पहलगाम हमला: भावुक हुए सीएम उमर अब्दुल्ला, 'माफी मांगने के शब्द नहीं, नेवी अफसर के विधवा को...'
Omar Abdullah Speech: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में कहा कि कोई कश्मीरी हमला नहीं चाहता है. 21 साल बाद मैंने ऐसे हमले देखे हैं. माफी मांगने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं.

Omar Abdullah Speech: जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने एक स्वर में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की. विशेष सत्र के दौरान निंदा प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे यकीन नहीं होता कि कुछ दिन पहले हम इस हाउस में थे. बजट और कई मुद्दों पर बहस हुई. अंतिम दिन हम चाय पी रहे थे और सोच रहे थे कि कश्मीर में अगला सत्र होगा. तब किसी ने नहीं सोचा था कि हमें यहां इस माहौल में मिलना पड़ेगा.
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''मैं उपराज्यपाल का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने हमारी रिक्वेस्ट पर यह सत्र बुलाया. हमारे मंत्रिमंडल में जब इस हमले के बाद बैठक बुलाई इस समय तय हुआ कि हम उपराज्यपाल से गुजारिश करेंगे कि वह एक दिन का सेशन बुलाए. यह सेशन इसलिए बुलाया गया क्योंकि ना सांसद और ना कि किसी और राज्य की असेंबली उन लोगों के दुख दर्द को उतना समझती है जितना यह जम्मू कश्मीर के असेंबली.''
उन्होंने कहा, ''स्पीकर साहब आप अपने आगे पीछे देखिए आपके आसपास ऐसे लोग बैठे हैं जिन्होंने अपनों को खोया है. किसी ने यहां अपने पिता को खोया किसी ने अंकल को. हम में से कितने हैं जिनके ऊपर हमले हुए.''
पूरा मुल्क इस हमले की लपेट में आया- उमर अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक...पूरा मुल्क इस हमले की लपेट में आया है. यह पहला हमला नहीं था. कई हमले होते देखे हैं. डोडा, अमरनाथ यात्रा, कश्मीरी पंडितों, सरदारों की बस्तियों पर हमले होते देखे. आम नागरिकों पर 21 साल के बाद इतना बड़ा हमला हुआ है.''
उमर अब्दुल्ला हुए भावुक
उन्होंने भावुक होते हुए कहा, ''मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री होने के नाते हमने लोगों को न्योता दिया था यहां आने के लिए. मेजबान होने के नाते मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं सभी को यहां से सुरक्षित भेजूं. नहीं भेज पाया. माफी मांगने के अल्फाज नहीं थे. क्या कहता उनको? छोटे बच्चों को...जिन्होंने अपने वालिद को खून में लिपटा देखा. उस नेवी अफसर के विधवा को, जिसकी शादी ही कुछ दिनों पहले हुई थी.''
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''मुझे कुछ लोगों ने पूछा था कि हमारा कसूर क्या है? हम कुछ दिन पहले ही पहली बार कश्मीर आए थे, छुट्टी मनाने के लिए और इस छुट्टी का अब हमें जिंदगी भर खामियाजा भुगतान पड़ेगा. जिनलोगों ने ये किया. इस हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया है.''

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Source: IOCL