पहलगाम हमला: मसूद अजहर का जिक्र कर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा दावा- 'मैंने पहले ही कहा था, ये लोग माने नहीं'
Farooq Abdullah on Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले पर फारूक अब्दुल्ला ने दावा किया है कि इतने बड़े हमले में स्थानीय लोगों का हाथ है. उन्होंने कहा कि मसूद अजहर को छोड़ना भारत की गलती थी.

Farooq Abdullah on Masood Azhar: पहलगाम आतंकी हमले पर एक बार फिर नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा दावा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि इतना बड़ा और इतना गंभीर आतंकी हमला बिना लोकल सपोर्ट के हो ही नहीं सकता. इसमें जरूर अंदर वाले लोगों का हाथ होगा. वहीं, उन्होंने दावा किया कि मसूद अजहर को छोड़ना भारत की गलती थी.
'मैंने कहा था मौलाना अजहर को मत छोड़ो'- फारूक अब्दुल्ला
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ''मैं नहीं समझता हूं कि ये चीजें हो सकती हैं, जब तक कोई उनका साथ नहीं देगा. आतंकी वहां से आए और किस तरह आए? जब ये लोग मसूद अजहर को छोड़ रहे थे तो मैंने पहले भी कहा था कि मत छोड़िए क्योंकि ये सारी बातें जानता है. इसने अपने रास्ते बना रखे हैं. क्या पता इसमें उसका हाथ भी हो? हालांकि, उस समय किसी ने मेरी बात नहीं मानी.''
बैस रन घाटी, जहां आतंकी हमला हुआ था, उसकी दूरी LoC से करीब 150 किलोमीटर है. ऐसे में एजेंसियों और डिफेंस एक्सपर्ट्स का भी यही मानना है कि स्थानीय लोगों की मदद के बिना आतंकियों का इतने अंदर तक आना संभव नहीं हो सकता. एनआईए की जांच में भी ओवरग्राउंड वर्कर्स का हाथ होने की आशंका जताई गई. आतंकियों के लिए यह नई जगह थी, इसलिए बिनना मदद के वो न ही सुरक्षित ठिकाना ढूंढ सकते थे और न ही लॉजिस्टिक सपोर्ट पा सकते थे.
इस आतंकी हमले में लश्कर के टॉप कमांडर फारूक अहमद का हाथ होने का भी दावा किया जा रहा है. दावा है कि फारूक अहमद ने ओवरग्राउंड वर्कर्स का नेटवर्क तैयार किया, जिसके जरिए वो आतंकियों को देश में घुसने में मदद करता है.
कौन है मौलाना अजहर जिसकी रिहाई के खिलाफ थे फारूक अब्दुल्ला?
1999 के कंधार हाईजैक में आतंकियों ने मसूद अजहर की रिहाई की मांग भारत सरकार के सामने रखी थी. उस समय मसूद अजहर जम्मू-कश्मीर की कोट भलवाल जेल में बंद था. तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला मसूद अजहर की रिहाई के खिलाफ थे और उन्होंने केंद्र से कहा था कि अगर उसे छोड़ा गया तो वो देश के लिए खतरा बन सकता है, क्योंकि उसने अब तक जम्मू-कश्मीर के रास्तों की पहचान कर ली होगी.
हालांकि, भारत सरकार ने हाईजैक में फंसे लोगों की जान बचान के लिए, उस समय की मांग के अनुसार सोच-समझकर फैसला लिया था. यह वही मसूद अजहर है, जिसने बाद में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया और 2019 पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली.
Source: IOCL






















