हिमाचल: GST बदलाव पर मंत्री हर्षवर्धन चौहान बोले- 'उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ, राज्यों की बढ़े हिस्सेदारी'
Himachal Pradesh: हर्षवर्धन चौहान ने GST बदलाव को लेकर कहा कि उपभोक्ताओं को इससे लाभ मिलेगा, लेकिन राज्यों की हिस्सेदारी घटने की चिंता जताई. उन्होंने NHAI की कटिंग पर गडकरी से विशेष राहत पैकेज मांगा.

हिमाचल प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जीएसटी स्लैब में किए गए हालिया बदलावों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इन बदलावों से उपभोक्ताओं को तो राहत जरूर मिलेगी, लेकिन राज्य सरकारों की हिस्सेदारी पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. चौहान के मुताबिक, छोटे राज्यों के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि उनकी आय का बड़ा हिस्सा जीएसटी से ही आता है.
उन्होंने दावा किया कि कई भाजपा शासित राज्य भी इस मुद्दे पर अपनी असहमति जता रहे हैं. भले ही वे इसे खुले तौर पर नहीं कह रहे, लेकिन दबी जुबान में उनकी भी मांग है कि राज्यों को जीएसटी की हिस्सेदारी में वृद्धि मिलनी चाहिए. चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि राज्यों की वित्तीय स्थिति पर कोई संकट न आए.
NHAI को लेकर गडकरी के बयान पर प्रतिक्रिया
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के उस बयान का समर्थन भी किया, जिसमें उन्होंने एनएचएआई की कार्यशैली और सड़कों की बेतरतीब कटिंग को लेकर सच्चाई स्वीकार की थी. चौहान ने कहा कि हिमाचल में सड़कों के निर्माण के नाम पर बड़े पैमाने पर कटिंग की जा रही है, जो प्रदेशवासियों के लिए आफत बन चुकी है. स्थानीय लोग पहले से ही एनएचएआई की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठा रहे थे और अब गडकरी के बयान ने उनकी चिंताओं को सही साबित कर दिया है.
आपदा प्रभावित हिमाचल की स्थिति
हिमाचल प्रदेश हाल के दिनों में आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को आपदाग्रस्त घोषित कर दिया है. चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार को तुरंत विशेष राहत पैकेज घोषित करना चाहिए ताकि पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य तेजी से हो सके. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सहायता प्रदान की जाए.
इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर हिमाचल के लिए मदद की गुहार लगाई थी. उन्होंने कहा कि आपदा से हुए नुकसान की भरपाई केवल राज्य सरकार के बूते की बात नहीं है. केंद्र से विशेष पैकेज ही इस संकट से निपटने का एकमात्र विकल्प है.
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