Himachal Floods: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से तबाही, कई जिलों में स्कूल बंद, रेड अलर्ट जारी
Himachal Monsoon: हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. भूस्खलन और बाढ़ से कई जिलों में भारी नुकसान हुआ है, सड़कें बंद हैं और बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित है.

हिमाचल प्रदेश में शुरू से मानसून कहर बरपा रहा है. भारी बारिश के चलते पूरे प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जगह-जगह भूस्खलन, जलभराव और नदियों-नालों के उफान से लोग परेशान हो गए हैं. चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, लाहौल स्पीति, मंडी और कुल्लू में बारिश के रौद्र रूप ने प्रदेश को भारी नुकसान पहुंचाया है. भारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए चंबा, कांगड़ा, मंडी और ऊना जिलों में मंगलवार (26 अगस्त) को भी सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे.
इसी तरह कुल्लू जिला के मनाली, बंजार और कुल्लू उपमंडलों में भी छुट्टी घोषित की गई है. इससे पहले सोमवार को आठ जिलों में अवकाश रहा. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए यानी 26 अगस्त को चंबा और कांगड़ा जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है. कुल्लू और मंडी जिलों में ऑरेंज अलर्ट, जबकि ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में येलो अलर्ट लागू रहेगा. 27 से 31 अगस्त तक अधिकांश जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा.
कहां कितनी हुई बारिश
बीते 24 घंटों में बिलासपुर जिला के काहू में सर्वाधिक 190 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है. वहीं चंबा जिला के जोत में 159, बिलासपुर के बरठीं में 156, नैना देवी में 148, घाघस में 148, बिलासपुर में 140, चंबा जिला के भटियात में 140, मलरान में 120, अंब में 111, अघ्घर में 110, बंगाणा में 104, रायपुर मैदान में 98, घुमरूर में 95, भरवाईं में 94, नादौन में 94, सलापड़ में 90, मुरारी देवी में 90, धर्मशाला में 87, भरेड़ी में 85, कसौली में 85, सुंदरनगर में 84, बलद्वारा में 84 मिमी वर्षा हुई है.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार शाम तक भूस्खलन और मलबा गिरने से दो नेशनल हाईवे समेत 793 सड़कें बंद रहीं. इनमें मंडी में 288, चंबा में 214, कुल्लू में 131 और सिरमौर में 41 सड़कें शामिल हैं. मंडी में नेशनल हाईवे-3 (मंडी-कुल्लू) और कुल्लू में नेशनल हाईवे-305 (आनी-जलोढ़ी) बंद रहा. 956 बिजली ट्रांसफार्मर और 517 पेयजल योजनाएं भी ठप रहीं. इनमें चंबा में 390, सोलन में 172, मंडी में 130, हमीरपुर में 97, लाहौल-स्पीति में 84 और कुल्लू में 52 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए. पेयजल योजनाओं में चंबा की 182, कांगड़ा की 148, हमीरपुर की 95 और कुल्लू व मंडी की 33-33 स्कीमें बंद पड़ी हैं.
अकेले मंडी में 1500 मकानों को नुकसान
इस बार के मानसून ने अब तक भारी तबाही मचाई है. 20 जून से अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 306 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 लोग लापता और 360 लोग घायल हैं. मंडी में सबसे ज्यादा 51, कांगड़ा में 48, चंबा में 36, शिमला में 28, किन्नौर व कुल्लू में 26-26 और अन्य जिलों में भी जानें गई हैं. प्रदेशभर में अब तक 3,186 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 693 पूरी तरह ढह गए. अकेले मंडी में 1,500 मकानों को नुकसान हुआ, जिनमें 490 पूरी तरह टूट गए. इसके अलावा 470 दुकानें और 2,819 पशुशालाएं भी प्रभावित हुई हैं. 1,843 पालतू पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षी मारे जा चुके हैं.
राज्य को करीब 2394 करोड़ रुपये का नुकसान
प्रदेश को अब तक करीब 2,394 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1,310 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 813 करोड़ रुपये की क्षति हुई है. इस मानसून में अब तक 77 बार फ्लैश फ्लड, 81 बार भूस्खलन और 41 बार बादल फटने की घटनाएं हुई हैं. लाहौल-स्पीति में सबसे ज्यादा 42 बार फ्लैश फ्लड आया. बादल फटने की सबसे ज्यादा 18 घटनाएं मंडी में हुई. बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई.
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Source: IOCL























