'CM ने लाचारी की कड़वी दवा का स्वाद चखा', उमर अब्दुल्ला के वायरल वीडियो पर बोले मीरवाइज
Omar Abdullah Viral Video: मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि सीएम उमर अब्दुल्ला ने सत्ता की मनमानी और उसके बाद की लाचारी की कड़वी दवा का स्वाद चखा, जिसका सामना आम कश्मीरी हर रोज अलग-अलग रूपों में करते हैं.

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) ने आम कश्मीरियों की परेशानियों को लेकर चिंता जताते हुए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर तंज कसा है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी उम्मीद जताई कि आम लोगों के अधिकारों और उनके सम्मान की रक्षा के लिए वो ईमानदारी से काम करेंगे.
सीएम उमर अब्दुल्ला का वीडियो वायरल
दरअसल, सीएम अब्दुल्ला नक्शबंद साहिब कब्रिस्तान का गेट फांदकर अंदर गए. वो 1931 को डोगरा सेना की गोलीबारी में मारे गए 22 लोगों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. जैसे ही उमर अब्दुल्ला का काफिला पुराने शहर के खनयार इलाके में पहुंचा, वह अपनी गाड़ी से उतर गए और कब्रिस्तान तक पहुंचने के लिए एक किलोमीटर से अधिक पैदल चले, लेकिन अधिकारियों ने कब्रिस्तान का गेट बंद कर दिया था. इसके बाद सीएम कब्रिस्तान के मुख्य द्वार पर चढ़ गए और अंदर प्रवेश कर 'फातिहा' पढ़ा. उनका ये वीडियो वायरल है.
This is the physical grappling I was subjected to but I am made of sterner stuff & was not to be stopped. I was doing nothing unlawful or illegal. In fact these “protectors of the law” need to explain under what law they were trying to stop us from offering Fatiha pic.twitter.com/8Fj1BKNixQ
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 14, 2025
मीरवाइज उमर फारूक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''पावर हमें कम सीखने का अवसर देती है जबकि कोई जब बिना पावर के होता है तो उसे ज्यादा सीखने का मौका मिलता है. आज मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला साहब ने सत्तावादी मनमानी और उसके बाद की लाचारी की कड़वी दवा का स्वाद चखा, जिसका सामना आम कश्मीरी हर रोज अलग-अलग रूपों में करते हैं.''
Power teaches little, Powerlessness teaches more!
— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir) July 14, 2025
Today the CM sahab @omarabdullah tasted the bitter medicine of authoritarian high handedness and subsequent helplessness that common Kashmiri’s face everyday in different forms, as all agency and space is denied to them. Hoping…
'आम कश्मीरी को उनके अधिकार से वंचित रखा जाता है'
धर्मगुरु मीरवाइज उमर फारूक ने आगे कहा, ''उन्हें हर तरह की स्वतंत्रता और अधिकार से वंचित रखा जाता है. मुझे उम्मीद है कि यह अनुभव उनका ध्यान इस ओर ले जाएगा कि हर व्यक्ति की पहली प्राथमिकता क्या है- उनकी गरिमा और उनके मौलिक अधिकारों को बनाए रखना, साथ ही इसकी बहाली के लिए ईमानदारी से काम करना.''
शहीद दिवस पर मीरवाइज उमर फारूक किए गए नजरबंद
13 जुलाई को शहीद दिवस के मौके पर जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को छोड़कर सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और विपक्षी दलों के प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने दावा किया था कि 1931 में डोगरा सेना द्वारा मारे गए 22 लोगों को श्रद्धांजलि देने से उन्हें रोकने के लिए नजरबंद कर दिया गया. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने कहा था कि कश्मीर अपने बेटों और बेटियों के बलिदान की दर्दनाक गाथा का गवाह है. मीरवाइज फारूक शुक्रवार से नजरबंद थे.
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Source: IOCL






















