झारखंड में नक्सलियों ने CRPF पर घात लगाकर किया हमला, IED ब्लास्ट में एक जवान शहीद, 2 घायल
Jharkhand Naxal Attack: झारखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कर एक CRPF जवानों को शहीद कर दिया. "प्रतिरोध सप्ताह" के दौरान हुआ यह हमला क्षेत्र में सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बन गया है.

झारखंड में एक बार फिर नक्सलियों ने कायराना हरकत को अंजाम दिया है. पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में 10 अक्टूबर की शाम नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए दो अलग-अलग स्थानों पर आईईडी विस्फोट किया.
इस हमले में सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर, जबकि 2 जवान इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा और सब इंस्पेक्टर रामचंद्र गोगी घायल हैं. यह हमला नक्सलियों द्वारा मनाए जा रहे "प्रतिरोध सप्ताह" के दौरान हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है.
नक्सली हमले की पूरी घटना
जानकारी के अनुसार, जिला पुलिस, सीआरपीएफ 60वीं बटालियन और अन्य सुरक्षा बल संयुक्त रूप से नक्सल विरोधी अभियान चला रहे थे. इसी दौरान जराईकेला थाना क्षेत्र के सामठा गांव के बाबूडेरा इलाके में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया.
पहले आईईडी ब्लास्ट में हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर गंभीर रूप से घायल हुए, जिनकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं, दूसरे ब्लास्ट में इंस्पेक्टर केके मिश्रा और सब इंस्पेक्टर रामचंद्र गोगी घायल हो गए. दोनों को राउरकेला के अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है.
शहीदों को दी जाएगी राजकीय श्रद्धांजलि
शहीद महेंद्र लश्कर असम के नौगांव जिले के निवासी थे. उनका पार्थिव शरीर रांची लाया जा रहा है, जहां सीआरपीएफ कैंप में उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. वहीं, घायल जवानों का इलाज जारी है. पुलिस अधीक्षक अमित रेनु ने बताया कि घटना के तुरंत बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है और नक्सलियों की तलाश जारी है. नक्सलियों ने एक अन्य हमले में पुलिया को भी विस्फोट से उड़ाया, जिससे स्थानीय आवाजाही बाधित हो गई.
प्रतिरोध सप्ताह के दौरान बढ़ी नक्सली गतिविधियां
यह हमला नक्सलियों द्वारा 8 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाए जा रहे "प्रतिरोध सप्ताह" के बीच हुआ है. इस दौरान सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की साजिश रची जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि नक्सली क्षेत्र में बड़ी वारदात की योजना बना सकते हैं. सारंडा जंगल लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता है, हालांकि हाल के सालों में उनकी ताकत कमजोर पड़ी है. हाल ही में कई नक्सलियों ने डीजीपी अनुराग गुप्ता के समक्ष आत्मसमर्पण किया था, लेकिन यह हमला दिखाता है कि संगठन अब भी सक्रिय है और बदले की कार्रवाई में जुटा है.
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