Jharkhand News: ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 40 मजदूर, व्हाट्सएप कॉल कर बताई सच्चाई, नहीं मिल रहा वेतन
Jharkhand: जारी वीडियो में कहा गया कि उन्हें बिचौलियों द्वारा वादा किया गया था कि उन्हें दक्षिण अफ्रीका भेजा जाएगा और डॉलर में भुगतान किया जाएगा. पिछले तीन महीनों से उन्हें कोई वेतन नहीं दिया गया.

Jharkhand Worker News: झारखंड के कुछ मजदूर विदेश में फंस गए हैं. उन्होंने सरकार से मदद मांगी है. राज्य के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के 40 से अधिक प्रवासी मजदूरों ने कहा कि वे ताजिकिस्तान में फंस गए और सुरक्षित वापसी के लिए राज्य सरकार से मदद मांगी है. मजदूरों ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला.
जारी वीडियो में कहा गया कि उन्हें बिचौलियों द्वारा वादा किया गया था कि उन्हें दक्षिण अफ्रीका भेजा जाएगा और डॉलर में भुगतान किया जाएगा. मजदूरों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि वे जिस कंपनी में काम कर रहे थे, उसने पिछले तीन महीनों से उन्हें कोई वेतन नहीं दिया है.
भोजन की व्यवस्था करने में हो रही दिक्कत
मजदूरों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि अब उन्हें अपने भोजन की व्यवस्था करने में दिक्कत हो रही है और अब वो वापस लौटना चाहते हैं. गोमिया के विधायक लंबोदर महतो ने इस सोशल मीडिया के वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मैंने राज्य के श्रम विभाग के सचिव से बात की है और वहां फंसे हुए मजदूरों की दुर्दशा के बारे में बताया.
विधायक के अनुसार वहां फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया गया. इसके अलावा गिरिडीह के सांसद सीपी चौधरी ने विदेश मंत्रालय से इस मामले को उठाने की बात की है. साथ ही उन्होंने प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए मदद का अनुरोध किया.
वहां फंसे मजदूर में से एक विष्णुगढ़ ब्लॉक के 39 वर्षीय बासुदेव महतो ने व्हाट्सएप कॉल किया. उन्होंने टीओआई को बताया कि वहां कुल 44 मजदूर फंसे हैं. उन्होंने कहा कि 6 महीने पहले 12 जून को वो सब ताजिकिस्तान आ गए थे. उन्होंने बताया कि वो लोग ट्रांसमिशन लाइनों के लिए एक इंस्टॉलेशन पर काम कर रहे थे. उन्होंने व्हाट्सएप कॉल पर बताया कि हजारीबाग के विष्णुगढ़ प्रखंड के खरना निवासी पंचम महतो ने उन्हें झूठे वादे पर वहां भेजा था.
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Source: IOCL






















