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Jharkhand में सुखाड़ जैसे हालात, एक्शन प्लान तय करने के लिए कृषि मंत्री ने किया मंथन, जानें बड़ा अपडेट
Jharkhand Drought: झारखंड में अब तक औसत से 51 फीसद कम बारिश (Rain) हुई है. सुखाड़ के हालात को देखते हुए मंत्री बादल पत्रलेख ने कृषि वैज्ञानिकों के साथ बैठक की है.
![Jharkhand में सुखाड़ जैसे हालात, एक्शन प्लान तय करने के लिए कृषि मंत्री ने किया मंथन, जानें बड़ा अपडेट Drought Like Conditions in Jharkhand agriculture minister badal patralekh meeting with scientists Jharkhand में सुखाड़ जैसे हालात, एक्शन प्लान तय करने के लिए कृषि मंत्री ने किया मंथन, जानें बड़ा अपडेट](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/27/e82b941e2b8147951891e414933e8d221658900105_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Drought Like Conditions in Jharkhand: मानसून (Monsoon) की बेरुखी से झारखंड (Jharkhand) में सूखे की आहट नजर आ रही है. खेतों से नमी गायब है और किसानों (Farmers) के माथे पर चिंता का पसीना है. झारखंड में सुखाड़ के हालात और इससे निपटने के उपायों पर विचार-विमर्श के लिए राज्य सरकार ने मंगलवार को राज्य के प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों के साथ आपात बैठक कर उनसे सुझाव मांगे. बैठक में तय हुआ है कि, कृषि वैज्ञानिक (Agricultural Scientist) राज्य के 24 जिलों में अब तक हुई बारिश (Rain) की स्थिति को देखते हुए एक समेकित रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसके आधार पर आगे का एक्शन प्लान तय किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के निर्देश पर आयोजित हुई इस बैठक की अध्यक्षता कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) ने की.
51 फीसद कम बारिश हुई
बैठक में कृषि विभाग की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में अब तक औसत से 51 फीसद कम बारिश हुई है और राज्य के 24 में से 21 जिलों में स्पेशल केयर करने की जरूरत है. धान की बुआई में सबसे ज्यादा शॉर्ट फॉल दिखाई दे रहा है. 2021 में अब तक 36.74 क्षेत्र में धान की बुआई हो गई थी, जबकि इस वर्ष मात्र 14.11 प्रतिशत क्षेत्र ही कवर किया जा सका है.
किसानों को राहत देने के लिए की बैठक
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने ट्वीट कर कहा कि, ''विभागीय कार्यालय, रांची में राज्य में हो रही कम बारिश को लेकर किसान भाइयों को कैसे राहत दिया जाए (छोटी अवधि व लंबी अवधि के राहत), इसे लेकर विभागीय सचिव, विभागीय निदेशकों के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिकों एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों के साथ आपात बैठक कर विचार विमर्श किया.''
विभागीय कार्यालय,रांची में राज्य में हो रही कम बारिश को लेकर किसान भाइयों को कैसे राहत दिया जाए (छोटी अवधि व लंबी अवधि के राहत),इसे लेकर विभागीय सचिव, विभागीय निदेशकों के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिकों एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों के साथ आपात बैठक कर विचार विमर्श किया।@HemantSorenJMM pic.twitter.com/72sUlvu0ag
— BADAL (@Badal_Patralekh) July 26, 2022
'अन्य फसलों पर भी फोकस किया जाएगा'
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों पलामू प्रमंडल का दौरा किया था. गढ़वा में मात्र 1.5 प्रतिशत, पलामू में 0.25 रोपाई और लातेहार में 3 प्रतिशत रोपाई हुई है, पूरे राज्य से ऐसी ही रिपोर्ट है. कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुरूप दस्तावेज तैयार कर किसानों को जागरूक करने का अभियान चलाया जाएगा. राज्य में मल्टीक्रॉप को बढ़ावा देने के लिए चावल और गेहूं के साथ दाल, दलहन और अन्य फसलों पर भी फोकस किया जाएगा.
कृषि वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव
इस बीच बैठक में बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कृषि वैज्ञानिक केंद्र और आईसीएआर के कृषि वैज्ञानिकों ने झारखंड के इको सिस्टम के मुताबिक कम वक्त में पैदावार देने वाली फसलों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की जरूरत बताई. इसके अलावा डीएसआर मेथड पर काम करने और बीजों 75 फीसदी सब्सिडी देने, कृषि की पैदावार बढ़ाने के लिए सरफेस वाटर हार्वेस्टिंग पर नीति लागू करने और मिट्टी की नमी को बचाने के उपाय पर काम करने से सुझाव मिले.
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