आसमानी आफत के बीच हिमाचल प्रदेश में फिर आया भूकंप, इस बार चंबा में हिली धरती
Chama Earthquake: हिमाचल प्रदेश के मंडी में 20 अगस्त को सुबह 4 तीव्रता का भूकंप आया. लोग घरों से बाहर भागे, लेकिन जान-माल का नुकसान नहीं हुआ.
हिमाचल प्रदेश के मंडी में बुधवार (20 अगस्त) की सुबह करीब 4.30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4 दर्ज की गई है. घरों में सोते हुए लोग अचानक धरती हिलने से जग गए और बाहर की ओर भागे. गनीमत रही कि इस भूकंप में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है.
दरअसल, हिमाचल में लगातार बादल फटने, बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के बीच लोग ऐसे ही डरे हुए हैं. ऐसे में भूकंप आने से वे दहशत में आ गए. हालांकि, भूकंप छोटा ही था लेकिन लोगों को सतर्क करने के लिए काफी था.
इससे पहले कांगड़ा में आया था भूकंप
हिमाचल प्रदेश में दो दिन के अंदर भूकंप के दो झटके आए. सोमवार (18 अगस्त) की रात करीब 9.30 बजे कांगड़ा जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस समय भी लोग डरकर घरों से बाहर भागे थे. इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी.
2 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून के आगमन के बाद से अब तक राज्य को वर्षाजनित घटनाओं के कारण 2,211 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्य में अब तक 74 बार अचानक बाढ़, 38 बार बादल फटने और भूस्खलन की 72 बड़ी घटनाएं हुई हैं. करीब 143 लोगों की मौत हो गई है और 37 लोग लापता हैं.
कुल्लू में तबाही के बीच बंद हुए स्कूल-कॉलेज
कुल्लू जिले के कानोन गांव में 18 अगस्त की रात को फिर बादल फटा था, जिससे अचानक आई बाढ़ में एक पुल और तीन दुकानें बह गईं. कई क्षेत्रों में भूस्खलन होने से जिला प्रशासन ने मंगलवार (19 अगस्त) को कुल्लू और बंजार उपमंडलों में स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्रों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया.
हिमाचल की 357 सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के मुताबिक, मंगलवार (19 अगस्त) की शाम को नेशनल हाईवे 305 (औट-सैंज मार्ग) सहित राज्य में कुल 357 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं. इनमें से 179 सड़कें मंडी जिले में और 105 निकटवर्ती कुल्लू जिले में थीं. एसईओसी के अनुसार, 872 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 140 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं.
Source: IOCL

























