे एक आईईडी विस्फोट हुआ. इस नक्सली हमले में सीआरपीएफ की 193 वीं बटालियन के दो जवान घायल हो गए थे, जिनमें से एक जवान शहीद हो गए हैं.
नक्सली हमले में एक जवान शहीद
आईईडी ब्लास्ट में घायल जवानों में सीआरपीएफ 193 बटालियन के एसआई असीम कुमार मंडल और जवान पार्थ प्रतिम डे शामिल थे. शुरुआती जांच में सामने आया था कि सब इंस्पेक्टर गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. इलाज के दौरान एसआई शहीद हो गए.
ग्रामीणों के अनुसार, घटना के तुरंत बाद छोटानागरा थाना से दो एम्बुलेंस और कुछ बोलेरो वाहनों को घटनास्थल की ओर रवाना किया गया था. इन वाहनों के जरिए घायल जवानों को निकालकर छोटानागरा थाना लाया गया. यहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची भेजा गया.
सुरक्षा घेरे में जकड़ा सारंडा का नक्सली बेल्ट
सारंडा का यह इलाका लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए गए अभियानों के कारण नक्सली संगठन अब सिमटते जा रहे हैं. अब वे अपने बचाव के लिए सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों के चारों ओर सैकड़ों की संख्या में आईईडी सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं.
नक्सली खात्मे के अंतिम दौर में, फिर भी सतर्कता जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि सारंडा के जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी अब अंतिम चरण में है, लेकिन यह खतरा पूरी तरह से टला नहीं है. इस घटना से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि सुरक्षाबलों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि नक्सली अब भी छिपकर हमला करने की ताक में हैं.
यह घटना न केवल नक्सली समस्या के जीवित रहने का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों और रणनीतियों के साथ इन चुनौतियों का सामना करना होगा. घायलों की सलामती की दुआ के साथ, क्षेत्र में शांति की जरूरत और भी बढ़ गई है.
Source: IOCL





















